भोपाल। चुनावी साल में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग भी तेजी से हरकत में आ रहा है. शायद यही वजह है कि आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मध्यप्रदेश में हालिया घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया है. कई अधिकारियों को उचित कारण के साथ स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं.
सीएमडी, नगर निगम कमिश्नर से प्रतिवेदन तलब : आयोग ने भोपाल शहर के गौतम नगर में हाईटेंशन पावर लाइन के संपर्क में आने से झुलसी 7 साल की बालिका की मौत के मामले में संज्ञान लिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार शारदा नगर, नारियलखेड़ा निवासी राजमिस्त्री का काम करने वाले इंसाफ खान की पुत्री इनाया घर की छत पर खेल रही थी. इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गई. अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में आयोग ने मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी), मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन तलब किया है.
सीमाओं और विशिष्टताओं को लेकर सवाल: आयोग ने इन दोनों ही अधिकारियों से पूछा है कि हाईटेंशन पावर लाइन के पास भवन निर्माण की क्या सीमाएं एवं विशिष्टियां हैं. हाईटेंशन लाइन के पास यदि भवन अवैध रूप से बने हैं तो उनके संबंध में क्या कार्यवाही की गई हैं. ऐसे रहवासियों के हाईटेंशन लाइन के सम्पर्क में आ जाने से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए आपके दायित्व की सीमाएं क्या हैं. हाईटेंशन लाइन के पास यदि भवन निर्माण अवैध रूप से किए गए हैं तो उनकी रोकथाम के लिए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है.
ED के नोटिस पर भड़के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह- बोले ये सब BJP नेताओं के इशारे पर
पुलिस कमिश्नर इंदौर से 15 दिन में मांगा जवाब : आयोग अध्यक्ष ने इंदौर शहर के विजय नगर थाना क्षेत्र में मूक-बधिर दिव्यांग किशोरी के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. पीड़िता के परिजन का आरोप है कि वह अनुभूति विजन सेवा संस्थान में बीते चार साल से भर्ती थी, इसी संस्थान के भीतर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. वहीं, संचालिका का कहना है कि वारदात को संस्थान के बाहर अंजाम दिया गया है. मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इन्दौर से 15 दिन में प्रतिवेदन तलब किया है. साथ ही कहा है कि पीड़ित गर्भवती की सुरक्षा व देखभाल की व्यवस्था के संबंध में भी स्पष्ट प्रतिवेदन पेश किया जाए.
कलेक्टर पन्ना और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को भी नोटिस : मानव अधिकार आयोग ने जिला चिकित्सालय पन्ना में रोजाना निकलने वाले सर्जिकल कचरे और मेडिकल वेस्ट का मुद्दा भी संज्ञान में लिया है. मानव जीवन के लिए घातक इस कचरे के ढेर में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा कबाड़ तलाशने संबंधी मीडिया रिपोर्ट ने इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पन्ना से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.
बढ़ते प्रदूषण पर मानवाधिकार आयोग सख्त, मुख्य सचिव से किया जवाब तलब
मध्यप्रदेश आयुक्त स्वास्थ्य संचालक भी रडार पर: मानव अधिकार आयोग ने नरसिंहपुर जिले के गाडरवाडा सिविल अस्पताल का भी मामला चुना है. इस अस्पताल में करीब ढाई महीने पहले 8 बेड का एचडीयू वार्ड तैयार होने के बावजूद विशेषज्ञ डॉक्टर और जरूरी पैरा मेडिकल स्टाफ की पदस्थापना न होने के कारण मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. मामले में आयोग ने आयुक्त, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन तलब किया है.