भोपाल। डीआईजी इरशाद वलि के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह जमानती गिरफ्तारी वारंट पुलिस ने नहीं बल्कि मानव अधिकार ने जारी किया है. इस वारंट के अनुसार कई दिनों से भोपाल डीआईजी को मध्यप्रदेश मानव अधिकार ने पेश होकर सफाई देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक भोपाल डीआईजी मानव अधिकार नहीं पहुंचे और ना ही किसी तरह का प्रतिवेदन उन्होंने भेजा है. जिसको देखते हुए भोपाल डीआईजी को फरार घोषित करते हुए मानव अधिकार ने 5000रुपए का इनाम वारंटी तौर पर जारी किया है.
यह है मामला
यह जमानती गिरफ्तारी वारंट पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल पुलिस रेंज के जरिये तामील कराया जायेगा. बता दें आयोग को 27 दिसम्बर 2019 को मकान नं. 19-20, शिव नगर कालोनी विदिशा रोड, फेस-1 भोपाल निवासी आवेदिका कविता पत्नी राकेश रावत गोंड और अन्य का आवेदन प्राप्त हुआ था. जिसमें आवेदिका ने लेख किया था कि देवरानी व जैठानी के बीच विवाद होने पर अनावेदक एसआई राकेश तिवारी व अन्य पुलिस थाना, छोला रोड, भोपाल द्वारा थाने में दोनों महिलाओं को बुलाकर मार-पीट करने, अश्लील हरकतें कर 50 हजार रूपयों की मांग की गई थी.
भारत बंद के मद्देनजर राजधानी भोपाल में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था, चप्पे- पच्चे पर पुलिसबल तैनात
साथ ही दोनों महिलाओं का अपराध बताये बिना उनके परिजनों को सूचित किये बिना ही जेल भिजवा देने के अलावा इस संबंध में कहीं शिकायत करने पर हत्या कर देने की धमकी देने की शिकायत की गई थी. इस मामले में आयोग ने 20 जनवरी 2020 से लेकर 24 दिसम्बर 2020 तक डीआईजी भोपाल इरशाद वली को कई नामजद सूचना पत्र भेजकर समय सीमा में प्रतिवेदन देने के लिये कहा गया था. लेकिन डीआईजी इरशाद वली की ओर से प्रतिवेदन अब तक प्राप्त नहीं हुआ है.
31 मार्च तक पेश होने व होगा डीआईजी को
बता दें कि मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने अभी वारंटी डीआईजी इरशाद वली को 31 मार्च तक पेश होने की बात कही है. उन्हें मानव आयोग के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष जज नरेंद्र कुमार जैन के सामने पेश होकर अपनी बात रखनी होगी.