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King of the kings है यह बकरा, डाइट में लेता है- 2 किलो दूध, 500 ग्राम देसी घी-मक्खन - भोपाल के किंग बकरे की डाइट

भोपाल में बकरों के लिए आयोजित हुई प्रतियोगिता में किंग बकरे ने किंग ऑफ द किंग का खिताब जीता है. किंग का वजन 176 किलो है, जो अपनी डाइट में दो किलो दूध और न जाने क्या-क्या खाता है. वर्ष 2019 में भोपाल के 171 किलो बकरे ने King of the king का खिताब जीता था. जिसकी कीमत साढ़े 8 लाख रुपए थी.

King of the king goat
भोपाल का बकरा
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Published : Jul 2, 2021, 9:57 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 7:39 AM IST

भोपाल। बकरा ईद को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. बकरा ईद का सबसे बड़ा आकर्षण बकरा होता है, जिसे लोग महीनों पहले खरीदकर उसके खाने-पीने और सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं. शुक्रवार को भोपाल में बकरों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नाम किंग ऑफ द किंग रखा गया. कार्यक्रम में हैवी वेट के बकरे शामिल हुए थे. जिसमें से भोपाल के इस बकरे ने किंग ऑफ द किंग का खिताब हासिल कर लिया. इससे पहले 2019 में भोपाल के ही 171 वजनी बकरे ने किंग ऑफ द किंग का खिताब जीता था, जिसकी कीमत साढ़े 8 लाख रुपए थी.

भोपाल के इस बकरे की लाखों में है कीमत.

किंग को मिला किंग ऑफ द किंग का खिताब
किंग ऑफ द किंग प्रतियोगिता में छह बकरे शामिल हुए. सबसे प्रथम आने वाले बकरे का वजन 176 किलो रहा. इस बकरे को किंग के नाम से पुकारा जाता है. किंग को ही किंग ऑफ द किंग का खिताब मिला. किंग बकरे को लाने के लिए लोडिंग ऑटो का सहारा लेना पड़ा. इसके अलावा प्रतियोगिता में जो अन्य बकरे शामिल हुए, वह 135 किलो से लेकर 155 किलो तक ही निकले.

हैवी डाइट लेता है किंग
2 साल की उम्र का बकरा किंग अपने वजन की वजह से अब बहुत ज्यादा चल फिर नहीं पाता है. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए किंग को क्रेन के माध्यम से गुरुवार देर रात पहली बार छत से उतारा गया. किंग के मालिक आसिफ अली नगर निगम कॉलोनी काजी कैंप में रहते हैं. उन्होंने बताया कि दो साल में किंग पहली बार छत से नीचे उतरा है. वह किंग के खाने पीने का विशेष ध्यान रखते हैं. किंग की डाइट में दो लीटर दूध, 50 ग्राम शुद्ध घी, देसी चने, मक्का, मक्खन शामिल किया जाता है. किंग के मालिक ने बताया कि जब किंग को क्रेन से नीचे उतारा गया तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.

गजब : बकरा रोजाना दे रहा है दूध, लोग मान रहे चमत्कार

बता दें कि भोपाल ऐसा शहर है, जहां लोग बहुत शौक से बकरों का पालन पोषण करते हैं. बकरा ईद के मौके पर भोपाल के बकरे मुंबई, पुणे और अन्य प्रदेशों में भी जाते हैं. बकरी-बकरा पालन करने वाली एक संस्था ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे किंग और आयोजन करने वाली संस्था ब्लैक शिप गोट फार्म का उद्देश्य इस तरह के आयोजन से अच्छे तरह से बकरे-बकरियों का पालन करने वाले लोगों को सम्मानित करना था. इस आयोजन के लिए 200 किलो कि तोलकरने वाले इलेक्ट्रॉनिक काटे का प्रयोग किया गया था.

भोपाल। बकरा ईद को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. बकरा ईद का सबसे बड़ा आकर्षण बकरा होता है, जिसे लोग महीनों पहले खरीदकर उसके खाने-पीने और सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं. शुक्रवार को भोपाल में बकरों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नाम किंग ऑफ द किंग रखा गया. कार्यक्रम में हैवी वेट के बकरे शामिल हुए थे. जिसमें से भोपाल के इस बकरे ने किंग ऑफ द किंग का खिताब हासिल कर लिया. इससे पहले 2019 में भोपाल के ही 171 वजनी बकरे ने किंग ऑफ द किंग का खिताब जीता था, जिसकी कीमत साढ़े 8 लाख रुपए थी.

भोपाल के इस बकरे की लाखों में है कीमत.

किंग को मिला किंग ऑफ द किंग का खिताब
किंग ऑफ द किंग प्रतियोगिता में छह बकरे शामिल हुए. सबसे प्रथम आने वाले बकरे का वजन 176 किलो रहा. इस बकरे को किंग के नाम से पुकारा जाता है. किंग को ही किंग ऑफ द किंग का खिताब मिला. किंग बकरे को लाने के लिए लोडिंग ऑटो का सहारा लेना पड़ा. इसके अलावा प्रतियोगिता में जो अन्य बकरे शामिल हुए, वह 135 किलो से लेकर 155 किलो तक ही निकले.

हैवी डाइट लेता है किंग
2 साल की उम्र का बकरा किंग अपने वजन की वजह से अब बहुत ज्यादा चल फिर नहीं पाता है. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए किंग को क्रेन के माध्यम से गुरुवार देर रात पहली बार छत से उतारा गया. किंग के मालिक आसिफ अली नगर निगम कॉलोनी काजी कैंप में रहते हैं. उन्होंने बताया कि दो साल में किंग पहली बार छत से नीचे उतरा है. वह किंग के खाने पीने का विशेष ध्यान रखते हैं. किंग की डाइट में दो लीटर दूध, 50 ग्राम शुद्ध घी, देसी चने, मक्का, मक्खन शामिल किया जाता है. किंग के मालिक ने बताया कि जब किंग को क्रेन से नीचे उतारा गया तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.

गजब : बकरा रोजाना दे रहा है दूध, लोग मान रहे चमत्कार

बता दें कि भोपाल ऐसा शहर है, जहां लोग बहुत शौक से बकरों का पालन पोषण करते हैं. बकरा ईद के मौके पर भोपाल के बकरे मुंबई, पुणे और अन्य प्रदेशों में भी जाते हैं. बकरी-बकरा पालन करने वाली एक संस्था ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे किंग और आयोजन करने वाली संस्था ब्लैक शिप गोट फार्म का उद्देश्य इस तरह के आयोजन से अच्छे तरह से बकरे-बकरियों का पालन करने वाले लोगों को सम्मानित करना था. इस आयोजन के लिए 200 किलो कि तोलकरने वाले इलेक्ट्रॉनिक काटे का प्रयोग किया गया था.

Last Updated : Jul 3, 2021, 7:39 AM IST
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