भोपाल (Agency, PTI)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के चिड़ियाघर में गुरुवार को शोक की लहर फैल गई. बबलू नाम का भालू वर्तमान में देश में सबसे बूढ़ा भालू था. चिड़ियाघर में भालू बचाव केंद्र चलाने वाले एक गैर सरकारी संगठन के सूत्रों ने बताया "बबलू की गुरुवार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-सह-पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र में मौत हो गई.". पशु चिकित्सक डॉ.अतुल गुप्ता ने बताया कि इस भालू ने 3-4 दिन पहले खाना बंद कर दिया था. बता दें कि बबलू को 6 मई 2006 को 19 साल की उम्र में राजस्थान में एक 'मदारी' से बचाने के बाद वन विहार में लाया गया था.
पिछले साल मादा भालू की मौत : वाइल्डलाइफ के अधिकारी नील बनर्जी ने बताया कि जनवरी 2022 में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 40 साल की उम्र में मादा भालू गुलाबो की मौत के बाद बबलू देश का सबसे बूढ़ा भालू यहां पर था. उन्होंने कहा, ''बबलू की मौत वन विहार में हमारी भालू बचाव सुविधा में हुई.'' उन्होंने कहा कि उनका एनजीओ पूरे भारत में हाथियों, भालू और तेंदुओं के बचाव के लिए काम करता है. पोस्टमार्टम के बाद बबलू के शव का निपटान कर दिया गया. उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को जबलपुर स्थित वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ को भेज दिया गया है.
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मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर : भोपाल चिडि़याघर के अधिकारियों ने बताया कि मौत का प्राथमिक कारण मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर बताया गया है. पोस्टमार्टम के बाद भालू के शव का पार्क में अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं, एसओएस वाइल्डलाइफ ने बताया कि बबलू को एक साल पहले ही देश का सबसे बुजुर्ग भालू घोषित किया गया था. आमतौर पर भालू की औसत उम्र 15-20 के बीच ही रहती है, लेकिन अगर इन्हें कैप्टिविटी में रखा जाए तो भालू 25 से 30 वर्ष तक जीवित रहते हैं.