भोपाल। 21 जून को सबसे ज्यादा एक दिन में 17 लाख वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने वाला मध्यप्रदेशा अब वैक्सीनेशन के मामले में पिछड़ता जा रहा है. प्रदेश में ऐसे लोग जिन्हें वैक्सीन का पहला डोज लग चुका उनका आंकड़ा भले ही थोड़ी राहत देता हो, लेकिन सेकेंड डोज के आंकड़े देखें तो इस मामले में प्रदेश फिसड्डी साबित हो रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में दिए गए हलफनामे में सितंबर तक सभी को पहला डोज और दिसंबर तक प्रदेश में टोटल वैक्सीनेशन किए जाने का दावा किया गया है.
सितंबर तक 18 साल से ऊपर वालों को पहला डोज कंपलीट!
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि सितंबर तक 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का पहली डोज का वैक्सानेशन कंप्लीट कर लिया जाएगा. इसके अलावा सरकार की तरफ से कहा गया है कि दिसंबर तक प्रदेश की पूरी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी जाएंगी. सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की गई 11वीं एक्शन टेकन रिपोर्ट में यह दावा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2021 तक 18 साल के ज्यादा उम्र की पूरी आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी. इसी के साथ दिसंबर तक 18 साल से ज्यादा उम्र की पूरी आबादी को दोनों डोज लगा दी जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.
मंगलवार को सामने आए कोरोना के 10 नए मामले
मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 10 नए मामले सामने आए. इसके बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या 7,91,980 हो गई है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में किसी भी व्यक्ति की कोरोना से मौत नहीं हुई है. प्रदेश में वर्तमान में 136 मरीज इलाज करा रहे हैं. जबकि अब तक 7,81,330 मरीज कोरोना मुक्त हो चुके हैं. प्रदेश में मंगलवार को 36,474 लोगों को वैक्सीन लगाई गई इसके साथ ही प्रदेश में मंगलवार तक 3,55,48,721 लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी हैं. इस बीच देवास प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया गया है जहां पहले डोज का 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है. सीएम शिवराज ने इस उपलब्धि को लेकर जिला प्रशासन को बधाई दी है.
11 अगस्त बुधवार को फर्स्ट और सेकेंड डोज का अंतर
मध्यप्रदेश में कुल वैक्सीनेशन - 11 जुलाई - फर्स्ट डोज 3, 02, 70,341
11 जुलाई - सेकेंड डोज- 58, 26, 026
11 जुलाई- टोटल वैक्सीनेशन - 3 करोड़ 60लाख 96 हजार 367
भोपाल- फर्स्ट डोज - 16,03, 260 सेकेंड डोज- 4,44, 880
इंदौर- फर्स्ट डोज - 25,50,146 , सेकेंड डोज - 6,72.687
जबलपुर- फर्स्ट डोज - 12,65, 200, सेकेंड डोज- 3,27,325
ग्वालियर- फर्स्ट डोज - 10,07, 874 सेकेंड डोज- 2,42,201
सेकेंड डोज में फिसड्डी है एमपी !
मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन एक-एक दिन छोड़कर किया जाता है. हर दिन सरकार 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य रखती है, लेकिन वैक्सीन की कमी सरकार के लक्ष्य के आगे आ रही है. वैक्सीन की कमी का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं. प्रदेश के कई क्षेत्रों में वैक्सीन के लिए भगदड़ और मारपीट जैसी तस्वीर सामने आ चुकी है. पहले डोज में रिकॉर्ड बनाने वाली सरकार दूसरे डोज के लिए उदासीन नजर आ रही है.
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सिर्फ 58 लाख लोगों को लगा दूसरा डोज
भारत सरकार के वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए कोविन-एप्प पर जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो मध्यप्रदेश में 11 अगस्त बुधवार तक लगभग 2 करोड़ 90 लाख वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं. जिसमें 3 करोड़ 02 लाख 70 हजार 341 लोगों पहला डोज और मात्र 58 लाख 26 हजार 026 लोगों को दूसरा डोज लग पाया है.
इस रफ्तार से दिसंबर में लक्ष्य पूरा होना मुश्किल
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल की गई अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा है कि वह दिसंबर तक राज्य में टोटल वैक्सीनेशन कंप्लीट कर लेगी. जबकि इस मामले में कांग्रेस मध्य प्रदेश सरकार की तैयारियों और वैक्सीेन की उरलब्धा पर शुरू से ही सवाल उठाती रही है. कांग्रेस का आरोप है कि एमपी सरकार वैक्सीनेशन की तेजी बरकरार रखने में विफल साबित हुई है. कांग्रेस का आरोप है कि कि एमपी सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने में लगी है, जबकि जमीनी हकीकत आंकड़ों में दिखाई दे रही है. कांग्रेस का कहना है कि जिस रफ्तार से एमपी में वैक्सीनेशन हो रहा है इस रफ्तार से दिसंबर तक प्रदेश में 100 फीसदी वैक्सीनेशन होना नामुमकिन है.
हफ्ते में सिर्फ 4 दिन होता है वैक्सीनेशन
दरअसल मध्य प्रदेश में वैक्सीन की कमी से निपटने के लिए अलग फॉर्मूला तैयार कर रखा है. इसके तहत प्रदेश में सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार को ही वैक्सीनेशन किया जाता है. इस तरह वैक्सीन की कमी नहीं होती है. सरकार के पास 1-2 दिन में वैक्सीन का नया स्टॉक आ जाता है और वैक्सीनेशन सुचारू रूप से चलता रहता है. लेकिन इस फॉर्मूले की वजह से प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो रही है. क्योंकि प्रदेश में एक हफ्ते में सिर्फ 4 दिन ही वैक्सीनेशन किया जा रहा है.