भोपाल। कमलनाथ सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है, हालांकि बार- बार कर्ज लेने के लिए कांग्रेस ने पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है.
9 महीने में 14 बार कर्ज ले चुकी है कांग्रेस सरकार, एक बार फिर देने जा रही है दो हजार करोड़ का लोन
कमलनाथ सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हुए अभी तक 9 महीने हुए हैं, लेकिन सरकार अब तक 14 बार कर्ज ले चुकी हैं वहीं कर्ज के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता पिछली भाजपा सरकार जिम्मेदार बता रहे है.
कमलनाथ सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही हैं
भोपाल। कमलनाथ सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है, हालांकि बार- बार कर्ज लेने के लिए कांग्रेस ने पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है.
Intro:भोपाल। इस महीने कमलनाथ सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। जबसे कमलनाथ सरकार अस्तित्व में आई है,12,600 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। हालांकि बार-बार कर्ज की जरूरत के लिए पिछली भाजपा सरकार जिम्मेदार है। जिसने विरासत में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को करीब पौने दो लाख करोड़ का कर्ज दिया है। वहीं दूसरी तरफ करीब 27 सौ करोड़ की राशि केंद्र से मिलना लंबित है। जिसके कारण मध्य प्रदेश सरकार की माली हालत पर असर पड़ रहा है। इसके साथ ही कमलनाथ सरकार पर अपने वचन पत्र के भजनों को पूरा करने का दबाव भी है। इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि पिछली सरकार के कुप्रबंधन के कारण बार-बार कर्ज लेने की जरूरत पड़ रही है। भाजपा के राज में पैसों की बंदरबांट हुई और राजस्व जुटाने के उपाय नहीं किए। हमारी सरकार जहां वचनों को निभाने का काम कर रही है. वहीं प्रदेश की आय बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है।आगे जाकर कर्ज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Body:सरकारी सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार अब तक 14 बार कर्ज ले चुकी है। जब से सरकार बनी है, 12600 करोड रुपए का कर्ज ले चुकी है। सितंबर महीने में जो दो हजार करोड़ कर्ज लिया जा रहा है। इस कर्ज से किसान कर्ज माफी की भरपाई, निर्माण कार्यों की शुरुआत, कर्मचारियों के नियमितीकरण और वेतन भक्ति जैसी सुविधाओं की भरपाई की जाएगी। सरकार जनवरी से लेकर अगस्त माह तक 12,600 करोड का कर्ज ले रही ले चुकी है।अब दो हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद यह आंकड़ा 14,600 करोड़ पर पहुंच जाएगा। अगर सिलसिलेवार गौर करें तो कमलनाथ सरकार ने लगभग हर महीने कुछ ना कुछ कर्ज लिया है। दिसंबर में कमलनाथ सरकार बनी थी और जनवरी में सरकार को एक हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा था। फरवरी माह में 4000 करोड़ और मार्च माह में 1600 करोड़ का कर्ज लिया गया था।इसके बाद अप्रैल में 1000 करोड़, मई में 2000 और जून में 1000 करोड़ कर दिया गया था। अगस्त माह में भी सरकार को 1000 करोड़ कर्ज की जरूरत पड़ी थी।अब बरसात का मौसम खत्म होने को है और सितंबर माह में निर्माण कार्यों की शुरुआत होगी। इस लिहाज से अब सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है।
Conclusion:इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में 15 सालों में भाजपा ने अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट कर दी थी। राजस्व बढ़ाने के कोई नए जरिए नहीं बनाए गए।जिससे मध्य प्रदेश को आय हो और प्रदेश के विकास के लिए काम हो। उन्होंने पूरी तरह से प्रदेश को लगभग पौने दो लाख करोड़ के कर्ज में डुबो दिया। अब हमारी सरकार बनी हैं, पुराना कर्जा होते हुए भी हमारे ऊपर वचन पत्र को पूरा करने का भी भार है। जिसमें किसान कर्ज माफी, बेटियों की शादी के लिए 51000 निराश्रित पेंशन योजना बनाने जैसी योजनाओं के लिए फंड की जरूरत है। इसलिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। आगे जाकर हमारी सरकार राजस्व आय बढ़ाने का काम कर रही है। फिलहाल हमें शुरुआती दौर में कर्जा लेना पड़ रहा है।हमारी सरकार आगे जाकर कर्ज कम करेगी और राजस्व बढ़ाएगी।
Body:सरकारी सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार अब तक 14 बार कर्ज ले चुकी है। जब से सरकार बनी है, 12600 करोड रुपए का कर्ज ले चुकी है। सितंबर महीने में जो दो हजार करोड़ कर्ज लिया जा रहा है। इस कर्ज से किसान कर्ज माफी की भरपाई, निर्माण कार्यों की शुरुआत, कर्मचारियों के नियमितीकरण और वेतन भक्ति जैसी सुविधाओं की भरपाई की जाएगी। सरकार जनवरी से लेकर अगस्त माह तक 12,600 करोड का कर्ज ले रही ले चुकी है।अब दो हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद यह आंकड़ा 14,600 करोड़ पर पहुंच जाएगा। अगर सिलसिलेवार गौर करें तो कमलनाथ सरकार ने लगभग हर महीने कुछ ना कुछ कर्ज लिया है। दिसंबर में कमलनाथ सरकार बनी थी और जनवरी में सरकार को एक हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा था। फरवरी माह में 4000 करोड़ और मार्च माह में 1600 करोड़ का कर्ज लिया गया था।इसके बाद अप्रैल में 1000 करोड़, मई में 2000 और जून में 1000 करोड़ कर दिया गया था। अगस्त माह में भी सरकार को 1000 करोड़ कर्ज की जरूरत पड़ी थी।अब बरसात का मौसम खत्म होने को है और सितंबर माह में निर्माण कार्यों की शुरुआत होगी। इस लिहाज से अब सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है।
Conclusion:इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में 15 सालों में भाजपा ने अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट कर दी थी। राजस्व बढ़ाने के कोई नए जरिए नहीं बनाए गए।जिससे मध्य प्रदेश को आय हो और प्रदेश के विकास के लिए काम हो। उन्होंने पूरी तरह से प्रदेश को लगभग पौने दो लाख करोड़ के कर्ज में डुबो दिया। अब हमारी सरकार बनी हैं, पुराना कर्जा होते हुए भी हमारे ऊपर वचन पत्र को पूरा करने का भी भार है। जिसमें किसान कर्ज माफी, बेटियों की शादी के लिए 51000 निराश्रित पेंशन योजना बनाने जैसी योजनाओं के लिए फंड की जरूरत है। इसलिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। आगे जाकर हमारी सरकार राजस्व आय बढ़ाने का काम कर रही है। फिलहाल हमें शुरुआती दौर में कर्जा लेना पड़ रहा है।हमारी सरकार आगे जाकर कर्ज कम करेगी और राजस्व बढ़ाएगी।