भोपाल। राजधानी में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही शहर के कई होटल, लॉज, धर्मशाला एवं मैरिज गार्डन का अधिग्रहण प्रशासन के द्वारा किया गया था. क्योंकि इन सभी स्थानों पर कोविड-19 संक्रमण के दौरान अपनी शासकीय सेवाएं दे रहे अधिकारी कर्मचारियों को रोकने की व्यवस्था की गई थी. जिला कलेक्टर के द्वारा 24 मार्च के बाद से ही शहर के कई होटल, लॉज और धर्मशाला एवं मैरिज गार्डन का अधिग्रहण किया गया था.
जानकारी के अनुसार कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देश पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सतीश कुमार एस ने आदेश जारी कर पूर्व में अधिग्रहित किये गए होटल, लॉज, धर्मशाला और मैरिज गार्डन को अधिग्रहण से मुक्त कर दिया है. महामारी एक्ट 1897 के अंतर्गत जारी किये गये आदेश में आवश्यकता होने पर अधिग्रहण करने के आदेश को शिथिल करते हुए 1 जून से अधिग्रहित सभी होटल, लॉज, मैरिज गार्डन और धर्मशाला अधिग्रहण के आदेश से मुक्त कर दिए हैं.
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कई बड़े कॉलेजों के हॉस्टल को अधिग्रहण किया गया है यदि शहर में स्थिति एक बार फिर से गंभीर होती है तो संबंधित हॉस्टलों का उपयोग किया जा सकता है. राजधानी की फिलहाल स्थिति सुधरती तो दिखाई नहीं दे रही है. क्योंकि शहर में अभी भी संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रविवार का दिन भी प्रदेश के लिए ठीक नहीं रहा है. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से इंदौर में तीन सागर और भोपाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है वहीं प्रदेश में 119 नए कोरोना वायरस मरीज भी मिले हैं.
आपको बता दें कि शहर में संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है और प्रत्येक दिन संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं लेकिन अब रोजमर्रा की जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई रियायतें दी गई हैं. लॉकडाउन 5.0 की शुरुआत हो चुकी है लेकिन अब इस लॉकडाउन में जिंदगी के पहिए को दोबारा रफ्तार में लाने की कवायद सरकारों ने शुरू कर दी है. ताकि आर्थिक गतिविधियां भी पुनः प्रारंभ हो सकें, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अधिग्रहण किए गए इन सभी होटल, लॉज, मैरिज गार्डन को रिक्त कर दिया है. प्रशासन के द्वारा इन होटलों और लॉज में ठहरे हुए अधिकारी, कर्मचारी एवं डॉक्टर्स की टीम को भी जानकारी दे दी गई है.