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Imact of ETV भारत - बाल आयोग ने माना आभार, स्कूली छात्रों के बस्ते का बोझ कम करेगी शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश सरकार बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने जा रही है. इसमें कंप्यूटर आदि कक्षाओं के लिए बच्चों को किताबें नहीं लानी पड़ेंगी. साथ ही 11वीं और 12वीं के बच्चों के बस्ते का बोझ शाला प्रबंधन समिति तय करेगी. इसको लेकर बाल आयोग ने ईटीवी भारत का धन्यवाद दिया है. बाल आयोग का कहना है कि हम लगातार सरकार को इस विषय में पत्र लिख चुके हैं. ईटीवी भारत ने भी जनहित में यह खबर प्रमुखता से चलाई. MP School Bag Policy, MP Student School bags, School bags weight, School bags weight reduce, Children Commission MP, Commission thanks ETV Bharat

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ईटीवी भारत की खबर का असर
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Published : Sep 2, 2022, 4:15 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 5:27 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चे बच्चों के बस्तों का बोझ आने वाले दिनों में कम होगा. इसको स्कूल शिक्षा विभाग पॉलिसी में बदलाव कर रहा है. इसके तहत बच्चों को अब category-wise कक्षा के हिसाब से वस्तुओं का वजन भी निर्धारित किया जा रहा है. इसमें 11वीं और 12वीं के बच्चों के बस्ते का बोझ शाला प्रबंधन समिति तय करेगी. कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान और नैतिक शिक्षा के लिए अब क्लासेस बिना किताबों की ही चलाई जाएंगी. कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान आदि के लिए बच्चों को किताबें लाने की जरूरत नहीं रहेगी.

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बाल आयोग ने लिखा था पत्र : इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश का बाल आयोग कई बार सरकार को पत्र भी लिख चुका है. आयोग बस्ते का बोझ कम करने के लिए मांग भी कर चुका है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने इसको लेकर एक और जहां इस फैसले को बच्चों के हित में बताया वहीं, ईटीवी भारत को भी धन्यवाद प्रेषित किया है. बृजेश चौहान का कहना है कि लगातार यह देखने में आ रहा था कि मध्यप्रदेश में बच्चों के बस्ते का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. इससे उनको कमर, हड्डी की समस्या आ रही है.

MP School Bag Policy : मध्यप्रदेश में दसवीं तक साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा बस्ते का बोझ

ईटीवी भारत का धन्यवाद किया : ईटीवी भारत ने भी इस खबर को लगातार प्रसारित किया. इसके चलते लोगों में जागरूकता भी आई. इसलिए ईटीवी भारत का भी बाल आयोग धन्यवाद करता है. शिक्षा विभाग ने 2019 की पॉलिसी को रद्द करते हुए 2020 की पॉलिसी को मंजूरी दी है. बता दें कि कंप्यूटर नैतिक शिक्षा एवं सामान्य ज्ञान के लिए कक्षाएं बिना पुस्तकों से लगाई जाएंगी. कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अभ्यास पुस्तकें, वर्क बुक अन्य आवश्यक सामग्रियों को शाला में ही रखने की व्यवस्था सुनिश्चित हो.

भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चे बच्चों के बस्तों का बोझ आने वाले दिनों में कम होगा. इसको स्कूल शिक्षा विभाग पॉलिसी में बदलाव कर रहा है. इसके तहत बच्चों को अब category-wise कक्षा के हिसाब से वस्तुओं का वजन भी निर्धारित किया जा रहा है. इसमें 11वीं और 12वीं के बच्चों के बस्ते का बोझ शाला प्रबंधन समिति तय करेगी. कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान और नैतिक शिक्षा के लिए अब क्लासेस बिना किताबों की ही चलाई जाएंगी. कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान आदि के लिए बच्चों को किताबें लाने की जरूरत नहीं रहेगी.

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बाल आयोग ने लिखा था पत्र : इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश का बाल आयोग कई बार सरकार को पत्र भी लिख चुका है. आयोग बस्ते का बोझ कम करने के लिए मांग भी कर चुका है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने इसको लेकर एक और जहां इस फैसले को बच्चों के हित में बताया वहीं, ईटीवी भारत को भी धन्यवाद प्रेषित किया है. बृजेश चौहान का कहना है कि लगातार यह देखने में आ रहा था कि मध्यप्रदेश में बच्चों के बस्ते का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. इससे उनको कमर, हड्डी की समस्या आ रही है.

MP School Bag Policy : मध्यप्रदेश में दसवीं तक साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा बस्ते का बोझ

ईटीवी भारत का धन्यवाद किया : ईटीवी भारत ने भी इस खबर को लगातार प्रसारित किया. इसके चलते लोगों में जागरूकता भी आई. इसलिए ईटीवी भारत का भी बाल आयोग धन्यवाद करता है. शिक्षा विभाग ने 2019 की पॉलिसी को रद्द करते हुए 2020 की पॉलिसी को मंजूरी दी है. बता दें कि कंप्यूटर नैतिक शिक्षा एवं सामान्य ज्ञान के लिए कक्षाएं बिना पुस्तकों से लगाई जाएंगी. कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अभ्यास पुस्तकें, वर्क बुक अन्य आवश्यक सामग्रियों को शाला में ही रखने की व्यवस्था सुनिश्चित हो.

Last Updated : Sep 2, 2022, 5:27 PM IST
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