भोपाल। राजधानी में गुरुवार से सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है. इस प्रशिक्षण शिविर में जो साहित्य सेवादल के प्रशिक्षणार्थियों को बांटा जा रहा है, उसमें सावरकर और आरएसएस के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इस किताब पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने इस साहित्य को लेकर साफ तौर पर कहा है कि, सेवादल देश की भावना के विपरीत काम करने वालों को उजागर कर रहा है.
शिविर में बांटे गए साहित्य में सावरकर को माफी मांगने वाले और अंग्रेजों की दासता मंजूर करने वाले नेता के तौर पर बताया गया है. सेवा दल के राष्ट्रीय प्रमुख लालजी देसाई ने आरएसएस को देशद्रोही, संविधान और तिरंगे को ना मानने वाला संगठन कहा है. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने संविधान, जन गण मन और तिरंगे का विरोध हमेशा किया है.
कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, 'बीजेपी के नेता आतंकी गोडसे को देशभक्त बनाने में लगे हैं. 1909 के पहले सावरकर ने निश्चित अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था, लेकिन 1910 के बाद जब माफी मांगना शुरू किया, तो उन्होंने एक बार नहीं 9 बार माफी मांगी और अंग्रेजों की गुलामी भी शुरू की. बीजेपी ऐसे व्यक्तित्व को देश के अंदर स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जो देशवासियों की सोच और भावना के विपरीत अंग्रेजों के साथ चले गए थे.
शर्मा ने कहा कि, सेवादल का काम जनता के बीच जागृति लाना और जनता के बीच इतिहास प्रस्तुत करना है. जनता को गुमराह करने वालों की कलई खोलना है, उन्होंने कहा कि सेवादल अपने काम में लगा हुआ है. लोगों को उनके काम का समर्थन करना चाहिए.