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''सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0'' योजना के तहत लक्ष्य पूरा, भोपाल में 3 हजार बच्चों का हुआ टीकाकरण

हर एक बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य के चलाया जा रहा है सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 अब लगभग पूरा हो चुका है.

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सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0
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Published : Jan 22, 2020, 12:25 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 1:37 PM IST

भोपाल। 2 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान 'सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0' का लक्ष्य अब लगभग पूरा हो चुका है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर एक बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित करना है. यह अभियान चार चरण में पूरा हुआ. इसका हर चरण 7 दिन का था, जिसमें ऐसे बच्चे जिन्हें एक साल की आयु तक के जरूरी 11 टीके नहीं लगे हैं, उनका सर्वे किया गया. इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के जरिए उनका टीकाकरण किया गया.

सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर पंकज शुक्ला का कहना है कि मिशन इंद्रधनुष अभियान में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है. हमारा लक्ष्य लगभग पूरा हो गया है और अगली बार हमें कम से कम क्षेत्र में इसे अभियान को चलाना पड़ेगा.

पंकज शुक्ला ने बताया कि पहले स्टाफ की कमी के कारण टीकाकरण छूट जाते थे, जिसके चलते लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते थे. इसे ध्यान में रखते हुए हमने एएनएम की नियुक्ति की है. जिससे अब यह टीम घर-घर जाकर टीकाकरण कर रही है. अब हर वार्ड में यह टीम जा पाएगी, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण के लिए छूट नहीं सके. बता दें कि भोपाल में करीब 3 हजार ऐसे बच्चे थे, जिन्हें टीका नहीं लग पाया था, जिसके चलते इस अभियान को शुरू किया गया था.

भोपाल। 2 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान 'सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0' का लक्ष्य अब लगभग पूरा हो चुका है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर एक बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित करना है. यह अभियान चार चरण में पूरा हुआ. इसका हर चरण 7 दिन का था, जिसमें ऐसे बच्चे जिन्हें एक साल की आयु तक के जरूरी 11 टीके नहीं लगे हैं, उनका सर्वे किया गया. इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के जरिए उनका टीकाकरण किया गया.

सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर पंकज शुक्ला का कहना है कि मिशन इंद्रधनुष अभियान में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है. हमारा लक्ष्य लगभग पूरा हो गया है और अगली बार हमें कम से कम क्षेत्र में इसे अभियान को चलाना पड़ेगा.

पंकज शुक्ला ने बताया कि पहले स्टाफ की कमी के कारण टीकाकरण छूट जाते थे, जिसके चलते लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते थे. इसे ध्यान में रखते हुए हमने एएनएम की नियुक्ति की है. जिससे अब यह टीम घर-घर जाकर टीकाकरण कर रही है. अब हर वार्ड में यह टीम जा पाएगी, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण के लिए छूट नहीं सके. बता दें कि भोपाल में करीब 3 हजार ऐसे बच्चे थे, जिन्हें टीका नहीं लग पाया था, जिसके चलते इस अभियान को शुरू किया गया था.

Intro:भोपाल- 2 दिसंबर 2019 से शुरू हुए टीकाकरण के अभियान सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 का लक्ष्य अब लगभग पूरा हो चुका है।बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण के लिए इस अभियान को शुरू किया गया , इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर एक बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित करना है।



Body:राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी डाइरेक्टर डॉक्टर पंकज शुक्ला ने इस बारे में बताया कि मिशन इंद्रधनुष अभियान में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है, हमारे लक्ष्य लगभग पूरे हो गए हैं और अगली बार हमें कम से कम क्षेत्र में इसे करना पड़ेगा, टीकाकरण का दायरा भी अब कम हो चुका है।
पहले स्टाफ की कमी के कारण टीकाकरण छूट जाते थे जिसके चलते लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते थे इसे ध्यान में रखते हुए हमने एएनएम की नियुक्ति की है जिससे अब यह टीम घर- घर जाकर टीकाकरण करवाएगी। अब हर वार्ड में, गांव में यह टीम जा पाएगी जिससे कि कोई भी बच्चा टीकाकरण के लिए छूट नहीं पाएगा। हो सकता है कि शायद अगली बार हमें टीकाकरण अभियान की जरूरत ही ना पड़े।


Conclusion:बता दे कि ऐसे बच्चे जिनका टीकाकरण नहीं हो पाया है उनका टीकाकरण कराने के मकसद से यह अभियान चलाया जा रहा है। भोपाल जिले में करीब 3000 ऐसे बच्चे थे जिन्हें टीका नहीं लग पाया था,जिसके चलते इसे शुरू किया गया।
यह अभियान चार चरण में हुआ जिसका प्रत्येक चरण 7 दिन का था जिसमें ऐसे बच्चे जिनको 1 साल की आयु तक के जरूरी 11 टीके नहीं लगे हैं उनका सर्वे कर उनको आशा कार्यकर्ताओं के जरिए टीकाकरण केंद्र तक लाकर टीकाकरण किया गया। इन टीकों से ऐसी 90% बीमारियों से बच्चे का बचाव होता जिन से 1 साल की उम्र तक मृत्यु का खतरा होता है।

बाइट- डॉ पंकज शुक्ला
डिप्टी डायरेक्टर, एनएचएम
Last Updated : Jan 22, 2020, 1:37 PM IST
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