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भोपाल में बनाया जाएगा PPP मॉडल के तहत रसोईघर, काम से लेकर मिड डे मील का किया जाएगा इंतजाम

राजधानी भोपाल में रसोईघर का भूमिपूजन सीएम कमलनाथ ने किया. यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50 हजार बच्चों को भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि राजधानी में रसोईघर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिसमें काम से लेकर मध्याह्न भोजन का इंतजाम किया जाएगा.

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Published : Mar 3, 2020, 3:05 PM IST

Kitchen to be built in Bhopal under PPP model
भोपाल में बनाया जाएगा पीपीपी मॉडल के तहत रसोईघर

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने राजधानी भोपाल में रसोईघर का भूमिपूजन किया. इस रसोईघर में राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50 हजार बच्चों को भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है. ये रसोईघर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिसमें सरकार की तरफ से संस्था को जमीन दी गई है. इसके साथ ही अक्षय पात्र फाउंडेशन और HEG लिमिटेड की तरफ से निर्माणाधीन काम से लेकर मध्याह्न भोजन का इंतजाम भी किया जाएगा. वहीं मध्य प्रदेश में पहला रसोईघर छिंदवाड़ा में बनाया गया है और दूसरा भोपाल में बनाया जाएगा.

भोपाल में बनाया जाएगा पीपीपी मॉडल के तहत रसोईघर

इस संस्था का लक्ष्य है कि केंद्रीयकृत रसोईघर को जुलाई 2020 तक तैयार कर लिया जाए. वहीं अक्षय पात्र फाउंडेशन ने शुरुआत में ही राजधानी के 900 से अधिक स्कूलों में 50 हजार बच्चों और मंडीदीप में 3500 बच्चों को इस योजना में शामिल किया है.

मेघा रसोई योजना

वहीं मेघा रसोई योजना में बच्चों को दाल-रोटी, दलिया, फल और गेहूं का केक उपलब्ध कराया जाएगा. बता दें कि ये संस्था देश के 20 अलग-अलग राज्यों में रसोईघर चला रही है और आने वाले समय में इस संस्था का टारगेट 2025 तक 50 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने का है, ताकि देश का आने वाला भविष्य उज्ज्वल हो सके.

इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस की संस्था तारीफ करते हुए कहा कि इसके पीछे की जो सोच है वो काफी प्रशंसनीय है. मुझे खुशी है कि भोपाल में इसकी शुरुआत हुई है. हमारे बच्चे हमारा भविष्य हैं और बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और बेहतर वातावरण मिले, यह हमारी सरकार का पहला प्रयास है.

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने राजधानी भोपाल में रसोईघर का भूमिपूजन किया. इस रसोईघर में राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50 हजार बच्चों को भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है. ये रसोईघर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिसमें सरकार की तरफ से संस्था को जमीन दी गई है. इसके साथ ही अक्षय पात्र फाउंडेशन और HEG लिमिटेड की तरफ से निर्माणाधीन काम से लेकर मध्याह्न भोजन का इंतजाम भी किया जाएगा. वहीं मध्य प्रदेश में पहला रसोईघर छिंदवाड़ा में बनाया गया है और दूसरा भोपाल में बनाया जाएगा.

भोपाल में बनाया जाएगा पीपीपी मॉडल के तहत रसोईघर

इस संस्था का लक्ष्य है कि केंद्रीयकृत रसोईघर को जुलाई 2020 तक तैयार कर लिया जाए. वहीं अक्षय पात्र फाउंडेशन ने शुरुआत में ही राजधानी के 900 से अधिक स्कूलों में 50 हजार बच्चों और मंडीदीप में 3500 बच्चों को इस योजना में शामिल किया है.

मेघा रसोई योजना

वहीं मेघा रसोई योजना में बच्चों को दाल-रोटी, दलिया, फल और गेहूं का केक उपलब्ध कराया जाएगा. बता दें कि ये संस्था देश के 20 अलग-अलग राज्यों में रसोईघर चला रही है और आने वाले समय में इस संस्था का टारगेट 2025 तक 50 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने का है, ताकि देश का आने वाला भविष्य उज्ज्वल हो सके.

इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस की संस्था तारीफ करते हुए कहा कि इसके पीछे की जो सोच है वो काफी प्रशंसनीय है. मुझे खुशी है कि भोपाल में इसकी शुरुआत हुई है. हमारे बच्चे हमारा भविष्य हैं और बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और बेहतर वातावरण मिले, यह हमारी सरकार का पहला प्रयास है.

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