भोपाल। स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जितनी बड़ी कलाकार थीं, उतनी ही सहज भी थीं. उन्हें अपनी जन्मस्थली इंदौर शहर से बेहद लगाव था. लता मंगेशकर ने फोन पर अपने आखरी इंटरव्यू में इंदौर को लेकर कहा था कि वह विलक्षण इसीलिए है क्योंकि वह इंदौर से हैं. लता दी से फोन पर यह आखिरी इंटरव्यू राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलसचिव दिनेश पाठक ने लिया था, जिसे तानसेन समारोह ग्वालियर में जारी किया गया था. (lata mangeshkar last interview)
पंडित रविशंकर को बताया विश्वरत्न
राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलसचिव दिनेश पाठक से फोन पर इंटरव्यू के दौरान लता दीदी से जब उन्होंने सवाल किया कि 1999 में भारत सरकार ने पंडित रविशंकर को भारत रत्न से सम्मानित किया और उसके ठीक बाद 2001 में आप को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. यह एक विशेष संयोग था. इसको लेकर लता दीदी ने हंसते हुए कहा कि मैं इसके बारे में क्या कहूं. वह भारत नहीं बल्कि विश्व रत्न थे. मैं उनके सामने कुछ भी नहीं थी. उन्होंने मुझे भारत रत्न बनाया. यह हमारी भारत सरकार की बड़ी मेहरबानी है. (lata mangeshkar and pandit ravishankar)
लता दी ने बतायी विलक्षणता की वजह
एक अन्य सवाल के जवाब में लता दीदी ने कहा कि मैं विलक्षण इसलिए हूं, क्योंकि मेरा जन्म इंदौर में हुआ है. मैं अपने आपको मध्य प्रदेश की ही मानती हूं. मैं और मेरी बहन दोनों का जन्म इंदौर में ही हुआ था. मेरी मौसी वहां रहती थीं. मैंने सुना है कि जहां मेरा जन्म हुआ. वहां उन्होंने मेरा एक बोर्ड लगाया है. मध्य प्रदेश वालों की मुझ पर बड़ी कृपा है. मैं जब भी मध्यप्रदेश आई हूं, उन्होंने बड़े प्यार और इज्जत से मुझे रखा है. (lata mangeshkar indore connection)
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मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उनके नाम पर पुरस्कार दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने कहा था कि वह मेरे नाम से एक पुरस्कार देना चाहते हैं. मैं मध्यप्रदेश और पूरे मध्यप्रदेश को अपना समझती हूं. वह कुछ भी करें मुझे बहुत खुशी होगी चाहे वह 10 रुपये का भी मेरे नाम से इनाम दें. यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी बात है.