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मोहन सरकार में क्या नया पॉवर सेंटर बनेंगे कैलाश या कैबिनेट मंत्री बनकर रह जाएंगे

Kailash Vijayvargiya New Power Centre in MP: एमपी में लंबे इंतजार के बाद सोमवार को मंत्रिमंडल का गठन हो गया. अब विभागों के बंटवारे पर सभी की नजर है. इसके साथ ही अब कहा जा रहा है कि क्या कैलाश विजयवर्गीय मोहन सरकार में नया पॉवर सेंटर बनेंगे.

Kailash Vijayvargiya New Power Centre in MP
कैलाश विजयवर्गीय
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 5:53 PM IST

Updated : Dec 26, 2023, 6:43 PM IST

भोपाल। बीजेपी की सरकार में मुख्यमंत्री कोई भी रहा हो, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय एक समानान्तर पॉवर सेंटर की तरह मौजूद रहे हैं. अब जबकि सीएम की दौड़ में होते हुए राष्ट्रीय महासचिव जैसे ओहदे पर पहुंचने के बाद कैलाश विजयवर्गीय क्या केवल मोहन कैबिनेट के मंत्री बन के रह पाएंगे. याद कीजिए कैलाश विजयवर्गीय का वो बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए भेजा गया है.

Kailash Vijayvargiya Cabinet Minister
कैलाश ने ली मंत्री पद की शपथ

क्या कैलाश बनेंगे नया पॉवर सेंटर: मंत्रिमण्डल के गठन के पहले तक कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय महामंत्री के ओहदे पर पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय क्या एमपी की कैबिनेट में मंत्री पद स्वीकार कर लेंगे, हालांकि इसमें भी लंबा मंथन चला और आखिरकार कैलाश विजयवर्गीय ने पद स्वीकार भी कर लिया, लेकिन जितना उनका राजनीतिक तजुर्बा है. क्या वे मोहन कैबिनेट में केवल सहयोगी के तौर पर रह पाएंगे, या जैसे शिवराज कैबिनेट में नरोत्तम मिश्रा एक पॉवर सेंटर बने हुए थे. वही बानगी अब कैलाश विजयवर्गीय के साथ दिखाई देगी.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, 'ये बिल्कुल सही है कि कैलाश विजयवर्गीय का राजनीति का सुदीर्घ अनुभव है. मुझे लगता है कि विभागों के बंटवारे में इस बात का पूरा ध्यान रखा ही जाएगा. दूसरा इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि कैलाश विजयवर्गीय बेबाक राजनेता हैं. जो महसूस होता है, उसे बेहिचक बोल देना उनकी पुरानी आदत है. याद कीजिए अकेले राजनेता थे, जिन्होंने अपनी ही सरकार में अपनी हालात की बयानी खुद को शोले का ठाकुर बताकर कर दी थी. अब ये वेट एण्ड वॉच का मामला है कि कैलाश विजयवर्गीय अपनी सियासत में फर्क लाते हैं या उसी तेवर में दिखाई देते हैं.

  • आज भोपाल में पूर्व गृह मंत्री श्री @drnarottammisra जी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उनसे सार्थक संवाद हुआ। pic.twitter.com/tUIW7s04eJ

    — Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2015 में ली थी केन्द्र की राजनीति में एंट्री: कैलाश विजयवर्गीय पहली बार 2003 में उमा भारती सरकार में मंत्री बने थे. उसके बाद 2013 में बनी शिवराज सरकार में भी वे मंत्री रहे. कैलाश विजयवर्गीय नगरीय प्रशासन विभाग की जवाबदारी संभाले हुए थे, लेकिन 2015 में जब उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व दिया गया, तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. तब कैलाश विजयवर्गीय शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन के साथ आवास और पर्यावरण विभाग की जवाबदारी संभाले थे.

यहां पढ़ें...

