भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में कई तरह के नजारे देखने को मिल रहे हैं. भोपाल जिले में एक वार्ड से जनपद सदस्य के लिए खड़े सदस्यों ने हनुमान जी के सामने गुहार लगाई. आपस में सहमति बनी कि हनुमान जी जिसे चाहेंगे, उसे सदस्य बनाएंगे. इसके बाद हनुमान जी के मंदिर में पहुंचकर पर्चिया फेंकीं. उनमें से एक पर्ची उठाई गई. जिस सदस्य का नाम आया, उसके नाम पर अन्य उम्मीदवारों ने हामी भर दी.
तीनों उम्मीदवारों में आपसी सहमति : यह रोचक मामला भोपाल से लगी बावड़िया जमुनिया का है, जोकि फँदा जनपद पंचायत के वार्ड नंबर 12 में आती है. दरअसल, नाम वापसी की अंतिम तारीख पर तीनों उम्मीदवारों ने आपसी सहमति से गांव के हनुमान मंदिर में जाकर पर्चियां फेंकीं. इसमें बावरिया खुर्द निवासी लाल सिंह गुर्जर की पर्ची उठी. एक कन्या द्वारा पर्ची उठवा कर बावड़िया कला के लाल सिंह गुर्जर को विजयी घोषित कर दिया गया. बाकी अन्य दो ने अपना नाम वापस ले लिया. इस तरह बिना चुनाव प्रक्रिया के जनपद सदस्य को चुन लिया गया. अनावश्यक खर्च और आपसी मनमुटाव से बचने के लिये मंदिर में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया.
युवाओं ने पेश की मिसाल : भोपाल जिले की फंदा जनपद पंचायत के वार्ड नंबर 12 से तीन उम्मीदवार खड़े थे. बावड़िया कला के लाल सिंह गुर्जर जमुनिया के नरेंद्र मीना और डंगरौली के राकेश मीणा नाम वापसी की अंतिम तारीख पर तीनों उम्मीदवारों ने आपसी सहमति से बांसिया गांव के हनुमान मंदिर पर मीटिंग रखी. तीनों के नाम की पर्चियां फेंकी गईं, जिसमें बावड़िया खुर्द निवासी लाल सिंह गुर्जर की पर्ची उठी. तीनों ने आपसी सामंजस्य और समझदारी का जो परिचय दिया है वह नवयुवाओं और बाकी गांव के लिए एक बड़ा उदाहरण और मिसाल है. लाल सिंह गुर्जर ने बताया कि इससे काफी पैसों की बचत हुई.अब जो भी पैसा आएगा, उसको जनपद के विकास में लगाया जाएगा. उनकी जनपद में 4 गांव आते हैं और तीनों आपस में बात करके आपसी सामंजस्य से चारों गांव के विकास के लिए कार्य करेंगे.
तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव : पंचायत चुनाव का पहला चरण का मतदान 25 जून को, दूसरे चरण का मतदान 1 जुलाई को और तीसरे चरण का मतदान 8 जुलाई को होगा. एमपी में पंच- सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य का परिणाम 14 जुलाई को, जिला पंचायत का 15 जुलाई को आएगा. नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 10 जून है. पंचायत चुनावों में प्रत्याशी जीत के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता. हर हाल में उसे जीत चाहिए. कोई भगवान के दरबार में मत्था टेककर जनता के बीच जा रहा है तो कोई अपने अनोखे प्रयास से जनता का दिल जीतना चाहता है.