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प्रसिद्ध डॉक्टर एनपी मिश्रा का निधन, चिकित्सा जगत में शोक की लहर, भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के इलाज में कमाया था नाम

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के पूर्व डीन डॉक्टर एनपी मिश्रा का रविवार सुबह उनके निवास स्थान पर निधन हो गया. उनके निधन से पूरे चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर है.

Doctor NP Mishra
डॉक्टर एनपी मिश्रा
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Published : Sep 5, 2021, 11:43 AM IST

Updated : Sep 5, 2021, 11:54 AM IST

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल (Gandhi Medical College Bhopal) के पूर्व डीन और मेडिसिन के जाने-माने विशेषज्ञ डॉक्टर एनपी मिश्रा (Doctor NP Mishra) का रविवार सुबह सिविल लाइन स्थित उनके निवास पर निधन (Doctor NP Mishra Death) हो गया. वह 90 वर्ष के थे. पिछले दिनाें जीभ में कैंसर की वजह से उनकी सर्जरी (Cancer Surgery) की गई थी, तबसे वह अस्वस्थ चल रहे थे.

रविवार सुबह 5.30 बजे उठकर नियमित दवा लेकर कुर्सी पर बैठे. 7 बजे परिवार के सदस्यों ने देखा तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी. उनके तीन बेटे हैं. एक बेटा यूएस (United State) में है. उनके निधन से पूरे चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है. निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि (Homage) दी.

गैस त्रासदी में निभाई थी अहम भूमिका
भोपाल में वर्ष 1984 में हुई भीषण गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के दौरान मरीजों के इलाज में उनकी बड़ी भूमिका थी. चिकित्सकों को भी यह जानकारी नहीं थी कि घातक मिथाइल आइसासाइनाइड गैस (Methyl Isocyanide Gas) के दुष्‍प्रभाव इलाज कैसे करना है. तब उन्होंने अमेरिका और दूसरे देश के डॉक्टरों (Discussion with America Doctors) से बात कर गैस के बारे में इलाज पूछा था.

कोविड-19 के कारण होटल में क्वॉरेंटाइन मेडिकल स्टाफ को मिले होटल खाली करने के आदेश

लगातार 2 से 3 दिन तक बिना सोए उन्होंने मरीजों का इलाज किया. उस समय वह जीएमसी में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर थे. डॉ. मिश्रा की खासियत यह थी कि वह 90 साल की उम्र में भी शोध और चिकित्सा क्षेत्र (Research in Medical Science) में आ रही अद्यतन जानकारियों से रूबरू रहते थे.

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल (Gandhi Medical College Bhopal) के पूर्व डीन और मेडिसिन के जाने-माने विशेषज्ञ डॉक्टर एनपी मिश्रा (Doctor NP Mishra) का रविवार सुबह सिविल लाइन स्थित उनके निवास पर निधन (Doctor NP Mishra Death) हो गया. वह 90 वर्ष के थे. पिछले दिनाें जीभ में कैंसर की वजह से उनकी सर्जरी (Cancer Surgery) की गई थी, तबसे वह अस्वस्थ चल रहे थे.

रविवार सुबह 5.30 बजे उठकर नियमित दवा लेकर कुर्सी पर बैठे. 7 बजे परिवार के सदस्यों ने देखा तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी. उनके तीन बेटे हैं. एक बेटा यूएस (United State) में है. उनके निधन से पूरे चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है. निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि (Homage) दी.

गैस त्रासदी में निभाई थी अहम भूमिका
भोपाल में वर्ष 1984 में हुई भीषण गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के दौरान मरीजों के इलाज में उनकी बड़ी भूमिका थी. चिकित्सकों को भी यह जानकारी नहीं थी कि घातक मिथाइल आइसासाइनाइड गैस (Methyl Isocyanide Gas) के दुष्‍प्रभाव इलाज कैसे करना है. तब उन्होंने अमेरिका और दूसरे देश के डॉक्टरों (Discussion with America Doctors) से बात कर गैस के बारे में इलाज पूछा था.

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लगातार 2 से 3 दिन तक बिना सोए उन्होंने मरीजों का इलाज किया. उस समय वह जीएमसी में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर थे. डॉ. मिश्रा की खासियत यह थी कि वह 90 साल की उम्र में भी शोध और चिकित्सा क्षेत्र (Research in Medical Science) में आ रही अद्यतन जानकारियों से रूबरू रहते थे.

Last Updated : Sep 5, 2021, 11:54 AM IST
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