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भारत में हर साल मिलते है 10 लाख कैंसर के नए मरीज, जानें कैसे करें बचाव

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Published : Feb 4, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 5:25 PM IST

वर्ल्ड कैंसर- डे के मौके पर कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल से ईटीवी भारत संवाददता ने खास बाचतीच की, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत में हर साल 10 लाख कैंसर के नए मरीज मिलते है.

World Cancer Day
विश्व कैंसर दिवस

भोपाल। कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर- डे मनाया जा रहा. पिछले कुछ सालों में भारत देश में कैंसर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल ने बताया कि कैसे कैंसर से बचाव किया जा सकता है और इस बीमारी के होने के प्रमुख कारण कौन- कौन से हैं.

विश्व कैंसर दिवस

हर साल 10 लाख नए कैंसर के मरीज
डॉक्टर श्याम अग्रवाल ने बताया कि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि, हर साल 10 लाख से भी ज्यादा नए मरीज कैंसर के देखने को मिल रहे हैं. उसमें से करीब 6 लाख मरीजों की मृत्यु हो जाती है. जो बहुत बड़ा आंकड़ा है.

वर्ल्ड कैंसर- डे पर लोगों को करते है जागरुक
कैंसर के मरीजों के बढ़ते हुए आंकड़े को देखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के लिए इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर ने 4 फरवरी को पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर- डे मनाने का आह्वान किया है. जिससे लोगों को जागरूक करें, इस बीमारी के लक्षणों के बारे में बताएं तो करीब 30 प्रतिशत तक मृत्यु दर को कम किया जा सकता हैं. वहीं 2 लाख मरीजों को मरने से बचाया जा सकता हैं.

तंबाकू है कैंसर का सबसे बड़ा कारण
डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि, कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है. लोगों में इसका प्रचलन अधिक है. तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो आज की यंग जनरेशन को भी खराब कर रहा है. बता दें पहले कैंसर के मरीज 40 से 45 उम्र के बाद के आते थे, लेकिन अब 20 से 30 साल के युवा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके संबंध में सरकार का नो टोबैको अभियान भी असफल रहा है. नाबालिगों में धूम्रपान का स्तर बढ़ा है, जिसके कारण कैंसर भी बढ़ा है.

रेगुलर करवाए टेस्ट
वहीं कैंसर से बचाव के बारे में डॉक्टर ने कहा कि, कुछ ऐसे कैंसर हैं जिसका कोई कारण नहीं होता है, अगर व्यक्ति रेगुलर ब्लड टेस्ट करवाए, मैमोग्राफी और सेल्फ एग्जामिनेशन करें, तो लक्षणों का जल्दी पता लग सकता है. जिससे कैंसर को पहले स्टेज में ही होने से रोका जा सकता है.

भोपाल। कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर- डे मनाया जा रहा. पिछले कुछ सालों में भारत देश में कैंसर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल ने बताया कि कैसे कैंसर से बचाव किया जा सकता है और इस बीमारी के होने के प्रमुख कारण कौन- कौन से हैं.

विश्व कैंसर दिवस

हर साल 10 लाख नए कैंसर के मरीज
डॉक्टर श्याम अग्रवाल ने बताया कि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि, हर साल 10 लाख से भी ज्यादा नए मरीज कैंसर के देखने को मिल रहे हैं. उसमें से करीब 6 लाख मरीजों की मृत्यु हो जाती है. जो बहुत बड़ा आंकड़ा है.

वर्ल्ड कैंसर- डे पर लोगों को करते है जागरुक
कैंसर के मरीजों के बढ़ते हुए आंकड़े को देखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के लिए इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर ने 4 फरवरी को पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर- डे मनाने का आह्वान किया है. जिससे लोगों को जागरूक करें, इस बीमारी के लक्षणों के बारे में बताएं तो करीब 30 प्रतिशत तक मृत्यु दर को कम किया जा सकता हैं. वहीं 2 लाख मरीजों को मरने से बचाया जा सकता हैं.

तंबाकू है कैंसर का सबसे बड़ा कारण
डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि, कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है. लोगों में इसका प्रचलन अधिक है. तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो आज की यंग जनरेशन को भी खराब कर रहा है. बता दें पहले कैंसर के मरीज 40 से 45 उम्र के बाद के आते थे, लेकिन अब 20 से 30 साल के युवा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके संबंध में सरकार का नो टोबैको अभियान भी असफल रहा है. नाबालिगों में धूम्रपान का स्तर बढ़ा है, जिसके कारण कैंसर भी बढ़ा है.

रेगुलर करवाए टेस्ट
वहीं कैंसर से बचाव के बारे में डॉक्टर ने कहा कि, कुछ ऐसे कैंसर हैं जिसका कोई कारण नहीं होता है, अगर व्यक्ति रेगुलर ब्लड टेस्ट करवाए, मैमोग्राफी और सेल्फ एग्जामिनेशन करें, तो लक्षणों का जल्दी पता लग सकता है. जिससे कैंसर को पहले स्टेज में ही होने से रोका जा सकता है.

Intro:भोपाल- कैंसर की बीमारी से बचने और इसके लिए जागरूकता लाने के लिए आज पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा रहा।
पिछले कुछ सालों से ऐसा देखा जा रहा है कि न केवल देश में बल्कि भारत में भी कैंसर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है काफी तेजी से भारत की आबादी इस बीमारी की चपेट में आ रही है।
इस बारे में हमने कैंसर विशेषज्ञ डॉ श्याम अग्रवाल से बात की तो उन्होंने जानकारी दी कि कैंसर के होने के क्या कारण हैं और इसे कैसे बचाव किया जा सकता है।


Body:डॉ श्याम अग्रवाल ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हर साल 10।लाख से भी ज्यादा नए मरीज कैंसर के देखने को मिल रहे हैं, उसमें से करीब 6 लाख मरीजों की मृत्यु हो जाती है, यह बहुत बड़ा आंकड़ा है ।
कैंसर मरीजों के बढ़ते हुए आंकड़े को देखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के लिए इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर ने 4 फरवरी को पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर डे मनाने का आह्वान किया है क्योंकि यदि हम लोगों को जागरूक करें,इस बीमारी के लक्षणों के बारे में बताएं तो हम 30% तक मृत्यु दर को कम कर सकते हैं और 2 लाख मरीजों को हम मरने से बचा सकते हैं।


Conclusion:डॉ श्याम अग्रवाल बताते हैं कि कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है लोगों में इसका प्रचलन है,एक ऐसा पदार्थ है जो हमारी यंग जनरेशन को भी खराब कर रहा है ।
पहले कैंसर के मरीज 40 से 45 उम्र के बाद के आते थे पर अब 20 से 30 साल की इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सरकार का नो टैबाकु अभियान भी असफल रहा है
नाबालिगों में भी कैंसर देखने को मिल रहा है धूम्रपान का स्तर बढ़ा है जिसके कारण कैंसर भी बड़ा है।

वहीं इससे कैसे बचाव किया जा सकता इस बारे में डॉक्टर कहते हैं कि कुछ ऐसे कैंसर है जिसका कोई कारण नहीं होता यदि व्यक्ति रेगुलर ब्लड टेस्ट करवाए, मैमोग्राफी और सेल्फ एग्जामिनेशन करें तो लक्षणों का जल्दी पता लग सकता है जिससे कैंसर को पहले स्टेज में ही होने से रोका जा सकता है।


नोट- 121 के साथ कुछ रॉ फुटेज भेजे है।


Last Updated : Feb 4, 2020, 5:25 PM IST
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