भोपाल। मिंटो हॉल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड के आयोजित 'कृषि विकास में सहकारिता का योगदान' संगोष्ठी में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि, खाद के गोदाम से उर्वरक सीधे सहकारी संस्थाओं को भिजवाया जाएं. इससे किसानों को सहूलियत होगी और समय की बचत होगी. सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इफको के संचालित कई योजनाओं की जानकारी किसानों तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस दिशा में इफको को काम करना चाहिए. संगोष्ठी में शामिल हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने अगली खरीब सीजन से पहले नैनो यूरिया प्रदेश में पहुंचाए जाने की बात कही.
सहकारिता संगोष्ठी में बोले इफको के एमडी, कहा- अब किसानों को मिलेगा नैनो यूरिया
भोपाल के मिंटो हॉल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड ने 'कृषि विकास में सहकारिता का योगदान' संगोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें मुख्य अतिथि सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह रहे. संगोष्ठी में नैनो यूरिया के लाभ के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही जैविक कीटनाशक के लाभ के बारे में भी किसानों को बताया गया.
भोपाल। मिंटो हॉल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड के आयोजित 'कृषि विकास में सहकारिता का योगदान' संगोष्ठी में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि, खाद के गोदाम से उर्वरक सीधे सहकारी संस्थाओं को भिजवाया जाएं. इससे किसानों को सहूलियत होगी और समय की बचत होगी. सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इफको के संचालित कई योजनाओं की जानकारी किसानों तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस दिशा में इफको को काम करना चाहिए. संगोष्ठी में शामिल हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने अगली खरीब सीजन से पहले नैनो यूरिया प्रदेश में पहुंचाए जाने की बात कही.
Body:डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया की विशेषता यह होगी कि यह एक बोरी यूरिया के बराबर एक बोतल में तरल रूप में होगा ठोस यूरिया से अधिक अधिक प्रभावशाली होगा और इसकी कीमत बेहद कम होगी इसके आने पर शासन को यूरिया पर सब्सिडी भी नहीं देनी होगी वर्तमान में यूरिया की 45 किलोग्राम की एक बोरी 266 रुपय पचास पैसे की आती है जिसमें प्रति बोरी ₹800 से अधिक सरकार का रुझान होता है उन्होंने बताया कि इसको जैविक खाद के बाद अब जैविक कीटनाशक भी बना रहा है जो वातावरण के लिए नुकसानदेह नहीं होगा। उन्होंने बताया कि नरवाई जलाने की समस्या से निजात के लिए ऐसा डी कंपोजर बनाया गया है जिसका छिड़काव करने से फसलों के दूध डी कंपोजर होकर खाद बन जाएंगे और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएंगे। कार्यशाला में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि किसानों को खेती के साथ पशुपालन और सहायक गतिविधियों को अपनाना होगा जिससे भी पर्याप्त लाभ कमा सकें उन्होंने इसको से आग्रह किया कि प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज बनवाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की दिशा में भी कार्य करें प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण ही पिछले वर्षों में किसानों को अत्यंत कम मूल्य पर प्याज टमाटर बेचने पड़े। वहीं प्याज आज सौ रुपए किलो बिक रही है जो पहले 4 और ₹5 किलो बिकती थी
Conclusion: