भोपाल। पत्र में विधायक हर्ष यादव ने बुंदेलखंडवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि पृथक राज्य निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करें. चिट्ठी में हर्ष यादव ने ये भी बताया है कि देश के नक्शे पर बुंदेलखंड राज्य की अलग तस्वीर देखने के लिए यहां के लोग लंबे समय से आंदोलित हैं. इसके लिए जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक संगठनों व आम नागरिकों ने सैकड़ों बार ज्ञापन, धरना व आंदोलन किया है.
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पृथक बुंदेलखंड की मांग चुनाव के समय ही क्यों : मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुल 13 जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड का नक्शा बनता है. अक्सर ये मांग उठती रही है कि एमपी और यूपी के बीच बंटे बुंदेलखंड इलाके के सभी जिलों को मिलाकर अलग से बुंदेलखंड राज्य का गठन किया जाए. इस मांग को लंबा समय हो चुका है. 1989 में बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के गठन के साथ ये मांग उठाई गई. आंदोलन इतना धारदार था कि बताते हैं कि इस मांग के समर्थन में 1994 के विधानसभा सत्र और लोकसभा में भी पर्चे फेंके गए थे. 90 के दशक में ही दिल्ली में भी इस मांग को लेकर लंबा प्रदर्शन चला था. इसी दशक में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी करीब महीने भर तक प्रदर्शन हुआ.