भोपाल। देश की राजधानी नई दिल्ली (Delhi) मध्यप्रदेश का नया भवन बनकर तैयार हो गया है. मुख्यमंत्री सीएम शिवराज आज गुरुवार को भवन का लोकार्पण करेंगे. लोकार्पण कार्यक्रम में सूबे के सभी मंत्री, लोकसभा-राज्यसभा सदस्य, विधायक सम्मिलित होंगे. लोकार्पण के बाद भवन में शिवराज कैबिनेट की मीटिंग होगी. बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश भवन की आधारशिला पूर्व सीएम कमलनाथ ने 2019 में रखी थी, 3 साल के बाद भवन बनकर तैयार हुआ है.
शिवराज सरकार का दिल्ली में डेरा: एमपी की शिवराज कैबिनेट की बैठक आज दिल्ली में है. दिल्ली में पांच सितारा एमपी भवन का उद्घाटन में शामिल होने प्रदेश के मंत्री दिल्ली पहुंचे हैं. लेकिन बीजेपी इलेक्शन मोड में आ चुकी है. लिहाजा दिल्ली में एमपी के सांसदों के साथ बैठक भी होगी, जिसमें प्रदेश कार्यसमिति में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन और पांच फरवरी से शुरु होने जा रही विकास यात्राओँ को लेकर चर्चा होगी.
नए तेवर के साथ नए भवन में कैबिनेटः मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, यह साल शिवराज सरकार के लिए परीक्षा का साल है. जिसे देखते हुए शिवराज सरकार ने 2 फरवरी को मध्यप्रदेश भवन के लोकार्पण के दिन कैबिनेट की बैठक करने का फैसला लिया है. बता दें कि सीएम शिवराज हर साल कैबिनेट की बैठक को खास बनाने की कोशिश में रहते हैं, इसलिए देश की राजधानी दिल्ली में बैठक की जा रही है. इससे पहले मार्च में पचमढ़ी की वादियों में कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई थी, जिसे चिंतन बैठक का नाम दिया गया था.
आडिटोरियम, भोजनालय सब कुछ मिलेगा MP भवन में: यह भवन लग्जरी सुविधाओं से लैस है. भवन में आधुनिक सुविधाओं जिसमें शासकीय बैठकें और बिजनेस मीट जैसे कार्यक्रम किये जा सकते हैं. यह भवन दिल्ली के चाणक्यपुरी में 150 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ एकड़ में बनाया गया है. भवन में कुल 104 कमरे हैं, साथ ही 250 लोगों के बैठने के लिए आडिटोरियम भी बनाया गया है. यह भवन देखने में किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है. इसके अलावा इस भवन में मीटिंग हाल, कन्वेंशन हॉल और एक भोजनालय की भी सुविधा है.
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भवन में देखने को मिलेगी MP की संस्कृति की झलक: भवन में साथ मध्यप्रदेश के जीवन मूल्यों, परम्पराओं, आस्थाओं, स्थापत्य कला, प्राकृतिक सुदंरता और महापुरूषों के आदर्शों की जानकारी मिलती है. भवन 6 मंजिला है, प्रत्येक फ्लोर पर प्रदेश की अलग संस्कृति को दर्शाया गया है. भवन में बाहर से लेकर अंदर तक हर कदम पर राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक, कला और परंपरा ही नजर आती है. बता दें कि दिल्ली में इस भवन की आधारशिला कांग्रेस की सरकार में 12 जनवरी 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रखी थी.
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CM शिवराज ने दिए थे संस्कृति को दिखाने के निर्देश: बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये थे कि मध्यप्रदेश की परम्पराओं और आस्थाओं को समाहित करते हुए महाकालेश्वर (Mahakaleshwar mandir) और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar jyotirlinga), अमरकंटक, मितावली मंदिर, संदीपनि आश्रम और ओरछा के राम राजा मंदिर (Orcha ram mandir) के साथ साँची, खजुराहो (Khajuraho), असीरगढ़ और मांडू (Mandu) की स्थापत्य कला का किसी न किसी रूप में भवन में समावेश होना चाहिए. रधुनाथ शाह, शंकरशाह, टंट्याभील, भीमा नायक और रानी लक्ष्मी बाई जैसे प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों के आदर्शां की झलक भी नये भवन में दिखनी चाहिए.