ETV Bharat / state

हिन्दी दिवस विशेषः अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय ने कितना बढ़ाया भाषा का गौरव

हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि भाषा को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे संसाधन होने चाहिए लेकिन यहां सीमित है. हालांकि कुलसचिव ने इन्हें दूर करने की बात कही है.

हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल
author img

By

Published : Sep 13, 2019, 11:54 PM IST

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला हिन्दी विश्वविद्यालय है. जिसका उद्देश्य मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देना है, लेकिन जिस यूनिवर्सिटी में हिन्दी कोर्स शुरु किये गये थे, वर्तमान में ठीक तरीके से संचालिक नहीं हो पा रहे हैं. कोर्स पूरा कराने के लिए फैकल्टी नहीं है. जिसके चलते कई कोर्स बंद करने पड़ गये. तमाम प्रयासों के बावजूद हिन्दी में पाठ्यक्रम शुरु नहीं किया जा सका है.

प्रदेश का पहला हिंदी विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती ने बताया कि जितने भी हिन्दी भाषा के विश्वविद्यालय हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य पढ़ाई के माध्यम से भाषा को आगे बढ़ाना है. विश्वविद्यालय ने तकनीकी कोर्स भी राजभाषा में शुरु किए हैं. जैसे चिकित्सा संबधी कोर्स, लेकिन कोर्स संचालिक करने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कुलसचिव ने बताया कि भाषा को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे संसाधन होने चाहिए, पर यहां सीमित संसाधन हैं. जैसे विश्वविद्यालय में इंफ्रासस्ट्रक्चर की कमी है. शिक्षक कम हैं. आर्थिक संसाधन सीमित हैं. इनको दूर करने का प्रयास शासन कर रहा है.

बता दें कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्र भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का मन बनाया था. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 को की थी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 को भोपाल के कोट गांव में विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया था.

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला हिन्दी विश्वविद्यालय है. जिसका उद्देश्य मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देना है, लेकिन जिस यूनिवर्सिटी में हिन्दी कोर्स शुरु किये गये थे, वर्तमान में ठीक तरीके से संचालिक नहीं हो पा रहे हैं. कोर्स पूरा कराने के लिए फैकल्टी नहीं है. जिसके चलते कई कोर्स बंद करने पड़ गये. तमाम प्रयासों के बावजूद हिन्दी में पाठ्यक्रम शुरु नहीं किया जा सका है.

प्रदेश का पहला हिंदी विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती ने बताया कि जितने भी हिन्दी भाषा के विश्वविद्यालय हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य पढ़ाई के माध्यम से भाषा को आगे बढ़ाना है. विश्वविद्यालय ने तकनीकी कोर्स भी राजभाषा में शुरु किए हैं. जैसे चिकित्सा संबधी कोर्स, लेकिन कोर्स संचालिक करने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कुलसचिव ने बताया कि भाषा को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे संसाधन होने चाहिए, पर यहां सीमित संसाधन हैं. जैसे विश्वविद्यालय में इंफ्रासस्ट्रक्चर की कमी है. शिक्षक कम हैं. आर्थिक संसाधन सीमित हैं. इनको दूर करने का प्रयास शासन कर रहा है.

बता दें कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्र भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का मन बनाया था. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 को की थी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 को भोपाल के कोट गांव में विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया था.

Intro:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय या प्रदेश का पहला हिंदी विश्वविद्यालय है जिसकी शुरुआत मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देना थी अटल बिहारी वाजपेई जी के सपने को पूरा करना थी इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास प्रणब मुखर्जी ने किया था Body:भोपाल

हमारा देश 66 वा हिंदी दिवस मना रहा है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी जिस प्रकार से हिंदी को बढ़ावा मिलना चाहिए था वह अभी तक नहीं मिलता है मध्य प्रदेश सरकार ने भी हमारी राष्ट्रीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय और ध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 में की गई थी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 में भोपाल के निकट मुगलिया कोट गांव में विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया था. 

जिसके बाद यूनिवर्सिटी में कई हिंदी कोर्स की शुरुआत की गई लेकिन वर्तमान स्थिति में यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा कराने के लिए फैकल्टी तक नहीं मिल रही है ऐसे में कई कोर्स भी बंद कर दिए गए हम आपको बता दें कि इस विश्वविद्यालय में हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम और मेडिकल साइंस की शुरुआत की लेकिन शुरुआत के 2 साल के बाद इन कोर्स को भी बंद कर दिया गया क्योंकि विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं थे शुरुआती साल में विश्वविद्यालय में 50 से 60 एडमिशन थे जिसके बाद तीसरे ही साल में 700 छात्रों ने विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया पर अब ग्राफ वापस नीचे गिर गया 2011 में शुरू हुआ या विश्वविद्यालय 2019 तक पूरी तरह खत्म हो गया विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती का कहना है पर्याप्त संसाधन ना होने की वजह से विश्वविद्यालय उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाया जहां उसे पहुंचना चाहिए था जिस उद्देश्य से इसे शुरू किया गया था वह अभी अधूरा है क्योंकि विश्वविद्यालय में पर्याप्त टीचर नहीं है कुछ सुविधाएं जो सरकार को मुहैया करानी थी वह नहीं मिल पाई है इसके साथ ही विश्वविद्यालय की खुद की बिल्डिंग नहीं है जिस वजह से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उन्होंने कहा हम लगातार प्रयास कर रहे हैं और हिंदी दिवस पर हम माननीय राज्यपाल जी से भी इस विषय में बात करेंगे..

, विश्वविद्यालय हिंदी माध्यम से इस कोर्स की शुरुआत कर दी हिन्दी भाषा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की पहल पर छात्रों का रुझान फीका ही नजर आ हा है. विश्वविद्यालय ने प्रथम वर्ष में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई के लिए 90 सीट आरक्षित की हैं, जिन्हें मारना खुद प्रबंधन के लिए एक चुनौती बन गई है

Byte- बी भारती कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय
Byte- बृजेश राचारिया शिक्षकConclusion:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय हिंदी दिवस स्पेशल पैकेज
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.