भोपाल। मध्यप्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल संसदीय सीट पर बीजेपी ने मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भोपाल से ही कांग्रेस ने एक पखवाड़े से अधिक समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया था, इसके बावजूद बीजेपी अपने प्रत्याशी का एलान करने में इतनी देर कर दी. हालांकि, 17 अप्रैल को बीजेपी ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के नाम की आधिकारिक घोषणा की थी, इससे कुछ घंटे पहले वह बीजेपी में शामिल हुईं थी.
साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर अब सवाल उठने लगे हैं क्योंकि साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने जमानत इस शर्त पर दी थी कि वह शारीरिक रूप से जेल में रहने लायक नहीं हैं, जिस पर सवाल उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जब जेल में रहने लायक नहीं हैं तो चुनाव लड़ने के लिए कैसे फिट हो गयीं. उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताया है कि जिस कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानत दी है. वह इस पर पुनर्विचार करेगी.
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट के आरोप में जांच एजेंसी एनआईए ने गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में थीं, 25 अप्रैल 2017 को बांबे हाई कोर्ट ने साध्वी को सशर्त जमानत दी थी. इस धमाके में सात लोगों की मौत हुई थी, जबकि करीब 100 लोग घायल हुए थे.इस धमाके के बाद से ही हिंदू आतंकवाद का मुद्दा गरमाया था क्योंकि इस धमाके में एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया था.