भोपाल। राजधानी के आदमपुर लैंडफिल साइट में काम करने वाले कर्मियों के लिए नगर निगम के पास कोई सुरक्षा इंतेजाम नहीं हैं. नगर निगम द्वारा आदमपुर गांव के पास करीब 3 वर्ष पहले यह लैंडफिल साइट बनाई गई थी. तब से वहां रोजाना करीब 1000 टन कचरा जमा होता आ रहा है, जिसे भोपाल और आसपास के इलाकों के क्षेत्रों से उठाकर यहां लाया जाता है. इस लैंडफिल साइट में काम करने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निगम द्वारा कोई इंतेजाम नहीं किए गए हैं. इन वर्कर्स को एक ही गाड़ी में भरकर बिना सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाया जाता है. नगर निगम की इस लापरवाही के कारण अब इन लोगों के परिवार पर संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है.
- लैंडफिल साइट पर लापरवाही
इस मामले को लेकर निगम कर्मचारियों का कहना है कि निगम द्वारा उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर कोरोना वैक्सीन तो लगवा दी गई है, साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, ग्लब्स, शूज और किट के साथ ही उन्हें कचरे की खदान में भेजा जा रहा है, लेकिन उन्हें घर से लाने और छोड़ने के दरमियान कोरोना गाइडलाइन का खुला उल्लंघन किया जाता है.
कोरोना काल में बढ़ी ऑक्सीमीटर की मांग, जानें कार्य!
- संक्रमण फैलने का डर
लैंडफिल साइट के सुपरवाइजर शारिक खान ने कहा कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. आदमपुर कचरा खदान में कचरे को रिसाइकल करने के उपकरण लगाए गए हैं, यहां पर 10 से अधिक मशीनें मौजूद हैं, जिन पर कंपनी की मजदूर काम करते हैं. यह वर्कर्स कंपनी द्वारा दी गई जमीन पर झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा 40 से अधिक मजदूर कचरे की सफाई और बिनाई का काम करते हैं, उन्हें बाहर से बुलाया जाता है, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. वहीं, निगम ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है और न ही निगम ने इन लोगों के परिवारों को कोरोना के मद्देनजर सुरक्षा दी है.