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सावरकर विरोधी साहित्य पर बोली कांग्रेस, 'देश के खिलाफ काम करने वालों को उजागर कर रहा सेवादल'

सावरकर और आरएसएस विरोधी साहित्य पर लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है, बीजेपी ने जहां सेवा दल आरोपों पर आपत्ति दर्ज करवाई है, तो वहीं कांग्रेस ने आरोपों का सही बताया है.

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Published : Jan 2, 2020, 7:06 PM IST

Madhya Pradesh Congress statement on controversial Savarkar literature
कांग्रेस का पलटवार

भोपाल। राजधानी में गुरुवार से सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है. इस प्रशिक्षण शिविर में जो साहित्य सेवादल के प्रशिक्षणार्थियों को बांटा जा रहा है, उसमें सावरकर और आरएसएस के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इस किताब पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने इस साहित्य को लेकर साफ तौर पर कहा है कि, सेवादल देश की भावना के विपरीत काम करने वालों को उजागर कर रहा है.

कांग्रेस का पलटवार

शिविर में बांटे गए साहित्य में सावरकर को माफी मांगने वाले और अंग्रेजों की दासता मंजूर करने वाले नेता के तौर पर बताया गया है. सेवा दल के राष्ट्रीय प्रमुख लालजी देसाई ने आरएसएस को देशद्रोही, संविधान और तिरंगे को ना मानने वाला संगठन कहा है. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने संविधान, जन गण मन और तिरंगे का विरोध हमेशा किया है.


कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, 'बीजेपी के नेता आतंकी गोडसे को देशभक्त बनाने में लगे हैं. 1909 के पहले सावरकर ने निश्चित अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था, लेकिन 1910 के बाद जब माफी मांगना शुरू किया, तो उन्होंने एक बार नहीं 9 बार माफी मांगी और अंग्रेजों की गुलामी भी शुरू की. बीजेपी ऐसे व्यक्तित्व को देश के अंदर स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जो देशवासियों की सोच और भावना के विपरीत अंग्रेजों के साथ चले गए थे.
शर्मा ने कहा कि, सेवादल का काम जनता के बीच जागृति लाना और जनता के बीच इतिहास प्रस्तुत करना है. जनता को गुमराह करने वालों की कलई खोलना है, उन्होंने कहा कि सेवादल अपने काम में लगा हुआ है. लोगों को उनके काम का समर्थन करना चाहिए.

भोपाल। राजधानी में गुरुवार से सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है. इस प्रशिक्षण शिविर में जो साहित्य सेवादल के प्रशिक्षणार्थियों को बांटा जा रहा है, उसमें सावरकर और आरएसएस के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इस किताब पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने इस साहित्य को लेकर साफ तौर पर कहा है कि, सेवादल देश की भावना के विपरीत काम करने वालों को उजागर कर रहा है.

कांग्रेस का पलटवार

शिविर में बांटे गए साहित्य में सावरकर को माफी मांगने वाले और अंग्रेजों की दासता मंजूर करने वाले नेता के तौर पर बताया गया है. सेवा दल के राष्ट्रीय प्रमुख लालजी देसाई ने आरएसएस को देशद्रोही, संविधान और तिरंगे को ना मानने वाला संगठन कहा है. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने संविधान, जन गण मन और तिरंगे का विरोध हमेशा किया है.


कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, 'बीजेपी के नेता आतंकी गोडसे को देशभक्त बनाने में लगे हैं. 1909 के पहले सावरकर ने निश्चित अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था, लेकिन 1910 के बाद जब माफी मांगना शुरू किया, तो उन्होंने एक बार नहीं 9 बार माफी मांगी और अंग्रेजों की गुलामी भी शुरू की. बीजेपी ऐसे व्यक्तित्व को देश के अंदर स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जो देशवासियों की सोच और भावना के विपरीत अंग्रेजों के साथ चले गए थे.
शर्मा ने कहा कि, सेवादल का काम जनता के बीच जागृति लाना और जनता के बीच इतिहास प्रस्तुत करना है. जनता को गुमराह करने वालों की कलई खोलना है, उन्होंने कहा कि सेवादल अपने काम में लगा हुआ है. लोगों को उनके काम का समर्थन करना चाहिए.

