भोपाल। शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी रोके जाने के बाद जहां कर्मचारी वर्ग सरकार के विरोध में उतर आए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को शिवराज सिंह को पत्र लिखकर उनकी सरकार द्वारा लिए गए कर्मचारी हित के निर्णय शिवराज सरकार द्वारा वापस किए जाने और हाल ही में वेतन बढ़ाने का फैसला टालने के मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, प्रदेश की जनता पर उपचुनाव थोपने के कारण 100 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. उसके लिए शिवराज सरकार जिम्मेदार है, साथ ही कहा है कि, उपचुनाव जीतने के लिए प्रदेश सरकार जिस तरह से कार्य स्वीकृत कर रही है, उसका खामियाजा प्रदेश की दूसरे इलाकों की जनता और कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा कि, आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं, क्योंकि आप निरंतर सक्रिय हैं, इसलिए मैं आपका ध्यान कर्मचारियों के साथ लगातार हो रहे अन्याय की ओर दिलाना चाहता हूं. हाल ही में मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा कि, आप की सरकार ने कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि न देने का फैसला किया है. प्रशासनिक भाषा में आपने उन्हें काल्पनिक वार्षिक वेतन वृद्धि दी है. इसके पूर्व मेरी सरकार ने कर्मचारियों को 5% महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया था, इस फैसले पर भी आपकी सरकार ने रोक लगा दी है.
कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि, प्रदेश में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गद्दारों के साथ मिलकर हटाने का भाजपा ने जो कृत्य किया है, उसके परिणाम स्वरूप आज प्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं. इन उप चुनावों में लगभग 100 करोड़ खर्च होंगे. इसकी जवाबदेही भी बीजेपी सरकार की है.