भोपाल। मध्य प्रदेश में साल 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के घर और दफ्तर पर दिल्ली इनकम टैक्स की टीम ने छापेमार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग के टीम ने 52 ठिकानों पर छापा मारकर कई दस्तावेज, कम्प्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन दस्तावेजों और फाइलों की जांच आईटी (आयकर विभाग) की शीर्ष संस्था CBDT ने की है और एक विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी है. साथ ही इस मामले में तीन आईपीएस और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में अब आयकर विभाग की एक सूची भी सामने आई है, जिसमें 64 विधायकों और नेताओं समेत कंपनी और कारोबारियों के नाम शामिल हैं.
तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश
पोल कैश मामले में सबसे पहले तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें मध्य प्रदेश कैडर के सुशोभन बेनर्जी, वी मधुकुमार और संजय माने शामिल हैं. इसके अलावा एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकरी अरुण मिश्रा का नाम भी है. इन अधिकारियों पर आरोप लगे हैं कि इन्होंने अपने निजी वाहनों से दिल्ली करोड़ों रुपए कैश पहुंचाया है. छापों के दौरान कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, आरके मिगलानी और अश्विन शर्मा के घर से जो दस्तावेज जब्त किए गए, उनमें इन आईपीएस अधिकारियों के कैश का ट्रांजेक्शन करने के प्रमाण मिले हैं. इसी आधार पर CBDT ने चुनाव आयोग को इन अफसरों की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि जांच के बाद इन अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही EOW एफआईआर भी दर्ज कर सकता है.
आयकर विभाग की सूची में 64 विधायक नेताओं के नाम
पोल कैश मामले में आयकर विभाग की एक सूची भी सामने आई है. इस सूची में करीब 64 विधायक और नेताओं के नाम हैं. इनके नाम के आगे राशि भी लिखी गई है. इन 64 विधायकों में लोकसभा चुनाव के दौरान पैसा बांटा गया था. जिसमें बसपा के संजीव सिंह और रामबाई भी शामिल हैं. विधायकों को पांच लाख से लेकर 75 लाख रुपए तक कुल 4.4 करोड़ रुपए बांटे गए थे. इतना ही नहीं लोकसभा उम्मीदवारों को तीन करोड़ 20 लाख रुपए दिए गए. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर वाला भी एक दस्तावेज सामने आया है, जिसमें लिखा है कि चुनाव खर्च के लिए पांच लाख रुपए प्राप्त हुए. कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल के पास भी तीन करोड़ रुपए पहुंचाए जाने के प्रमाण आयकर विभाग को मिले हैं.
सरकारी विभागों से भी किया गया कलेक्शन
पोल कैश मामले में सरकारी विभागों से भी जमकर कलेक्शन किया गया था. आयकर विभाग की सूची में यह खुलासा भी हुआ है कि सरकारी विभाग, निजी कंपनियों और कारोबारियों से भी कलेक्शन किया गया है. हालांकि सरकारी विभागों के आगे केवल राशि लिखी हुई है, मंत्रियों के नाम नहीं हैं. इनमें पीडब्ल्यूडी विभाग के तत्कालीन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे. तो वहीं नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन मंत्री जयवर्धन सिंह, पीएचई विभाग के सुखदेव पांसे और ऊर्जा विभाग के मंत्री प्रियवृत सिंह थे. इतना ही नहीं इस सूची में कारोबारियों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं. जिनमें मोंटाना, शिवा माइनिंग, डिजियाना, कार्निवल ग्रुप, प्रिज्म सीमेंट, वंडर सीमेंट, एमपी बिरला, सिंचाई टाटा, एएमआर मोंटाना, एम शिखरवार, पीओ अनिल, लखन तिवारी, दिलीप रघुवंशी, राजेंद्र गुप्ता और नितिन रेड्डी नाम शामिल हैं.
कहां कितना पैसा पंहुचाया
इस मामले में तीन आईपीएस अधिकारियों के नामों के सामने 25-25 लाख रुपए की राशि लिखी गई है. वहीं दिल्ली 18 करोड़, भोपाल 40.50 करोड़, जबलपुर 15 करोड़, ललित चालानी 39.58 करोड़, धर्मास 11.50 करोड़, केके 3 करोड़, एआईसीसी 20 करोड़ रुपए भेजे गए हैं. चौकाने वाली बात तो यह है कि, रुपए पहुंचने के बाद हस्ताक्षर के साथ जानकारी मांगी गई थी, जिसके बाद नेताओं ने लिखित में जानकारी भी दी है कि उनके पास रुपए पहुंच गए हैं और बकायदा हस्ताक्षर किए गए हैं, हस्ताक्षर वाले यह सभी दस्तावेज आयकर विभाग के पास जब्त हैं.
कांग्रेस के इन नेताओं के नाम हैं शामिल
आयकर विभाग की सूची में दिग्विजय सिंह, मीनाक्षी नटराजन, अजय सिंह, कंप्यूटर बाबा, रणदीप सुरजेवाला, फुंदेलाल मार्को, ओमकार सिंह मरकाम, आरिफ मसूद, बाबू जंडेल, विजय राघवेन्द्र सिंह, नारायण पट्टा, डॉ.अशोक मर्सकोले, तनवर लोधी, विक्रम सिंह नातीराजा, शिवदयाल बागरी, राणा विक्रम सिंह, गोवर्धन सिंह दांगी, बैजनाथ कुशवाह, अभिषेक मिश्रा, शशांक भार्गव, झूमा सोलंकी, कलावती भूरिया, शशि कर्णावत, पांचीलाल मेढ़ा, विजय सिंह गेहलोत, सचिन बिड़ला, मुकेश रावत पटेल, सिध्दार्थ कुशवाह, शैलेन्द्र सिंह दीवान, देवेन्द्र पटेल, कविता नातीराजा, मुकेश श्रीवास्तव समेत नेता और अन्य 64 नाम शामिल हैं.
अप्रैल 2019 में दिल्ली आईटी की टीम ने 52 ठिकानों पर मारे थे छापे
8 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने 52 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इनमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, ओएसडी आरके मिगलानी, कारोबारी अश्विन शर्मा और कमलनाथ के भांजे रतुल पूरी के घर और दफ्तरों पर छापा मारा गया था. इस दौरान आईटी की टीम ने सभी ठिकानों से कई दस्तावेज और फाइलों समेत करोड़ों रुपए नकदी जब्त किए थे. कार्रवाई के बाद आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही थी. जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई है. चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज कर सकता है. वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि अप्रैजल रिपोर्ट आ गई है, इसमें सबके नाम हैं, जो नाम सामने आए हैं यह तो सिर्फ मोहरे हैं, सरगना अभी बाकी है, दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा.