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यहां जानें कैसे बनता जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ?

मध्यप्रदेश में दो तरह से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. पहला ऑनलाइन, दूसरा ऑफलाइन. यहां आपको दोनों ही तरह के प्रमाण पत्रों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.

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Published : Jan 4, 2021, 7:07 PM IST

Nagar Nigam Bhopal
नगर निगम भोपाल

भोपाल। आम लोगों को सरकारी दफ्तरों के सबसे ज्यादा चक्कर अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने के लिए काटना पड़ता है. सरकार और जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि प्रमाण पत्र बनाने में जो दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर किया जाए. इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्थाएं भी की गईं हैं. भोपाल की बात करें तो राजधानी में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र दो तरीके से बनाए जाते हैं. एक ऑफलाइन, दूसरा ऑनलाइन.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया

कैसे बनता है ऑफलाइन प्रमाण पत्र ?

सबसे पहले आपको बताते हैं कैसे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑफलाइन बनाया जाता है. ऑफलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र 3 तरीके से बनता है. पहला 21 दिन के अंदर दूसरा 1 साल के अंदर और तीसरा 1 साल बाद.

21 दिन के अंदर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र

अगर आप जन्म और मृत्यु के 21 दिन के अंदर बनवा रहे हैं, तो यह वार्ड कार्यालय से बन जाएगा. ये प्रमाण पत्र बनाने का सबसे आसान तरीका है. जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए अस्पताल की रसीद चाहिए होती है. इसके अलावा माता-पिता का आधार कार्ड. वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए श्मशान,कब्रिस्तान,और अस्पताल की ओर से जारी की गई रसीद भी चाहिए होती है. इसके अलावा मृत्यु की जानकारी देने वाले का आईडी कार्ड साथ ही मृतक का भी पहचान पत्र भी जरूरी होता है.

एक साल के अंदर

अगर आप मृत्यु और जन्म के 21 दिन बाद सर्टिफिकेट बनवाना है, तो इसकी प्रोसेस लंबी और जटिल हो जाती है. अब यह प्रमाण पत्र वार्ड कार्यालय की जगह नगर निगम के मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र के प्रमुख शाखा में जाना पड़ता है. यहां से नगर निगम अनापत्ति पत्र जारी करता है. इसके अलावा एक एफिडेविट भी बनवाना पड़ता है कि 21 दिन के अंदर प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए थे. इसके बाद नगर निगम आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को भेजता है. यहां से प्रमाण पत्र बनने के बाद विभाग नगर निगम को भेजता है. इसके बाद आवेदनकर्ता को प्रमाण पत्र मिलता है.

एक साल बाद

एक साल के अंदर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनता है, तो इसके बाद यह तहसीलदार स्तर पर बनता है. पहले नगर निगम अनापत्ति पत्र जारी करता है. इसके बाद ये पत्र तहसीलदार के पास जाता है. तहसीलदार कार्यालय से बनने के बाद प्रमाण पत्र नगर निगम के पास पहुंचता है, फिर आवेदनकर्ता को मिलता है.

क्या है ऑनलाइन प्रोसेस ?

ऑनलाइन प्रोसेस में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना सबसे आसान तरीका है नगर निगम की वेबसाइट (Bhopal municipal corporation) पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिंक दी गई है. इस पर क्लिक करने के बाद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का फॉर्म खुलेगा. फॉर्म में जो भी डॉक्यूमेंट और जानकारी मांगी गई है, उसे देना होगा. ऑनलाइन प्रोसेस जन्म और मृत्यु के 21 दिन के अंदर ही कर सकते हैं. इसके बाद ऑफलाइन ही प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है.

नई व्यवस्था पर भी विचार कर रहा है नगर निगम

नगर निगम आने वाले समय में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर बदलाव भी कर सकता है. नगर निगम के अधिकारियों ने प्लान तैयार किया है कि अब शहर के नर्सिंग होम और अस्पताल अपने यहां जन्म और मृत्यु की जानकारी दो से 4 दिन के अंदर नगर निगम को सीधे दे. जिससे नगर निगम उसकी एंट्री करवा लें. अगर कोई व्यक्ति 21 दिन के बाद भी आता है तो उसे प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत नहीं आएगी. इसके अलावा दलालों से भी छुटकारा मिलेगा. क्योंकि देखने में आया है कि अस्पतालों में दलाल सक्रिय हैं. जो पैसे लेकर प्रमाण पत्र बनवाते हैं.

इन प्रूफ्स की पड़ती है जरूरत

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अस्पताल का प्रमाण पत्र एवं माता-पिता की आईडी प्रूफ जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य आईडी प्रूफ लिए जाएंगे. वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल में मृत्यु होने पर अस्पताल का प्रमाण पत्र, श्मशान, कब्रिस्तान का पत्र, मृतक की आईडी प्रूफ, आवेदक की आईडी प्रूफ, मृतक की आईडी आवेदक की आईडी,मृतक के पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, माता-पिता से संबंध होना अनिवार्य है.

