ETV Bharat / state

रिश्तों का यू-टर्न! लॉकडाउन ने सालों से बिछड़े 653 दंपत्ति को मिलाया

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन में जहां लोगों को कई परेशानियों को सामना करना पड़ा. वहीं सालों से पिछड़े कई रिश्ते एक हो गए.

Husband and wife reunite in lockdown
फैमिली कोर्ट
author img

By

Published : Jan 16, 2021, 5:55 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 6:09 PM IST

भोपाल। लॉकडाउन के चलते जिला विधिक प्राधिकरण में तलाक और समझौते के कई मामले सामने आए. एक तरफ जहां लॉकडाउन में लोगों के घर आर्थिक तंगी के चलते बिखर गए. वहीं फैमिली कोर्ट में आर्थिक परेशानियों ने सालों से बिछड़े पति पत्नी को एक कर दिया. फैमिली कोर्ट में पिछले 8 माह में अलग अलग काउंसलर द्वारा 653 मामलो में समझौता हुआ है. ज़्यादातर मामलों में पति भरण पोषण की राशि नहीं दे पाए इसलिए पत्नियों ने समझौता कर साथ रहने का निर्णय कर लिया.

दंपत्ति हुए एक

पति नहीं दे पाए भरण-पोषण तो पत्नियों ने किया समझौता

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानि ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान तलाक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. लेकिन अनलॉक में जब कोर्ट खुले और कॉउंसलिंग शुरू हुई तो ऐसे कई मामलों का समझौता भी हुआ, जो सालों से कोर्ट में पेंडिंग थे. उन्होंने बताया इसमें सबसे पुराने मामले 4 से 6 साल के हैं. जहां पति-पत्नी अलग रह रहे थे. पति द्वारा भरण पोषण दिया जा रहा था. लेकिन लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी चली गई. ऐसे में ज़्यादातर मामले में पतियों द्वारा पत्नियों को मिलने वाले भरण पोषण की राशि नहीं मिल पाई, तो मामले कोर्ट में आए और समझाइश के बाद दोनों एक हो गए.

पिछले 8 माह में 653 परिवार एक हुए

काउंसलर ने बताया ऐसे 300 से ज्यादा मामले हैं, जहां तलाकशुदा पति पत्नी लॉकडाउन के दौरान एक हुए हैं. जिनके मामले सालों से कोर्ट में पेंडिंग थे. राजधानी के एक दंपत्ति जिनकी शादी 2008 में हुई थी. पिछले 6 साल से दोनों अलग रह रहे थे. पति प्राइवेट नॉकरी करता था. लॉकडाउन में पति की नौकरी गई तो पत्नी को भरण पोषण की राशि मिलना बंद हो गई. इस दौरान पत्नी कोर्ट आई दोनों की दोबारा कॉउंसलिंग हुई और दोनों के बीच समझौता हो गया. अब दोनों साथ में रह रहे हैं. ऐसे 300 से ज्यादा मामलों का समझौता अनलॉक में हुआ.

ऐसे हुए समझौते

वहीं काउंसलर शैल अवस्थी के पास भी ऐसे 194 मामले हैं, जिनमें पति पत्नी अनलॉक में एक हुए. उन्होंने बताया लॉकडाउन में कोर्ट बंद था, जरूरी मामलों की कॉउंसलिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस पर हुई. वहीं जो सालों से पेंडिंग मामले थे, उनकी कॉउंसलिंग अगस्त माह से शुरू हुई. जिसमें पति पत्नियों को भरण पोषण नहीं दे रहे थे. फिर लॉक डाउन में पति और पत्नी को अपनी गलतियों का एहसास हुआ. जिसमें दोनों दोबारा साथ रहने के लिए कोर्ट आए. उन्होंने बताया तलाक के मामले तो हर दिन आते हैं. हर दिन कोर्ट में 2 से 3 तलाक होते हैं लेकिन कोरोना में सबसे अधिक मामलो पर समझौते हुए हैं.

भोपाल। लॉकडाउन के चलते जिला विधिक प्राधिकरण में तलाक और समझौते के कई मामले सामने आए. एक तरफ जहां लॉकडाउन में लोगों के घर आर्थिक तंगी के चलते बिखर गए. वहीं फैमिली कोर्ट में आर्थिक परेशानियों ने सालों से बिछड़े पति पत्नी को एक कर दिया. फैमिली कोर्ट में पिछले 8 माह में अलग अलग काउंसलर द्वारा 653 मामलो में समझौता हुआ है. ज़्यादातर मामलों में पति भरण पोषण की राशि नहीं दे पाए इसलिए पत्नियों ने समझौता कर साथ रहने का निर्णय कर लिया.

दंपत्ति हुए एक

पति नहीं दे पाए भरण-पोषण तो पत्नियों ने किया समझौता

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानि ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान तलाक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. लेकिन अनलॉक में जब कोर्ट खुले और कॉउंसलिंग शुरू हुई तो ऐसे कई मामलों का समझौता भी हुआ, जो सालों से कोर्ट में पेंडिंग थे. उन्होंने बताया इसमें सबसे पुराने मामले 4 से 6 साल के हैं. जहां पति-पत्नी अलग रह रहे थे. पति द्वारा भरण पोषण दिया जा रहा था. लेकिन लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी चली गई. ऐसे में ज़्यादातर मामले में पतियों द्वारा पत्नियों को मिलने वाले भरण पोषण की राशि नहीं मिल पाई, तो मामले कोर्ट में आए और समझाइश के बाद दोनों एक हो गए.

पिछले 8 माह में 653 परिवार एक हुए

काउंसलर ने बताया ऐसे 300 से ज्यादा मामले हैं, जहां तलाकशुदा पति पत्नी लॉकडाउन के दौरान एक हुए हैं. जिनके मामले सालों से कोर्ट में पेंडिंग थे. राजधानी के एक दंपत्ति जिनकी शादी 2008 में हुई थी. पिछले 6 साल से दोनों अलग रह रहे थे. पति प्राइवेट नॉकरी करता था. लॉकडाउन में पति की नौकरी गई तो पत्नी को भरण पोषण की राशि मिलना बंद हो गई. इस दौरान पत्नी कोर्ट आई दोनों की दोबारा कॉउंसलिंग हुई और दोनों के बीच समझौता हो गया. अब दोनों साथ में रह रहे हैं. ऐसे 300 से ज्यादा मामलों का समझौता अनलॉक में हुआ.

ऐसे हुए समझौते

वहीं काउंसलर शैल अवस्थी के पास भी ऐसे 194 मामले हैं, जिनमें पति पत्नी अनलॉक में एक हुए. उन्होंने बताया लॉकडाउन में कोर्ट बंद था, जरूरी मामलों की कॉउंसलिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस पर हुई. वहीं जो सालों से पेंडिंग मामले थे, उनकी कॉउंसलिंग अगस्त माह से शुरू हुई. जिसमें पति पत्नियों को भरण पोषण नहीं दे रहे थे. फिर लॉक डाउन में पति और पत्नी को अपनी गलतियों का एहसास हुआ. जिसमें दोनों दोबारा साथ रहने के लिए कोर्ट आए. उन्होंने बताया तलाक के मामले तो हर दिन आते हैं. हर दिन कोर्ट में 2 से 3 तलाक होते हैं लेकिन कोरोना में सबसे अधिक मामलो पर समझौते हुए हैं.

Last Updated : Jan 16, 2021, 6:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.