भोपाल। राजधानी भोपाल के नजीराबाद में मंगलवार को किसान खेत पाठशाला का शुभारंभ किया गया. शुभारंभ के मौके पर कलेक्टर अविनाश लवानिया मौजूद रहे. किसान खेत पाठशाला में किसानों को 110 मास्टर ट्रेनरों द्वारा पारंपरिक ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी से फसलों का उत्पादन बढ़ाकर किसानों को उन्नात तरीके से आय में वृद्धि के स्त्रोत के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई. किसान खेत पाठशाला का मुख्य उद्देश्य कृषकों की आय को दोगुना करना है. किसान खेत पाठशाला का मकसद उपलब्ध संसाधनों से किस प्रकार बेहतर फसल उत्पादन हो सके यह बात किसानों तक पहुंचाई जाएगी. इसके साथ ही खेती की लागत में कमी करने के साथ साथ, बीज खाद कीटनाशक प्रबंधन आदि की जानकारी किसान खेत पाठशाला में बताई जाएगी.
कम लागत और उत्पादकता के साथ आय पर जोर
मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग देते समय आयुक्त कवींद्र कियावत ने किसान खेत पाठशाला के मास्टर ट्रेनर्स सहित अन्य विभागों के समन्वय में अधिकारियों से कहा था कि इस अभियान की अवधारणा के अनुरूप किसानों को नई तकनीक की जानकारी, कृषि की लागत में कमी और उत्पादकता बढ़ाकर आय में वृद्धि के लिए प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि कृषि भूमि के शत-प्रतिशत उपयोग के साथ ही अन्य उत्पादक गतिविधियों को बढ़ाकर अतिरिक्त आय में वृद्धि करने की सीख किसानों को दी जाए. कियावत ने कहा कि किसान खेत पाठशाला का यह अभियान अनवरत जारी रहेगा.
सिंचाई के संबंध में किसान को किया जाएगा जागरुक
उन्होंने कहा कि बारिश भी अच्छी हुई है और जलाशय भी भरे हुए हैं, ऐसे में किसानों को सही राह दिखा कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं. उन्होंने खाद बीज उर्वरक और सिंचाई के संबंध में कृषकों को जागृत किए जाने की जरुरत बताई.
नरवाई जलाने से नष्ट होती है मिट्टी की गुणवत्ता
भोपाल आयुक्त कवींद्र कियावत ने कहा कि खेती में महिलाओं के योगदान के दृष्टिगत उन्हें भी शिक्षित किया जाए. उन्होंने मास्टर ट्रेनर्स से कहा है कि वे किसानों में भरोसा पैदा करें और उन्हें अपना मित्र बनाएं, जिससे किसानों की हर बात शासन प्रशासन तक भी पहुंच सके. इसके साथ ही पाठशाला के लिए कोटवार, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, किसान बंधु और किसान दीदी सभी मिलकर किसानों के बीच वातावरण निर्माण कर उन्हें किसान खेत पाठशाला में आमंत्रित करेंगे. आयुक्त कवींद्र कियावत ने कहा कि नरवाई जलाने से मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट होती जाती है और मिट्टी में रहने वाले कृषक मित्र जीव जैसे केंचुआ भी मर जाते हैं. कृषकों को नरवाई न जलाने के लिए प्रेरित करें और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए.