भोपाल। जूनियर डॉक्टर एशोसिएशन ने भोपाल सहित प्रदेश भर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में सांकेतिक विरोध के रूप में ओपीडी शुरू की है. यह ओपीडी 12 अप्रैल तक चलेगी. इस दौरान उन्होंने मरीजों का इलाज किया. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई, तो वह आनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे.
जूनियर डॉक्टरों ने पहले भी दी थी हड़ताल की चेतावनी
जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ कोरोना के गंभीर मरीजों की भर्ती की जाए, जिससे एमडी, एमएस करने वाले डॉक्टरों को पढ़ाई प्रभावित न हो सके. जूनियर डॉक्टरों ने पहले भी हड़ताल की चेतावनी दी थी, जिसके बाद मंत्री विश्वास सारंग के आश्वासन के बाद इसे रद्द कर दिया गया था.
'हमारी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा'
जूनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अरविंद मीणा और गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हरीश पाठक ने कहा कि उन्होंने कोरोना काल में मरीजों का इलाज किया है. इसके बाद भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
यह है जूनियर डॉक्टरों की मांग
- मेडिकल कॉलेज में सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जाए, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो.
- जूनियर डॉक्टरों का मानदेय पिछले 3 साल से नहीं बढ़ा है, जबकि मुख्यमंत्री ने हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कही थी. 3 साल का मिलाकर 18 फीसदी मानदेय बढ़ाया जाए.
- कोरोना काल में सरकार ने डॉक्टरों को 10 हजार की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी, लेकिन अबतक राशि नहीं मिली.
- जूनियर डॉक्टरों को ऐसा प्रमाण पत्र दिया जाए, जिससे वह भविष्य में किसी भी विभाग में सेवा के लिए आवेदन करें, तो उन्हें 10 नंबर मिले