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भारत में बढ़ा ओमीक्रोन का खतरा, जानें लक्षण और बचाव के तरीके ?

बीते दो सालों से कोरोना ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है. कोरोना पूरी तरह से खत्म हुआ भी नहीं था कि साउथ अफ्रीका में नया वेरिएंट ओमीक्रोन मिल गया, जो तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है. कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना ही ओमीक्रोन से बचाव में कारगार है. (omicron variant in India )

omicron variant in india
ओमीक्रोन के खिलाफ लड़ाई
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Published : Jan 6, 2022, 11:01 AM IST

Updated : Jan 6, 2022, 11:14 AM IST

भोपाल। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. डब्ल्यूएचओ और वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह वेरिएंट इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है. केवल भारत में ओमीक्रोन से संक्रमितों की संख्या 2600 के पार पहुंच गई है. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लक्षण डेल्टा के मुकाबले कम गंभीर हैं, लेकिन ये लक्षण हैं क्या ? कब अस्पताल जाने की जरूरत है ? इसका इलाज कैसे किया जा रहा है ? इन सबको आज विस्तार से जानते हैं.

ओमीक्रोन के लक्षण

गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, खांसी-जुकाम, बार बार छींके आना, सीने में तकलीफ ओमीक्रोन के प्रमुख लक्षण हैं. वहीं हाल ही में एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि नाक बहना भी ओमिक्रॉन का लक्षण हो सकता है. तापमान में गिरावट के साथ होने वाली साधारण सर्दी देखने को मिल रही है. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि साधारण दिखने वाली समस्या भी इससे ज्यादा भी हो सकती है. इसके अलावा नींद न आना, बेचैनी होना, त्वचा का रंग बदलना, होंठ और नाखूनों का रंग बदलना भी ओमीक्रोन के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में एक हुए एक रिसर्च से पता चला है कि वेरिएंट के लक्षण मुंह-नाक के अलावा आंख से भी शरीर के अंदर पहुंच सकता है. हालांकि इस बात पर वैज्ञानिकों के अपने अलग अलग मत हैं. इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता. आशंका है कि यह वायरस आंखों की कंजंक्टिवा से शरीर के अंदर पहुंच सकता है. कंजंक्टिवा एक स्पष्ट ऊतक है जो आंख के सफेद भाग व पलक के अंदर की रेखाओं को ढकने का काम करता है. वैज्ञानिकों द्वारा इस पर शोध जारी है.

कब अस्पताल जाने की जरूरत है

ओमीक्रोन के लक्षणों को बिलकुल भी नजर अंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. जो भी अस्वस्थ महसूस कर रहा हो और उसमें लक्षण दिख रहे हैं तो उसे तुरंत टेस्ट कराना चाहिए. वहीं अगर कुछ क्षेत्रो में टेस्टों की पर्याप्त सुविधा नहीं है तो आप कोरोना टेस्ट किट से भी टेस्ट कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप बाहर से आए हुए व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जिसे कोरोना हो गया हो, तो खुद को तुरंत आईसोलेट कर टेस्ट कराएं. त्वचा, नाखूनों और होंठ का पीला, ग्रे या नीला होना खून में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है. इस स्थिति में भी जांच करवाना बेहद जरूरी है.

भारत में ओमीक्रोन से पहली मौत राजस्थान में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि

कैसे रखें बचाव?

ओमीक्रोन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज को लगवाना. नाक और मुंह को हमेशा ढककर रखें. बाहर निकलने से पहले मास्क के साथ चश्मा भी पहन लें. चेहरे को छूने से पहले व खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं, इसके अलावा हाथों को सैनेटाइज करते रहें और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें. जहां तक संभव हो भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाएं. वहीं दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने शोध किया है, जिसमें पाया गया है कि सुरक्षा देने वाली एंटीबॉडीज भी ओमीक्रोन से बचाव है. ये भी सामने आया है कि पहले का संक्रमण और इसके बाद वैक्सीनेशन या बूस्टर शॉट से ओमिक्रोन से होने वाली गंभीर बीमारी में सुरक्षा मिल सकती है. अपने गांव या शहर में जाते वक्त वहां की कोरोना स्थिति की जांच कर लें, उसके बाद ही वहां जाएं. यदि बीमार हो गए हैं तो सफर करने से बचें. क्योंकि बीमारी की हालत में सफर करना संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है. इसके अलावा इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए रोजाना कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज जरूर करें और दिन में एक से दो बार गर्म पानी पीजिए.

