भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान कानूनों के समर्थन में आज मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा किसान सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. किसान सम्मेलन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बेहद शर्मनाक है कि जो खुद को किसान पुत्र कहलाते हैं और खुद को सच्चा किसान हितैषी बताते हैं, उनकी सरकार किसानों का समर्थन करने की जगह, किसान विरोधी काले कानूनों के समर्थन में प्रायोजित जन जागरण अभियान, चौपाल व सम्मेलन कर रही है. शिवराज सिंह का किसान विरोधी रवैया उजागर हो गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि ये बड़ा शर्मनाक है कि देश भर के हजारों किसान कड़ाके की ठंड में दिल्ली की सीमाओं पर अपने परिवारों के साथ मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, और पिछले 18 दिन से आंदोलन पर हैं. आंदोलन में कई किसान अपनी जान गवां चुके हैं और दूसरी तरफ किसान पुत्र कहलाने वाले शिवराज सिंह काले कानूनों के समर्थन में प्रायोजित जन जागरण अभियान, पत्रकार वार्ता, चौपाल और सम्मेलन करने जा रहे हैं. जबकि होना यह था कि प्रदेश की भाजपा की सरकार को अकाली दल की तरह साहस दिखाते हुए किसानों के समर्थन में अपनी केंद्र सरकार का खुलकर विरोध करना था, और कानून वापस लेने की मांग करनी थी. लेकिन शिवराज सरकार ने यह साबित कर दिया है, कि वह किसान विरोधी हैं.
- किसानों पर जबरदस्ती थोपे गए तीन कानून
कमलनाथ ने कहा कि सभी जानते हैं कि तीनों कृषि कानून , किसान संगठनों, विपक्षी दलों, बगैर मत विभाजन, बगैर चर्चा के तानाशाही तरीके से थोपे गए हैं. यह कानून नोटबंदी व जीएसटी की तरह किसानों के साथ धोखा है. देशभर का किसान इन कानूनों का विरोध कर रहा है. क्योंकि इन कानूनों के लागू होने से एमएसपी और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. जमाखोरी और मुनाफाखोरी बढ़ेगी, कारपोरेट जगत को फायदा होगा. कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा और बर्बाद हो जाएगा.
- झूठ परोस रही शिवराज सरकार
कमलनाथ ने कहा कि इंदिरा गांधी सरकार ने किसानों को एमएसपी का अधिकार दिया था. हमने तो घोषणा की थी कि यदि प्रदेश में हमारी सरकार बनी, तो एमएसपी से कम खरीदी होने पर अपराध वाला कानून प्रदेश में लागू करेंगे. शिवराज सरकार इन कानूनों को लेकर निरंतर झूठ परोस रही है. कानून में एमएसपी खत्म नहीं होने की कोई गारंटी नहीं है. शिवराज सरकार में एमएसपी घोषित तो होती है, लेकिन मिलती नहीं है. भाजपा के आज आयोजित हो रहे किसान सम्मेलन से साबित हो गया है, कि भाजपा सरकार केंद्र की मोदी सरकार की तरह किसान विरोधी है. यह वही लोग हैं, जो चुनाव के पूर्व किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर सत्ता में आए थे.
- किसान विरोधी है शिवराज सरकार
कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार तो वैसे भी घोर किसान विरोधी है. यह वही सरकार है जिसने मंदसौर में अपना हक मांग रहे किसानों के सीने पर गोलियां चलवाई थी. यूरिया की मांग कर रहे किसानों पर बर्बर तरीके से लाठियां बरसाई थी. किसानों को नंगे बदन जेलों में बंद करवाया था. कर्ज माफी योजना को पाप बताकर उस पर रोक लगा दी थी. यह वही सरकार है, जो किसानी को घाटे का धंधा बताकर खेती छोड़ कर नौकरी उद्योग लगाने की सलाह दे चुके हैं. जिसके राज में सर्वाधिक किसान आत्महत्या करते हैं. यह वही सरकार है जिसने अति वर्षा व कीटों के प्रकोप से खराब फसलों को किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया है. जबकि चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए थे.
- शिवराज सरकार को किसानों से कोई मतलब नहीं
शिवराज सिंह खुद को किसान पुत्र और सच्चा किसान हितैषी बताते हैं, लेकिन पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार चला रहे हैं. यदि केंद्र सरकार के वर्तमान तीनों कृषि काले कानूनों का शिवराज सरकार साहस दिखाते हुए विरोध कर किसानों के समर्थन में खुलकर खड़ी हो जाती, तो शायद इनके पापों का प्रायश्चित हो जाता, और किसान इनकी पहले की गलतियों को माफ कर देते. लेकिन किसानों के समर्थन में खड़ा होना तो दूर, जिस प्रकार से किसान विरोधी बिलों के समर्थन में खड़े होने का निर्णय प्रदेश की भाजपा सरकार ने लिया है. उसे किसान आंदोलन और किसानों के हित से कोई लेना देना नहीं है. वह प्रायोजित जन जागरण अभियान, चौपाल, सम्मेलनों के माध्यम झूठा संदेश देकर प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह करने का काम कर रही है.