ETV Bharat / state

अगर आप भी लेते हैं ज्यादा एंटीबायोटिक दवा तो हो जाएं अलर्ट, जानलेवा हो सकता है इनका सेवन

रोजमर्रा की व्यस्त जिंदगी में अक्सर हम लोग सर्दी-जुकाम और बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं और अक्सर ऐसा करते रहते हैं. लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है.

Taking more antibiotics can be dangerous
ज्यादा एंटीबायोटिक दवा लेना हो सकता है घातक
author img

By

Published : Nov 20, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 5:18 PM IST

भोपाल। रोजाना की दौड़ती-भागती जिंदगी में अक्सर हम लोग सरदर्द, सर्दी-जुकाम, पेटदर्द या बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही कोई भी एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं, लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. किसी भी एंटीबायोटिक का गलत या जरूरत से अधिक इस्तेमाल कई परेशानियां खड़ी कर सकता है. इससे ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस भी विकसित हो सकते हैं. विशेषज्ञों ने जरूरत से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने पर डायरिया और पेट की कई गंभीर बीमारियां होने की चेतावनी दी है.

ज्यादा एंटीबायोटिक दवा लेना हो सकता है घातक

कई गुना बढ़ जाता है खतरा

अगर कोई व्यक्ति एंटीबायोटिक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करता है तो इससे उसके स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है इस बारे में डॉक्टर सागर कहते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी हैं और कुछ गंदे बैक्टीरिया भी है. जब गंदे बैक्टीरिया इन्फेक्शन करते हैं तो बीमारी होती है और इन्हीं गंदे बैक्टीरिया को मारने के लिए व्यक्ति एंटीबायोटिक दवाएं खाता है. मान लो कि इस दौरान गंदे बैक्टीरिया को मारते- मारते अच्छे बैक्टीरिया को भी हमने मार दिया तो इसके कारण दस्त लगना, शरीर में दाने आना, लीवर फेलियर, किडनी फेलियर हो सकता है. यह स्थिति तब आती है जब व्यक्ति ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करता है.


अब होता है ज्यादा इस्तेमाल, वातावरण के लिए है हानिकार

पहले के समय में लोग एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन ना के बराबर करते थे. पहले हल्की सर्दी- जुखाम होने पर तुलसी का पत्ता,अदरक, लौंग खाने की सलाह दी जाती थी पर आज इसके बजाय एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है. जब व्यक्ति के शरीर में कोई व्यक्ति बैक्टीरिया था ही नहीं और फिर भी उसने एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया, तो यूरिन के जरिए जो एंटीबायोटिक निकलेगा वह वातावरण में जाएगा जो कि नुकसानदेह है.


डॉक्टर की सलाह से ले दवाई

डॉक्टर सागर कहते है कि जरूरी है कि किसी भी व्यक्ति खुद की मर्जी से एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए. केवल डॉक्टर की सलाह से ही दवाई का सेवन करें. पर इसमें भी यह ध्यान रखें कि यदि एक साल पहले किसी बीमारी के लिए डॉक्टर ने जो दवाई दी है उसे आप एक साल बाद भी वही समस्या होने पर ना लें, तब एक बार फिर डॉक्टर की सलाह ले और उसके बाद ही किसी भी तरह की एंटीबायोटिक दवाई का सेवन करें.

मध्यप्रदेश में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

बढ़ते एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग को देखते हुए मध्य प्रदेश में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जिसके तहत 18 नवंबर से एक हफ्ते तक एंटीबायोटिक अवेरनेस का कैंपन चलाया जा रहा है, ताकि लोगों को एंटीबायोटिक के दुरुपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके.

भोपाल। रोजाना की दौड़ती-भागती जिंदगी में अक्सर हम लोग सरदर्द, सर्दी-जुकाम, पेटदर्द या बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही कोई भी एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं, लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. किसी भी एंटीबायोटिक का गलत या जरूरत से अधिक इस्तेमाल कई परेशानियां खड़ी कर सकता है. इससे ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस भी विकसित हो सकते हैं. विशेषज्ञों ने जरूरत से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने पर डायरिया और पेट की कई गंभीर बीमारियां होने की चेतावनी दी है.

ज्यादा एंटीबायोटिक दवा लेना हो सकता है घातक

कई गुना बढ़ जाता है खतरा

अगर कोई व्यक्ति एंटीबायोटिक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करता है तो इससे उसके स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है इस बारे में डॉक्टर सागर कहते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी हैं और कुछ गंदे बैक्टीरिया भी है. जब गंदे बैक्टीरिया इन्फेक्शन करते हैं तो बीमारी होती है और इन्हीं गंदे बैक्टीरिया को मारने के लिए व्यक्ति एंटीबायोटिक दवाएं खाता है. मान लो कि इस दौरान गंदे बैक्टीरिया को मारते- मारते अच्छे बैक्टीरिया को भी हमने मार दिया तो इसके कारण दस्त लगना, शरीर में दाने आना, लीवर फेलियर, किडनी फेलियर हो सकता है. यह स्थिति तब आती है जब व्यक्ति ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करता है.


अब होता है ज्यादा इस्तेमाल, वातावरण के लिए है हानिकार

पहले के समय में लोग एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन ना के बराबर करते थे. पहले हल्की सर्दी- जुखाम होने पर तुलसी का पत्ता,अदरक, लौंग खाने की सलाह दी जाती थी पर आज इसके बजाय एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है. जब व्यक्ति के शरीर में कोई व्यक्ति बैक्टीरिया था ही नहीं और फिर भी उसने एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया, तो यूरिन के जरिए जो एंटीबायोटिक निकलेगा वह वातावरण में जाएगा जो कि नुकसानदेह है.


डॉक्टर की सलाह से ले दवाई

डॉक्टर सागर कहते है कि जरूरी है कि किसी भी व्यक्ति खुद की मर्जी से एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए. केवल डॉक्टर की सलाह से ही दवाई का सेवन करें. पर इसमें भी यह ध्यान रखें कि यदि एक साल पहले किसी बीमारी के लिए डॉक्टर ने जो दवाई दी है उसे आप एक साल बाद भी वही समस्या होने पर ना लें, तब एक बार फिर डॉक्टर की सलाह ले और उसके बाद ही किसी भी तरह की एंटीबायोटिक दवाई का सेवन करें.

मध्यप्रदेश में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

बढ़ते एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग को देखते हुए मध्य प्रदेश में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जिसके तहत 18 नवंबर से एक हफ्ते तक एंटीबायोटिक अवेरनेस का कैंपन चलाया जा रहा है, ताकि लोगों को एंटीबायोटिक के दुरुपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके.

Last Updated : Nov 20, 2020, 5:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.