भोपाल। मध्य प्रदेश में एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीजों को ठेलों पर अस्पताल ले जाने की खबरों ने भोपाल के एक ऑटो चालक को इतना परेशान कर दिया कि उसने अपने ऑटो को ही एंबुलेंस बना दिया. भोपाल की सड़कों पर दौड़ रहा ऑक्सीजन सिलेंडर लगा हुआ ये ऑटो लोगों की चर्चा में बना हुआ है. अब ये ऑटो वाला कोरोना मरीजों को मुफ्त में अस्पतालों तक छोड़ रहा है. हैरानी की बात ये है कि इस ऑटो चालक ने इसकी व्यवस्था करने के लिए अपनी पत्नी के सोने के गहने बेचना पड़े.
कोरोना मरीजों को पहुंचा रहा अस्पताल
राजधानी भोपाल का ये आटो चालक अपने आटो को एंबुलेंस में बदलकर लोगों की सेवा में जुटा है. इस आटो एंबुलेंस में सेनेटाइजर, आक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सी मीटर से लेकर पीपीआई किट तक की तमाम व्यवस्था है. आटो चालक जावेद अब तक 12 से ज्यादा मरीजों को उनके घर से अस्पताल तक पहुंचा चुका है. ऑटो ड्राइवर जावेद का कहना है कि एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीजों को कंधों पर और हाथ ठेलों पर ले जाने की तस्वीरें उसने अखबरों में देखी थी, इसके बाद उसने ऐसे ही लोगों की सेवा करने की ठानी और अपने ऑटो को ऑटो एंबुलेंस में बदल दिया.
कोरोना मरीजों के लिए 24 घंटे मुफ्त में सेवा
अब जावेद के मोबाइल पर जैसे ही लोगों के फोन आते हैं, वो तुरंत आटो स्टार्ट कर मरीज के घर की तरफ रवाना हो जाता हैं. जावेद ने बताया कि वो 24 घंटे बिना कोई शुल्क लिए लोगों की सेवा कर रहे हैं. इस दौरान वो किसी सामान्य सवारी को अपने ऑटो में नहीं बैठाते हैं. किसी भी मरीज को ऑटो में बैठाने से पहले जावेद खुद मरीज का ऑक्सीजन लेवल चेक करते हैं. अगर ऑक्सीजन लेवल कम लगता है तो वो ऑटो मे मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर से मरीज को ऑक्सीजन देते हैं.
पत्नी के गहने बेचकर की व्यवस्था
जावेद ने बताया कि उसके पास ये सारी व्यवस्था करने के लिए पैसे नहीं थे. लेकिन लोगों को परेशान होता देख उससे रहा नहीं गया और उसने पैसों की व्यवस्था करने के लिए अपनी पत्नी का सोने का आभूषण बेच दिया. जावेद का कहना है कि मानव सेवा करके मैं अपना फर्ज निभा रहा हूं. हम किसी की जान नहीं बचा सकते लेकिन हम किसी की जान बचाने का जरिया जरूर बन सकते हैं.