Intro:भोपाल। राजधानी में आज से सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है। इस प्रशिक्षण शिविर में जो साहित्य सेवादल के प्रशिक्षणार्थियों को बांटा जा रहा है। उसमें सावरकर और आरएसएस एसएस के खिलाफ कई जानकारियां दी गई हैं। साहित्य में सावरकर को माफी मांगने वाले और अंग्रेजों की दासता मंजूर करने वाले नेता के तौर पर बताया गया है। वहीं सेवा दल के राष्ट्रीय प्रमुख लालजी देसाई ने आरएसएस को देशद्रोही, संविधान और तिरंगे को ना मानने वाला संगठन है। इसको लेकर मप्र कांग्रेस का कहना है कि सावरकर ने एक बार नहीं 9 बार माफी मांगी और अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार की। सेवादल का काम लोगों में जागृति लाना है,सेवादल अपना काम कर रहा है। जहां तक आरएसएस की बात है,तो संविधान,जन गण मन और तिरंगे का विरोध आरएसएस ने हमेशा किया है। इसलिए सेवादल के काम की आलोचना नहीं समर्थन होना चाहिए।


Body:इस बारे में मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से भाजपा के नेता देश के प्रथम मुख्य आतंकी गोडसे को देशभक्त बनाने में लगे हैं। जिस तरीके से 1909 के पहले सावरकर ने निश्चित अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। लेकिन 1910 के बाद जब माफी मांगना शुरू किया,तो उन्होंने एक बार नहीं 9 बार माफी मांगी और अंग्रेजों की गुलामी भी शुरू की। सवाल उठता है कि ऐसे व्यक्तित्व को किस तरीके से देश के अंदर स्थापित करने का प्रयास भाजपा कर रही है। जो देशवासियों की सोच और भावना के विपरीत अंग्रेजों के साथ चले गए थे। लोगों को इन बातों को जानना चाहिए। सेवादल का काम जनता के बीच जागृति लाना और जनता के बीच इतिहास प्रस्तुत करना है। जनता को गुमराह करने वालों की कलाई खोलना है।सेवादल अपने काम में लगे हुए हैं,उनके काम को सभी का समर्थन करना चाहिए। क्योंकि देश को सत्य से अभिव्यक्त होना चाहिए। सत्य के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ बोलने का साहस होना चाहिए। इसलिए सेवादल के अंदर इस तरह की बातें और जानकारियां साथियों को दी जा रही हैं।


Conclusion:वही लालजी देसाई के आरएसएस को राष्ट्र द्रोही बताने और संविधान को ना मानने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के संविधान का किसी ने विरोध किया था,तो वह आरएसएस है। यदि राष्ट्रध्वज को हिंदुस्तान मैं आज तक कोई आत्मसात नहीं कर पाया, तो वह आरएसएस है। हमने खुद उनके कार्यालय पर जाकर तिरंगा फहराने का काम किया। कई जगह हम फहराने में सफल भी हुए, कई जगह पुलिस प्रशासन ने फहराने नहीं दिया। आज भाजपा जो आर एस एस के मार्गदर्शन पर चल रही है, वह भी आज विरोधाभास फैलाने का काम कर रही है। आर एस एस निश्चित हिंदुस्तान के संविधान के खिलाफ रहा, आर एस एस हिंदुस्तान के झंडे के खिलाफ और जन गण मन के खिलाफ रहा। तो उन्होंने हर चीज में देश की भावना को जोड़ा और देश को संगठित कर सशक्त बनाने का विरोध किया। ऐसे में उनके वक्तव्य का विरोध नहीं समर्थन होना चाहिए।
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