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मध्यप्रदेश में एक जुलाई से 'किल कोरोना' अभियान, सीएम शिवराज ने दिए निर्देश

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Published : Jun 24, 2020, 5:39 PM IST

मध्यप्रदेश के सभी जिलों में 1 जुलाई से कोरोना वायरस नियंत्रण के लिए 'किल कोरोना' अभियान संचालित किया जाएगा, जिसके निर्देश सीएम शिवराज सिंह ने सभी जिला कलेक्टर को दिए हैं.

भोपाल
bhopal

भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जुलाई से कोरोना वायरस नियंत्रण के लिए अभियान संचालित किया जाएगा. मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टर से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके निर्देश दिए हैं. अभियान की निगरानी कमिश्नर और रेंज आईजी भी करेंगे. बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर, कमिश्नर मौजूद थे.

बैठक में कोरोना के नियंत्रण के अलावा श्रम सिद्धि अभियान, मानसून में मौसमी बीमारियों और बाढ़ से बचाव की तैयारियों आदि योजनाओं को लेकर समीक्षा की गई. बैठक में तय किया गया कि पूरे राज्य में घर-घर जाकर सर्वे होगा और सार्थक एप पर इसकी जानकारी अपलोड की जाएगी. इस अभियान को 'किल कोरोना' नाम दिया गया है. इसमें लक्षण के आधार पर संदिग्ध रोगी की पहचान की जाएगी. सर्दी, खांसी, जुखाम के साथ डेंगू मलेरिया, डायरिया से प्रभावित मरीजों की भी जानकारी ली जाएगी.

कोविड से संबंधित कार्यों के लिए तीन लाख से ज्यादा लोगों को पिछले 3 माह में ट्रेनिंग दी गई है. इसमें 10 हजार डॉक्टर्स, आशा वर्कर, वॉलंटियर आदि शामिल हैं. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, इंदौर में कोरोना कोई चुनौती नहीं रही. पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस का नियंत्रण किया जाएगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्वालियर मॉडल की प्रशंसा करते हुए ग्वालियर कलेक्टर को बधाई दी.

मध्य प्रदेश में 33 ऐसे जिले हैं. जहां 10 से कम एक्टिव केस हैं. प्रदेश में रिकवरी रेट दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है और इस मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है. मध्य प्रदेश का रिकवरी रेट 76.1 है. जबकि राजस्थान का रिकवरी रेट 78.2 फीसदी है. वहीं मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण रेट भी काफी कम है. प्रदेश में 19% एक्टिव केस ही बाकी बचे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक प्रयास से मध्यप्रदेश में हम जल्द ही कोरोना का खात्मा कर देंगे.

भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जुलाई से कोरोना वायरस नियंत्रण के लिए अभियान संचालित किया जाएगा. मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टर से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके निर्देश दिए हैं. अभियान की निगरानी कमिश्नर और रेंज आईजी भी करेंगे. बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर, कमिश्नर मौजूद थे.

बैठक में कोरोना के नियंत्रण के अलावा श्रम सिद्धि अभियान, मानसून में मौसमी बीमारियों और बाढ़ से बचाव की तैयारियों आदि योजनाओं को लेकर समीक्षा की गई. बैठक में तय किया गया कि पूरे राज्य में घर-घर जाकर सर्वे होगा और सार्थक एप पर इसकी जानकारी अपलोड की जाएगी. इस अभियान को 'किल कोरोना' नाम दिया गया है. इसमें लक्षण के आधार पर संदिग्ध रोगी की पहचान की जाएगी. सर्दी, खांसी, जुखाम के साथ डेंगू मलेरिया, डायरिया से प्रभावित मरीजों की भी जानकारी ली जाएगी.

कोविड से संबंधित कार्यों के लिए तीन लाख से ज्यादा लोगों को पिछले 3 माह में ट्रेनिंग दी गई है. इसमें 10 हजार डॉक्टर्स, आशा वर्कर, वॉलंटियर आदि शामिल हैं. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, इंदौर में कोरोना कोई चुनौती नहीं रही. पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस का नियंत्रण किया जाएगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्वालियर मॉडल की प्रशंसा करते हुए ग्वालियर कलेक्टर को बधाई दी.

मध्य प्रदेश में 33 ऐसे जिले हैं. जहां 10 से कम एक्टिव केस हैं. प्रदेश में रिकवरी रेट दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है और इस मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है. मध्य प्रदेश का रिकवरी रेट 76.1 है. जबकि राजस्थान का रिकवरी रेट 78.2 फीसदी है. वहीं मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण रेट भी काफी कम है. प्रदेश में 19% एक्टिव केस ही बाकी बचे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक प्रयास से मध्यप्रदेश में हम जल्द ही कोरोना का खात्मा कर देंगे.

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