भोपाल। लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि गरीब परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाएगा. चाहे किसी के पास राशन कार्ड हो या ना हो. इसके अलावा दूसरे जिलों से मजदूरी करने आए मजदूरों को राशन की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन राजधानी में कई इलाके ऐसे हैं, जहां मजदूरों को राशन नहीं मिल पा रहा है. उनका आरोप है कि सरकार ने महज 500 रुपए खाते में डालकर खानापूर्ति कर दी है. अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था.
मजदूरों का कहना है कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है. खाना एक टाइम का मिलता है. तो दूसरे टाइम का कोई ठिकाना नहीं रहता है. जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एक आंकड़े के मुताबिक राजधानी में करीब 20 हजार मजदूर हैं. इनके कई ऐसे मजदूर हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. हालांकि इनके भोजन के इंतजाम की जिम्मेदारी नगर निगम और खाद्य विभाग को दी है. नगर निगम ने शहर के 85 वार्ड के लिए 85 गाड़ियां अधिकृत की हैं, जो यहां खाना बांटने का काम सौंपा गया है.