2023 में जब कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जिस तरह के बयान दिए तो ये माना जा रहा था कि वे सीएम बनने ही चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि तस्वीर सामने आने के बाद लगा कि कैलाश मंत्री पद मंजूर ना भी करें. लेकिन अब जब वे मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. तो निगाहें इस पर हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर की राजनीति कर लौटे इस कद्दावर नेता को विभाग कौन सा दिया जाता है.

भोपाल। बीजेपी की सरकार में मुख्यमंत्री कोई भी रहा हो, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय एक समानान्तर पॉवर सेंटर की तरह मौजूद रहे हैं. अब जबकि सीएम की दौड़ में होते हुए राष्ट्रीय महासचिव जैसे ओहदे पर पहुंचने के बाद कैलाश विजयवर्गीय क्या केवल मोहन कैबिनेट के मंत्री बन के रह पाएंगे. याद कीजिए कैलाश विजयवर्गीय का वो बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए भेजा गया है.

Kailash Vijayvargiya Cabinet Minister
कैलाश ने ली मंत्री पद की शपथ

क्या कैलाश बनेंगे नया पॉवर सेंटर: मंत्रिमण्डल के गठन के पहले तक कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय महामंत्री के ओहदे पर पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय क्या एमपी की कैबिनेट में मंत्री पद स्वीकार कर लेंगे, हालांकि इसमें भी लंबा मंथन चला और आखिरकार कैलाश विजयवर्गीय ने पद स्वीकार भी कर लिया, लेकिन जितना उनका राजनीतिक तजुर्बा है. क्या वे मोहन कैबिनेट में केवल सहयोगी के तौर पर रह पाएंगे, या जैसे शिवराज कैबिनेट में नरोत्तम मिश्रा एक पॉवर सेंटर बने हुए थे. वही बानगी अब कैलाश विजयवर्गीय के साथ दिखाई देगी.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, 'ये बिल्कुल सही है कि कैलाश विजयवर्गीय का राजनीति का सुदीर्घ अनुभव है. मुझे लगता है कि विभागों के बंटवारे में इस बात का पूरा ध्यान रखा ही जाएगा. दूसरा इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि कैलाश विजयवर्गीय बेबाक राजनेता हैं. जो महसूस होता है, उसे बेहिचक बोल देना उनकी पुरानी आदत है. याद कीजिए अकेले राजनेता थे, जिन्होंने अपनी ही सरकार में अपनी हालात की बयानी खुद को शोले का ठाकुर बताकर कर दी थी. अब ये वेट एण्ड वॉच का मामला है कि कैलाश विजयवर्गीय अपनी सियासत में फर्क लाते हैं या उसी तेवर में दिखाई देते हैं.

  • आज भोपाल में पूर्व गृह मंत्री श्री @drnarottammisra जी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उनसे सार्थक संवाद हुआ। pic.twitter.com/tUIW7s04eJ

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2015 में ली थी केन्द्र की राजनीति में एंट्री: कैलाश विजयवर्गीय पहली बार 2003 में उमा भारती सरकार में मंत्री बने थे. उसके बाद 2013 में बनी शिवराज सरकार में भी वे मंत्री रहे. कैलाश विजयवर्गीय नगरीय प्रशासन विभाग की जवाबदारी संभाले हुए थे, लेकिन 2015 में जब उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व दिया गया, तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. तब कैलाश विजयवर्गीय शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन के साथ आवास और पर्यावरण विभाग की जवाबदारी संभाले थे.

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2023 में जब कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जिस तरह के बयान दिए तो ये माना जा रहा था कि वे सीएम बनने ही चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि तस्वीर सामने आने के बाद लगा कि कैलाश मंत्री पद मंजूर ना भी करें. लेकिन अब जब वे मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. तो निगाहें इस पर हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर की राजनीति कर लौटे इस कद्दावर नेता को विभाग कौन सा दिया जाता है.

Last Updated : Dec 26, 2023, 6:43 PM IST
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