भोपाल। अटल बिहारी वाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला हिन्दी विश्वविद्यालय है. जिसका उद्देश्य मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देना है, लेकिन जिस यूनिवर्सिटी में हिन्दी कोर्स शुरु किये गये थे, वर्तमान में ठीक तरीके से संचालिक नहीं हो पा रहे हैं. कोर्स पूरा कराने के लिए फैकल्टी नहीं है. जिसके चलते कई कोर्स बंद करने पड़ गये. तमाम प्रयासों के बावजूद हिन्दी में पाठ्यक्रम शुरु नहीं किया जा सका है.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी भारती ने बताया कि जितने भी हिन्दी भाषा के विश्वविद्यालय हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य पढ़ाई के माध्यम से भाषा को आगे बढ़ाना है. विश्वविद्यालय ने तकनीकी कोर्स भी राजभाषा में शुरु किए हैं. जैसे चिकित्सा संबधी कोर्स, लेकिन कोर्स संचालिक करने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
कुलसचिव ने बताया कि भाषा को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे संसाधन होने चाहिए, पर यहां सीमित संसाधन हैं. जैसे विश्वविद्यालय में इंफ्रासस्ट्रक्चर की कमी है. शिक्षक कम हैं. आर्थिक संसाधन सीमित हैं. इनको दूर करने का प्रयास शासन कर रहा है.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्र भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का मन बनाया था. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 को की थी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 को भोपाल के कोट गांव में विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया था.