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हमीदिया अस्पताल में इंटर्न छात्रों ने काम करने से किया इनकार, ये है वजह - Intern students refused work Hamidia Hospital

भोपाल शहर के हमीदिया अस्पताल में इंटर्न करने वाले छात्रों ने अब काम करने से इनकार कर दिया है. जिसकी खास वजह है छात्रों को इंसेंटिव नहीं मिलना. पढ़े पूरी खबर

Hamidia Hospital
हमीदिया अस्पताल
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Published : Aug 7, 2020, 7:43 AM IST

भोपाल| शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच हमीदिया अस्पताल की अव्यवस्था हर दिन सामने आती जा रही है. वहीं अब तक शहर के अधिकांश कोरोना मरीज की मौत भी हमीदिया अस्पताल में ही हुई है, लेकिन हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक नहीं हो पा रही है. इसी बीच हमीदिया अस्पताल के इंटर्न छात्रों ने गुरुवार रात से कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है. देर रात छात्रों के काम करने से इनकार करने के बाद हमीदिया अस्पताल में मरीजों को लेकर चिंता भी बढ़ गई है. हालांकि मामले की सूचना मिलने के बाद जूनियर डॉक्टर के साथ सीनियर कंसलटेंट, नर्सिंग स्टाफ ने व्यवस्थाओं को संभाल लिया है.

अब नहीं मिली इंसेंटिव की राशि

बता दें कि कोरोना संक्रमण की राजधानी में शुरुआत के साथ ही इन छात्रों ने कोरोना वार्ड में ड्यूटी शुरू कर दी थी. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना योद्धाओं को 10 हजार रुपए मासिक इंसेंटिव और हर दिन हजार रुपए देने का ऐलान किया था, लेकिन अब तक इन्हें ना तो इंसेंटिव की राशि मिली है और ना ही प्रतिदिन हजार रुपए का किसी प्रकार से भुगतान किया जा रहा है. यहीं वजह है कि हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से भी छात्रों ने मुलाकात कर अपनी बात रखी थी, लेकिन इस मामले को लेकर हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से छात्रों की नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई है. जिसके चलते उन्होंने गुरुवार देर रात से ही कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है.

सरकार ने नहीं किया वादा पूरा

हमीदिया अस्पताल प्रबंधन को छात्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण होने के साथ-साथ वर्तमान परिस्थितियों में बहुत अधिक काम बढ़ गया है. इस दौरान सभी छात्र दिनभर कोरोना वार्ड में काम करने में लगे हुए हैं, लेकिन सरकार ने जो वादा किया था अब तक उसे पूरा नहीं किया है. ऐसी स्थिति में जब तक सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है, तब तक सभी छात्र काम पर वापस नहीं लौटेंगे.

गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन अरुणा कुमार ने जानकारी दी है कि इंटर्न छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर जानकारी दी है, साथ ही उन्होंने कोरोना वार्ड में काम नहीं करने की जानकारी भी दी है. उन्होंने कहा कि उनके पास व्यवस्था को संभालने के लिए सेकंड लाइन तैयार है. डॉक्टर, नर्सिंग और अन्य छात्रों के साथ मिलकर व्यवस्था संभालने का काम किया जा रहा है. यहां एडमिट मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, छात्रों के द्वारा जो मांग की गई है उसे लेकर आज वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा.

भोपाल| शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच हमीदिया अस्पताल की अव्यवस्था हर दिन सामने आती जा रही है. वहीं अब तक शहर के अधिकांश कोरोना मरीज की मौत भी हमीदिया अस्पताल में ही हुई है, लेकिन हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक नहीं हो पा रही है. इसी बीच हमीदिया अस्पताल के इंटर्न छात्रों ने गुरुवार रात से कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है. देर रात छात्रों के काम करने से इनकार करने के बाद हमीदिया अस्पताल में मरीजों को लेकर चिंता भी बढ़ गई है. हालांकि मामले की सूचना मिलने के बाद जूनियर डॉक्टर के साथ सीनियर कंसलटेंट, नर्सिंग स्टाफ ने व्यवस्थाओं को संभाल लिया है.

अब नहीं मिली इंसेंटिव की राशि

बता दें कि कोरोना संक्रमण की राजधानी में शुरुआत के साथ ही इन छात्रों ने कोरोना वार्ड में ड्यूटी शुरू कर दी थी. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना योद्धाओं को 10 हजार रुपए मासिक इंसेंटिव और हर दिन हजार रुपए देने का ऐलान किया था, लेकिन अब तक इन्हें ना तो इंसेंटिव की राशि मिली है और ना ही प्रतिदिन हजार रुपए का किसी प्रकार से भुगतान किया जा रहा है. यहीं वजह है कि हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से भी छात्रों ने मुलाकात कर अपनी बात रखी थी, लेकिन इस मामले को लेकर हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से छात्रों की नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई है. जिसके चलते उन्होंने गुरुवार देर रात से ही कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है.

सरकार ने नहीं किया वादा पूरा

हमीदिया अस्पताल प्रबंधन को छात्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण होने के साथ-साथ वर्तमान परिस्थितियों में बहुत अधिक काम बढ़ गया है. इस दौरान सभी छात्र दिनभर कोरोना वार्ड में काम करने में लगे हुए हैं, लेकिन सरकार ने जो वादा किया था अब तक उसे पूरा नहीं किया है. ऐसी स्थिति में जब तक सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है, तब तक सभी छात्र काम पर वापस नहीं लौटेंगे.

गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन अरुणा कुमार ने जानकारी दी है कि इंटर्न छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर जानकारी दी है, साथ ही उन्होंने कोरोना वार्ड में काम नहीं करने की जानकारी भी दी है. उन्होंने कहा कि उनके पास व्यवस्था को संभालने के लिए सेकंड लाइन तैयार है. डॉक्टर, नर्सिंग और अन्य छात्रों के साथ मिलकर व्यवस्था संभालने का काम किया जा रहा है. यहां एडमिट मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, छात्रों के द्वारा जो मांग की गई है उसे लेकर आज वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा.

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