(omicron variant in India )

भोपाल। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. डब्ल्यूएचओ और वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह वेरिएंट इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है. केवल भारत में ओमीक्रोन से संक्रमितों की संख्या 2600 के पार पहुंच गई है. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लक्षण डेल्टा के मुकाबले कम गंभीर हैं, लेकिन ये लक्षण हैं क्या ? कब अस्पताल जाने की जरूरत है ? इसका इलाज कैसे किया जा रहा है ? इन सबको आज विस्तार से जानते हैं.

ओमीक्रोन के लक्षण

गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, खांसी-जुकाम, बार बार छींके आना, सीने में तकलीफ ओमीक्रोन के प्रमुख लक्षण हैं. वहीं हाल ही में एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि नाक बहना भी ओमिक्रॉन का लक्षण हो सकता है. तापमान में गिरावट के साथ होने वाली साधारण सर्दी देखने को मिल रही है. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि साधारण दिखने वाली समस्या भी इससे ज्यादा भी हो सकती है. इसके अलावा नींद न आना, बेचैनी होना, त्वचा का रंग बदलना, होंठ और नाखूनों का रंग बदलना भी ओमीक्रोन के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में एक हुए एक रिसर्च से पता चला है कि वेरिएंट के लक्षण मुंह-नाक के अलावा आंख से भी शरीर के अंदर पहुंच सकता है. हालांकि इस बात पर वैज्ञानिकों के अपने अलग अलग मत हैं. इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता. आशंका है कि यह वायरस आंखों की कंजंक्टिवा से शरीर के अंदर पहुंच सकता है. कंजंक्टिवा एक स्पष्ट ऊतक है जो आंख के सफेद भाग व पलक के अंदर की रेखाओं को ढकने का काम करता है. वैज्ञानिकों द्वारा इस पर शोध जारी है.

कब अस्पताल जाने की जरूरत है

ओमीक्रोन के लक्षणों को बिलकुल भी नजर अंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. जो भी अस्वस्थ महसूस कर रहा हो और उसमें लक्षण दिख रहे हैं तो उसे तुरंत टेस्ट कराना चाहिए. वहीं अगर कुछ क्षेत्रो में टेस्टों की पर्याप्त सुविधा नहीं है तो आप कोरोना टेस्ट किट से भी टेस्ट कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप बाहर से आए हुए व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जिसे कोरोना हो गया हो, तो खुद को तुरंत आईसोलेट कर टेस्ट कराएं. त्वचा, नाखूनों और होंठ का पीला, ग्रे या नीला होना खून में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है. इस स्थिति में भी जांच करवाना बेहद जरूरी है.

भारत में ओमीक्रोन से पहली मौत राजस्थान में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि

कैसे रखें बचाव?

ओमीक्रोन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज को लगवाना. नाक और मुंह को हमेशा ढककर रखें. बाहर निकलने से पहले मास्क के साथ चश्मा भी पहन लें. चेहरे को छूने से पहले व खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं, इसके अलावा हाथों को सैनेटाइज करते रहें और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें. जहां तक संभव हो भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाएं. वहीं दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने शोध किया है, जिसमें पाया गया है कि सुरक्षा देने वाली एंटीबॉडीज भी ओमीक्रोन से बचाव है. ये भी सामने आया है कि पहले का संक्रमण और इसके बाद वैक्सीनेशन या बूस्टर शॉट से ओमिक्रोन से होने वाली गंभीर बीमारी में सुरक्षा मिल सकती है. अपने गांव या शहर में जाते वक्त वहां की कोरोना स्थिति की जांच कर लें, उसके बाद ही वहां जाएं. यदि बीमार हो गए हैं तो सफर करने से बचें. क्योंकि बीमारी की हालत में सफर करना संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है. इसके अलावा इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए रोजाना कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज जरूर करें और दिन में एक से दो बार गर्म पानी पीजिए.

(omicron variant in India )

Last Updated : Jan 6, 2022, 11:14 AM IST
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