भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठकर मतदान पर नजर रख रहे हैं. वहीं इस दौरान कमलनाथ ने शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है. कमलनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि शिवराज सिंह ने अब भी मुंह चलाना बंद नहीं किया है. वहीं पूर्व सीएम ने कहा कि मतगणना के बाद सिंधिया कहेंगे की बीजेपी की वजह से हार गए और बीजेपी कहेगी की सिंधिया की वजह से हार गए.
उन्होंने कहा, अभी जब आधा मतदान खत्म हो गया है, तो भी कमलनाथ की आलोचना में लगे हैं. आप यह रिकॉर्डिंग रख लीजिए और 10 तारीख के बाद चलाइएगा कि सिंधिया कहेंगे कि बीजेपी की वजह से हार गए और बीजेपी कहेगी कि सिंधिया की वजह से हार गए.
पूर्व सीएम ने कहा, मैं तो पिछले सात माह से मुस्कुरा रहा हूं. मुझे इस बात का दुख है कि शिवराज सिंह ने अभी तक मुझे चलाना बंद नहीं किया है. अभी जब आधा मतदान खत्म हो गया है, तो अभी भी कमलनाथ की आलोचना में लगे हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह को मतदाताओं पर बात छोड़ देनी चाहिए. जब कोई पार्टी पिटती है, हार रही होती है, तो उसका व्यवहार क्या होता है. मैंने 40 साल चुनाव लड़े हैं और लड़वाए हैं. यह मैंने हमेशा देखा है कि जब कोई हार रहा होता है, तो उसका क्या व्यवहार होता है. जब कोई पिट रहा होता है, तब क्या व्यवहार होता है.
''बीजेपी-सिंधिया एक दूसरे पर लगाएंगे आरोप''
कमनलाथ ने कहा कि पुलिस, प्रशासन, शराब और पैसे का उपयोग करो. बीजेपी पिछले तीन-चार दिन से यही कर रहे हैं. जबकि वे मतदाताओं के बीच जाएं, अपनी उपलब्धियां बताएं, अपना हिसाब दें. यह सब तो कर नहीं रहे हैं. वहीं पूर्व सीएम ने दावा किया कि 10 तारीख के बाद सिंधिया बीजेपी को दोष देंगे कि उन्होंने हरा दिया, वहीं बीजेपी कहेगी कि सिंधिया के कारण हार गए.
''मतदान केंद्र पर हर तरह के हथकंडे अपना रही बीजेपी''
मतदान केंद्रों से खबर आ रही है कि सब तरह का उपयोग किया जा रहा है. बाहर के लोग यहां आए हुए हैं, दबाव डाला जा रहा है, लेकिन यह चुनाव जनता लड़ रही है. शिवराज सिंह कुछ भी कहें, अंत में जनता निर्णय लेती है. शिवराज सिंह निर्णय नहीं लेते हैं.
''मैं चुनाव और जनता के नजरिए को पहचानता हूं''
कमलनाथ कहा है कि मैं कब कांफिडेंट नहीं दिखाई पड़ता. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव पहचानता हूं. मैं जनता के नजरिए को पहचानता हूं. मध्यप्रदेश की सरल स्वभाव की भोली-भाली गरीब जनता में बहुत जागरूकता है. मैंने जब 40 साल पहले पहला चुनाव लड़ा था और उसके बाद भी लड़ता रहा. मैंने ऐसी जागरूकता कभी नहीं देखी है, जो इस दफे है. यह 2 साल में परिवर्तन हुआ है. पिछले दो विधानसभा चुनाव में इतना परिवर्तन नहीं था. जो अब जनता में जागरूकता है. जनता राजनीतिक नहीं है,पर राजनीति को समझती है कि कैसे सौदे की और बिकाऊ सरकार बनी है.