भोपाल। राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते संजीवनी बनी ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. ज्यादातर ऑक्सीजन भेल से सप्लाई हो रही है. ऐसे में सैकड़ों वाहनों की कतार बीएचएल गेट के छह नंबर पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. ज्यादातर अस्पतालों में 2 से 4 घंटे तक की ऑक्सीजन बची हुई है.
- सैकड़ो की संख्या में एम्बुलेंस लाइन में लगी
राजधानी भोपाल में ज्यादातर कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है. तस्वीरों में दिख रही एंबुलेंस इस बात की गवाही दे रही हैं कि यहां के कितने लोगों को इस समय ऑक्सीजन संजीवनी की तरह काम कर रही है. कई एंबुलेंस देर रात से अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं. बीएचईएल गेट नंबर 6 के बाहर सैकड़ों की संख्या में एंबुलेंस और अन्य वाहन ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन कई घंटों इंतजार के बाद ऑक्सीजन मिल रही है.
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- रोज भरते है 700 सिलेंडर
भेल के अधिकारी राजेश साही का कहना है कि रोज करीब 700 सिलेंडर भेल से भरे जाते हैं. देर रात से अलग-अलग अस्पतालों की एंबुलेंस चालकों का कहना है कि वह रात भर से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. तस्वीरों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि कई एंबुलेंस चालक इंतजार करते-करते सड़क किनारे सो रहे हैं. जब उनसे ऑक्सीजन को लेकर बात की तो सबका यही कहना है कि 2 से 4 घंटे की ऑक्सीजन उनके अस्पताल में बची है. लगभग हर अस्पताल में 20 से 25 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे हैं. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में सरकार के दावें कितने सही हैं.
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- दूसरे राज्यों से आ रही है ऑक्सीजन
ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति के लिए सरकार अन्य राज्यों से भी ऑक्सीजन मंगा रही है. लेकिन भोपाल और प्रदेश के अन्य हिस्सों में अभी भी लगातार ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है.