नीमच। केंद्र द्वारा एक साथ चुनाव कराने पर विचार करने की खबरों के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभाओं की मंजूरी के बिना ऐसा करना संभव नहीं है. केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, इससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावना बन गई है, ताकि उन्हें मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के साथ कराया जा सके.
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#WATCH | On 'One nation, One election', former Madhya Pradesh CM and Congress leader Kamal Nath says "For this, not just an amendment in the Constitution but also approval of states is also needed. In BJP-ruled states like Haryana and Maharashtra, they can decide and pass a… pic.twitter.com/USVa07ZXOG
— ANI (@ANI) September 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 1, 2023#WATCH | On 'One nation, One election', former Madhya Pradesh CM and Congress leader Kamal Nath says "For this, not just an amendment in the Constitution but also approval of states is also needed. In BJP-ruled states like Haryana and Maharashtra, they can decide and pass a… pic.twitter.com/USVa07ZXOG
— ANI (@ANI) September 1, 2023
एक साथ चुनाव की अवधारणा पर बोले कमलनाथ : देश में एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ से उनके विचार पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि "इसके लिए संविधान संशोधन की जरूरत है, इसके अलावा, यह लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक पारित करके नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित करने की भी आवश्यकता है."
हर राज्य में ऐसा करना संभव नहीं: पूर्व केंद्रीय मंत्री कमल ने कहा कि "हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्य, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव कराने के लिए अपनी विधानसभाओं को भंग करने के लिए कैबिनेट द्वारा एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित कर सकते हैं, लेकिन (टीएमसी शासित) पश्चिम बंगाल के बारे में क्या, हर राज्य में ऐसा करना संभव नहीं है."
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के टिकटों के वितरण पर कमलनाथ ने कहा कि "पहली सूची जल्द ही जारी की जाएगी, लेकिन फिर भी हम जिन्हें संकेत देना चाहते थे, हमने उन्हें संकेत दे दिया है." पिछले महीने, सत्तारूढ़ भाजपा ने मध्य प्रदेश चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने की अपनी रणनीति के तहत 39 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की थी. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं, कमलनाथ ने दावा किया कि सिंधिया के समर्थकों सहित कई भाजपा नेता उनके संपर्क में हैं हालांकि, स्थानीय संगठन की मंजूरी के बाद ही उन्हें पार्टी में प्रवेश दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश देश का भ्रष्टतम राज्य बन गया है: कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2018 के चुनावों के बाद मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी, लेकिन 2020 में यह गिर गई जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए. बाद में सिंधिया को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया.
कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि "प्रदेश में व्यक्ति या तो भ्रष्टाचार का शिकार है या इसका गवाह है. ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार का तंत्र है. मध्य प्रदेश देश का भ्रष्टतम राज्य बन गया है. यहां आए दिन भ्रष्टाचार से संबंधित पत्र वायरल हो रहे हैं और इससे प्रभावित होकर लोग अपनी जान देने के लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं."
(एजेंसी इनपुट)