भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस का कहर बरकरार है. यहां रोजाना ही नए मामले सामने आ रहे हैं. राजधानी भोपाल का ऐसा कोई कोना नहीं बचा जहां कोरोना की दस्तक न हो. पुराने भोपाल से लेकर नए भोपाल तक लगभग सभी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है. हालांकि भोपाल के लिए राहत की खबर है. यहां कोरोना को मात देने वालों की सख्या सबसे ज्यादा है. भोपाल में कोरोना रिकवरी का प्रतिशत 64 है.
वहीं अगर उम्र की बात करें तो 9 दिन के बच्चे से लेकर 90 साल तक के बुजुर्ग तक को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. आने वाले दिनों में भी इस संक्रमण से छुटकारा मिले ऐसी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, क्योंकि कुछ अध्ययन दावा कर रहे हैं कि जून और जुलाई के महीने में कोरोनावायरस अपने पीक पर होगा और इसी समय इसके सबसे ज्यादा मरीज सामने आएंगे.
चूंकि भोपाल रेड जोन में है इसलिए यहां पर खतरा ज्यादा है. पर राजधानी भोपाल में इन सब बुरी और डराने वाली खबरों के बीच राहत देने वाली बात यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज भले ही लगातार सामने आ रहे हो, लेकिन यदि यहां से ठीक होने वाले मरीजों की बात करें तो रोजाना ही 20 से ज्यादा मरीज इस वायरस के संक्रमण से मुक्त होकर डिस्चार्ज भी किये जा रहे है, जो शहर के लिए एक राहतभरी बात है.
एक हजार से ज्यादा लोग हुए ठीक
अब तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो शहर में 1019 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं. तो वहीं 38 लोगों की अब तक मौतें हुई हैं. इन 1039 मामलों में से 665 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज भी कर दिए गए हैं. भोपाल के चिरायु अस्पताल, एम्स भोपाल और बंसल हॉस्पिटल से अब तक 25 बार मरीजों को उनके घर के लिए रवाना किया गया है. देखा जाये तो शहर में मरीजों का रिकवरी रेट करीब 64% है.
हर आयु के मरीज हो रहे ठीक
यहां के 3 अस्पतालों में आज तक सिर्फ 336 सक्रिय केस हैं, जिनका इलाज चल रहा है. भोपाल में न केवल मरीजों के ठीक होने की दर अच्छी है बल्कि यहां पर हर उम्र के मरीज भी ठीक हो रहे हैं. ठीक होने वालों में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं. भोपाल में 85, 82, 80, 75 और 70 वर्ष की आयु वाले बुजुर्ग भी पूरी तरह से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए हैं.
जिनकी मौत हुई उन पर जेसी से हुआ था असर
वहीं 9 दिन की छोटी बच्ची से लेकर 2, 5,7 साल के बच्चे भी अब कोरोना वायरस से पूरी तरह से मुक्त है. भोपाल में जिन भी कोरोना संक्रमित मरीजों की अब तक मृत्यु हुई है वह पहले से किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित थे. इस कारण से उनपर इस वायरस का असर बहुत तेजी से हुआ.
घबराने की जरूरत नहीं
कोरोना वायरस से जंग जीतने वाले इन योद्धाओं का कहना है कि यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज मिल जाए तो किसी की भी जान जाने से बचाया जा सकता है. इस बीमारी से डरने या घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. बस सरकार ने जो एडवाइजरी जारी की है उसका अगर हम पालन करें तो संक्रमण से भी बचा जा सकता है.
इंदौर में 44 फीसदी है रिकवरी रेट
भोपाल में यदि अभी के हालातों पर गौर करें तो मरीजों का तेज गति से ठीक होना शासन और प्रशासन के लिए भी राहत की बात है, क्योंकि यहां का रिकवरी रेट प्रदेश में सबसे ज्यादा है. इंदौर में अब तक 2 हजार 565 मामलों में से 1 हजार 119 मरीज ही ठीक हुए है. यहां का रिकवरी रेट करीब 44% है. इस हिसाब से देखा जाये तो यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि भोपाल में भले ही कोरोना संक्रमण के मामले रोजाना सामने आ रहे है पर लगातार मरीज ठीक भी हो रहे है और एक्टिव केसों की संख्या भी कम है.