भोपाल। आम लोगों को सरकारी दफ्तरों के सबसे ज्यादा चक्कर अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने के लिए काटना पड़ता है. सरकार और जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि प्रमाण पत्र बनाने में जो दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर किया जाए. इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्थाएं भी की गईं हैं. भोपाल की बात करें तो राजधानी में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र दो तरीके से बनाए जाते हैं. एक ऑफलाइन, दूसरा ऑनलाइन.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया

कैसे बनता है ऑफलाइन प्रमाण पत्र ?

सबसे पहले आपको बताते हैं कैसे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑफलाइन बनाया जाता है. ऑफलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र 3 तरीके से बनता है. पहला 21 दिन के अंदर दूसरा 1 साल के अंदर और तीसरा 1 साल बाद.

21 दिन के अंदर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र

अगर आप जन्म और मृत्यु के 21 दिन के अंदर बनवा रहे हैं, तो यह वार्ड कार्यालय से बन जाएगा. ये प्रमाण पत्र बनाने का सबसे आसान तरीका है. जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए अस्पताल की रसीद चाहिए होती है. इसके अलावा माता-पिता का आधार कार्ड. वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए श्मशान,कब्रिस्तान,और अस्पताल की ओर से जारी की गई रसीद भी चाहिए होती है. इसके अलावा मृत्यु की जानकारी देने वाले का आईडी कार्ड साथ ही मृतक का भी पहचान पत्र भी जरूरी होता है.

एक साल के अंदर

अगर आप मृत्यु और जन्म के 21 दिन बाद सर्टिफिकेट बनवाना है, तो इसकी प्रोसेस लंबी और जटिल हो जाती है. अब यह प्रमाण पत्र वार्ड कार्यालय की जगह नगर निगम के मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र के प्रमुख शाखा में जाना पड़ता है. यहां से नगर निगम अनापत्ति पत्र जारी करता है. इसके अलावा एक एफिडेविट भी बनवाना पड़ता है कि 21 दिन के अंदर प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए थे. इसके बाद नगर निगम आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को भेजता है. यहां से प्रमाण पत्र बनने के बाद विभाग नगर निगम को भेजता है. इसके बाद आवेदनकर्ता को प्रमाण पत्र मिलता है.

एक साल बाद

एक साल के अंदर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनता है, तो इसके बाद यह तहसीलदार स्तर पर बनता है. पहले नगर निगम अनापत्ति पत्र जारी करता है. इसके बाद ये पत्र तहसीलदार के पास जाता है. तहसीलदार कार्यालय से बनने के बाद प्रमाण पत्र नगर निगम के पास पहुंचता है, फिर आवेदनकर्ता को मिलता है.

क्या है ऑनलाइन प्रोसेस ?

ऑनलाइन प्रोसेस में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना सबसे आसान तरीका है नगर निगम की वेबसाइट (Bhopal municipal corporation) पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिंक दी गई है. इस पर क्लिक करने के बाद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का फॉर्म खुलेगा. फॉर्म में जो भी डॉक्यूमेंट और जानकारी मांगी गई है, उसे देना होगा. ऑनलाइन प्रोसेस जन्म और मृत्यु के 21 दिन के अंदर ही कर सकते हैं. इसके बाद ऑफलाइन ही प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है.

नई व्यवस्था पर भी विचार कर रहा है नगर निगम

नगर निगम आने वाले समय में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर बदलाव भी कर सकता है. नगर निगम के अधिकारियों ने प्लान तैयार किया है कि अब शहर के नर्सिंग होम और अस्पताल अपने यहां जन्म और मृत्यु की जानकारी दो से 4 दिन के अंदर नगर निगम को सीधे दे. जिससे नगर निगम उसकी एंट्री करवा लें. अगर कोई व्यक्ति 21 दिन के बाद भी आता है तो उसे प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत नहीं आएगी. इसके अलावा दलालों से भी छुटकारा मिलेगा. क्योंकि देखने में आया है कि अस्पतालों में दलाल सक्रिय हैं. जो पैसे लेकर प्रमाण पत्र बनवाते हैं.

इन प्रूफ्स की पड़ती है जरूरत

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अस्पताल का प्रमाण पत्र एवं माता-पिता की आईडी प्रूफ जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य आईडी प्रूफ लिए जाएंगे. वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल में मृत्यु होने पर अस्पताल का प्रमाण पत्र, श्मशान, कब्रिस्तान का पत्र, मृतक की आईडी प्रूफ, आवेदक की आईडी प्रूफ, मृतक की आईडी आवेदक की आईडी,मृतक के पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, माता-पिता से संबंध होना अनिवार्य है.

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