भोपाल। बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह पर प्रशासन द्वारा जुर्माना लगाने के मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कड़ा विरोध जताया है. भार्गव ने कहा कि आजादी के 72 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रशासन ने जनप्रतिनिधि पर आंदोलन या चक्का जाम के विरूद्ध में 23 लाख 76 हजार का जुर्माना लगाया है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे कौन से अधिकारी हैं, जो भोपाल में नई रेखा खींचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कलेक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे कलेक्टर राजधानी में कलेक्ट्री करने लायक नहीं हैं, क्योंकि यहां प्रदेश भर से लोग आते हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता रहेगा तो लोकतंत्र की हत्या हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि अगर लोगों को समस्याएं होगी, तो लोग इसके खिलाफ आंदोलन भी करेंगे और प्रदर्शन भी करेंगे. ऐसा अजूबा मध्यप्रदेश में देखने को मिला है. गोपाल भार्गव ने कहा कि पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह के साथ बीजेपी के नेता ही नहीं बल्कि कांग्रेस विधायकों ने भी इस जुर्माने का विरोध किया है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि पूर्व विधायक को एक पैसा का जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है, अगर प्रशासन उनके साथ जबरदस्ती करता है तो उन्होंने अपने बयान में कहा कि फिर हम ठीक करेंगे इसको.
सुरेंद्र सिंह पर लगे जुर्माने को लेकर 1 दिन पूर्व कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी कहा था, कि यह लोकतंत्र में गलत परिभाषा होगी. इस तरीके का जुर्माना लगाना गलत है. तो वहीं सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने भी सुरेंद्रनाख सिंह का बचाव करते हुए कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करना जायज है. उन पर जुर्माना ठीक नहीं है.