भोपाल। शरीर के विकास के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है. खासतौर पर महिलाओं में होने वाले थायराइड की बीमारी आयोडीन की कमी के चलते ही होती है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं मिला, तो कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है.
आयोडीन की कमी से घेंघा, थकान, गर्भपात, मंद-बुद्धि, विकलांगता, मानसिक विकास में बाधा, बच्चे का असामान्य पैदा होना जैसी बीमारी हो सकती है. आयोडीन की कमी से हार्ट का आकार भी बढ़ सकता है और हार्ट फेल भी हो सकता है. महिलाओं में आयोडीन की कमी से बांझपन की भी समस्या होती है.
क्यों जरूरी है हेल्थ के लिए आयोडीन?
- आयोडीन की पूर्ति से शरीर में चुस्ती-फूर्ती बनी रहती है.
- आयोडीन कॉल्सस्ट्रोल को बढ़ाता है.
- इससे कम उम्र में बूढ़े होने से बचा जा सकता है.
आयोडीन का काम
आयोडीन शरीर में थायरॉयड बनाने के लिए जरूरी है. थायरॉयड ही शरीर के विकास को कंट्रोल करता है. सांस लेने और हृदय गति से लेकर वजन और मजबूत मांसपेशियों के लिए भी आयोडीन जरूरी है.
आयोडीन कम होने के लक्षण
थकान, गले में सूजन, कमजोरी, बालों का झड़ना, मेमोरी कमजोर होना, गर्भावस्था में समस्याएं, अचानक वजन बढ़ना या घटना, मासिक धर्म में अनियमितता, असामान्य हार्ट बीट
नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज सेंटर की डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर शशि ठाकुर ने कहा कि एक व्यक्ति के शरीर में 1 दिन में 15 पीपीएम तक आयोडीन पहुंचना चाहिए, जो 1-2 चम्मच हो सकता है.
स्टेट आयोडीन लैब की नोडल ऑफिसर डॉक्टर रेनू चौक ने बताया कि आयोडीन ना केवल नमक बल्कि हरी सब्जियों जैसे कि पालक, मेथी और चने की भाजी से भी मिलता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जी खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे बच्चा स्वस्थ्य होता है. इसके अलावा अंडे की जर्दी और ताजे फल फायदेमंद होते हैं.