भोपाल। कमलनाथ सरकार गिर अभ्यारण के एशियाटिक शेर (बब्बर शेर) को मध्यप्रदेश लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका लगाने जा रही है. मामले में अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एशियाटिक लायन की नस्ल बढ़ाने और पुनर्वास के लिए उन्हें मध्यप्रदेश भेजने का फैसला दिया था.
कांग्रेस का कहना है कि बब्बर शेर की प्रजाति को बचाने के लिए सारी कवायद की जा रही है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ग्वालियर में आए थे, तब उन्होंने बब्बर शेर देने से मना किया था. काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि मध्य प्रदेश सरकार इसके लिए संघर्ष करेगी और न्याय के लिए जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाने का कदम भी उठाएगी.
वन्य प्राणी संरक्षण की लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे अजय दुबे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2013 में कहा था कि एशियाटिक लाइन उनकी सुरक्षा के लिए 6 महीने के अंदर मध्य प्रदेश भेजे जाएं, जो आज तक नहीं भेजे गए हैं. उन्होंने अवमानना की याचिका दायर की थी. भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया था कि वे इस मामले में जल्द कार्रवाई करेंगे,लेकिन ऐसा कुछ न हुआ. अब गुजरात से शेर लाना जन आंदोलन बन चुका है.