भोपाल। क्या एग्जिट पोल में बीजेपी को मिली बढ़त के बीच दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को लेकर सियासी गलियारों में बड़े चर्चे हैं. इस मुलाकात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी के इन दो दिग्गज नेताओं के बीच हुई मुलाकात का एजेंडा क्या था और इस मुलाकात के जरिए क्या संदेश दिया जा रहा है.
एग्जिट पोल के साथ बीजेपी की कमरा बंद बैठक: जिस समय एग्जिट पोल के नतीजे आए उसके ठीक बाद केन्द्रीय मंत्री अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय के बीच कमराबंद बैठक हुई है. वैसे दोनों नेताओं की पहले से ही राजनीतिक निकटता है, लेकिन एग्जिट पोल के बाद हुई इस मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्म है. हिमाचल प्रदेश से लौट रहे कैलाश विजयवर्गीय का दिल्ली अमित शाह से मिलने पहुंचना और आधा घंटे की बंद कमरे में बैठक, किस नई रणनीति की तरफ इशारा करती है. माना जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय ने एमपी चुनाव में बीजेपी की स्थिति को लेकर चर्चा की है. खासतौर पर मालवा की स्थिति को लेकर जो बीजेपी का गढ़ होने के साथ 65 सीटों के साथ सबसे बड़ा इलाका भी एमपी का है.
मुलाकात हुई क्या बात हुई: अमित शाह बीजेपी के सबसे बड़े संकटमोचक माने जाते हैं. सियासी गलियारों मे चर्चा ये भी है कि इस मुलाकात में कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह के बीच प्लान बी को लेकर भी चर्चा हुई है. अगर बीजेपी कांग्रेस के बीच अंतर कम होता है, तो सरकार बनाने किस प्लान बी पर काम किया जाना है.
इंदौर से उम्मीदवार कैलाश सीएम पद के दावेदार भी: कैलाश विजयवर्गीय इंदौर की विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं. हालांकि उनके लिए ये चुनाव कठिन रहा, लेकिन माना जा रहा है कि सीएम पद के बीजेपी के दावेदारों में एक अहम नाम कैलाश विजयवर्गीय का भी है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, अभी ऐसी बैठकों का ये अर्थ लगाना बेहद जल्दबाजी होगी. इसमें दो राय नहीं कि अमित शाह बीजेपी के संकटमोचक हैं और जानते हैं कि किस स्थिति में पार्टी को क्या मूव लेना है.