भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पेगासस स्पायवेयर जासूसी कांड मामले में केंद्र सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने कहा कि 2016 में पेगासस स्पायवेयर शुरू हुआ था और इसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे पर गए थे. कमलनाथ ने इशारों-इशारों में जासूसी मामले में पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं. कमलनाथ ने कहा कि पेगासस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया था या फिर मोदी की सुरक्षा के लिए. कमलनाथ ने जासूसी कांड को देश की प्राइवेसी पर हमला बताते हुए केंद्र सरकार से एफिडेविड देकर अपना पक्ष स्पष्ट करने की मांग की है.
सरकार गिराने में पेगासस का इस्तेमाल
कमलनाथ ने कहा कि देश में करीब 400 लोगों के फोन टैप हुआ है और वो जल्द ही नामों का खुलासा करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में इसी फोन टैपिंग से सरकार गिराई गई और मध्य प्रदेश में भी सरकार गिराने में इसकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है. कमलनाथ ने कहा कि क्या टेलीफोन कंपनी बयान दे सकती हैं कि कितने लोगों के फोन सर्विलांस में रखे गए थे.
सरकार विदेशी अखबारों पर चलाए केस
कमलनाथ ने कहा कि सरकार में हिम्मत है तो जासूसी कांड का खुलासा करने वाले अखबारों पर केस चलाए. कमलनाथ ने कहा कि फ्रांस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, तो अपने देश की सरकार इसके लिए तैयार क्यों नहीं है. कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश में मीडिया को दबा सकते हैं लेकिन विश्व के मीडिया को नहीं दबा सकते.
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प्रह्लाद पटेल पर किसी तरह का शक हो
प्रह्लाद पटेल का फोन टैप करने के दावों पर बोलते हुए कमलनाथ ने कहा कि हो सकता है प्रह्लाद पटेल पर किसी तरह का शक हो इसलिए उनका फोन टैप करवाया गया हो. कमलनाथ ने कहा कि जासूसी का मुद्दा एक पार्टी का नहीं बल्कि सभी का मुद्दा है क्योंकि इसमें हर तरह के लोग शामिल है.