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किसान ने भोपाल में उगाया अफगानी खरबूज, जानें क्या है खासियत

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Published : Apr 14, 2023, 4:33 PM IST

राजधानी भोपाल में किसान मिश्रीलाल राजपूत ने अफगानिस्तान की फसल भोपाल में उगाई है. किसान मिश्रीलाल ने पीले रंग का खरबूज लगाया. जिसको लेकर वे चर्चा में हैं.

bhopal farmer grows yellow Melon
किसान ने उगाया पीला खरबूज

भोपाल। लाल भिंडे, नीले आलू और काले चावल उगा चुके किसान मिश्रीलाल राजपूत ने इस बार अफगानिस्तान की फसल भोपाल में उगाई है. उन्होंने पीले रंग के खरबूज की फसल लगाई है. इसमें लगे पीले खरबूज जितने अधिक आकर्षक होते हैं. वहीं करीब एक माह तक यह खराब भी नहीं होता. भोपाल के किसान भारतीय कृषि अनुसंधान नई दिल्ली से इसके बीजे लेकर आए थे, जिसका उन्हें अच्छा रिजल्ट मिला है. उनके मुताबिक आम खरबूज के मुकाबले इसकी फसल किसानों के लिए ज्यादा लाभदायी साबित होगी.

आम खरबूज और पीले खरबूज में काफी अंतर: भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत लगातार फसलों में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उन्होंने दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र से इस पीले खरबूज के बीज बुलाए थे. किसान मिश्रीलाल राजपूत बताते हैं कि इसका नाम पूसा सुनहरी वैरायटी के इस खरबूजे की खासियत यह है कि इसमें आम खरबूज से 20 गुना अधिक मिनिरल्स पाए जाते हैं. यह खरबूज किसानों के लिए भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि आम खरबूज जैसे ही पक जाता है, वह अपने आप ही तने से टूटकर अलग हो जाता है. इसके बाद दो से तीन दिन बाद तक ही इसे रखा जा सकता है, जबकि पीले खरबूज की लाइफ इससे 10 गुना अधिक होती है.

bhopal farmer grows yellow Melon
किसान ने उगाया पीला खरबूज

खेती से जुड़ी कुछ खबरें यहां पढ़ें

30 दिन तक नहीं होता खराब: किसान मिश्रीलाल बताते हैं कि पीले खरबूज की फसल तैयार होने के बाद इसका फल पकने के बाद तने से टूटकर अलग नहीं होता. यह फल पकने के एक माह तक खराब नहीं होता, इसलिए बाजार के हिसाब से इसे बेचना ज्यादा आसान है. इस खरबूज को साल में तीन बार उगाया जा सकता है. उन्होंने पीले खरबूज की यह फसल फिलहाल प्रयोग के तौर पर लगाई थी. जल्द ही इसे बड़े स्तर पर लगाएंगे. भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत फसलों में प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. मिश्रीलाल राजपूत पिछले साल लाल भिंडी उगाकर चर्चा में आए थे. इसके पहले वे काले चावल और नीले आलू भी उगा चुके हैं. किसान मिश्रीलाल बताते हैं कि वे लगातार अनुसंधान केन्द्रों के संपर्क में रहते हैं और फसलों में लगातार प्रयोग करते हैं.

भोपाल। लाल भिंडे, नीले आलू और काले चावल उगा चुके किसान मिश्रीलाल राजपूत ने इस बार अफगानिस्तान की फसल भोपाल में उगाई है. उन्होंने पीले रंग के खरबूज की फसल लगाई है. इसमें लगे पीले खरबूज जितने अधिक आकर्षक होते हैं. वहीं करीब एक माह तक यह खराब भी नहीं होता. भोपाल के किसान भारतीय कृषि अनुसंधान नई दिल्ली से इसके बीजे लेकर आए थे, जिसका उन्हें अच्छा रिजल्ट मिला है. उनके मुताबिक आम खरबूज के मुकाबले इसकी फसल किसानों के लिए ज्यादा लाभदायी साबित होगी.

आम खरबूज और पीले खरबूज में काफी अंतर: भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत लगातार फसलों में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उन्होंने दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र से इस पीले खरबूज के बीज बुलाए थे. किसान मिश्रीलाल राजपूत बताते हैं कि इसका नाम पूसा सुनहरी वैरायटी के इस खरबूजे की खासियत यह है कि इसमें आम खरबूज से 20 गुना अधिक मिनिरल्स पाए जाते हैं. यह खरबूज किसानों के लिए भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि आम खरबूज जैसे ही पक जाता है, वह अपने आप ही तने से टूटकर अलग हो जाता है. इसके बाद दो से तीन दिन बाद तक ही इसे रखा जा सकता है, जबकि पीले खरबूज की लाइफ इससे 10 गुना अधिक होती है.

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किसान ने उगाया पीला खरबूज

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30 दिन तक नहीं होता खराब: किसान मिश्रीलाल बताते हैं कि पीले खरबूज की फसल तैयार होने के बाद इसका फल पकने के बाद तने से टूटकर अलग नहीं होता. यह फल पकने के एक माह तक खराब नहीं होता, इसलिए बाजार के हिसाब से इसे बेचना ज्यादा आसान है. इस खरबूज को साल में तीन बार उगाया जा सकता है. उन्होंने पीले खरबूज की यह फसल फिलहाल प्रयोग के तौर पर लगाई थी. जल्द ही इसे बड़े स्तर पर लगाएंगे. भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत फसलों में प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. मिश्रीलाल राजपूत पिछले साल लाल भिंडी उगाकर चर्चा में आए थे. इसके पहले वे काले चावल और नीले आलू भी उगा चुके हैं. किसान मिश्रीलाल बताते हैं कि वे लगातार अनुसंधान केन्द्रों के संपर्क में रहते हैं और फसलों में लगातार प्रयोग करते हैं.

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