भोपाल। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में सभी की निगाहें कोरोना वैक्सीन पर टिकी हुईं हैं. माना जा रहा है, कि कोरोना वैक्सीन को विकसित करने का काम करीब-करीब अंतिम चरण में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को कहा था कि कोरोना वैक्सीन को जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन में भी यह जानकारी दी थी, कि देश में वैक्सीन बनाने का काम एडवांस स्टेज में है.
जब कोरोना वैक्सीन तैयार हो जाएगी, तो इसके समान वितरण कैसे किया जाएं, इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक समिति भी बनाई है. वहीं मध्यप्रदेश की जनता में वैक्सीन का समान वितरण कैसे किया जाए, इस बारे में विचार विमर्श चल रहा है. जिसे लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.
मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में तय किया गया है, कि वैक्सीन आने के बाद पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. जिसमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर से लेकर गार्ड और सुरक्षाकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. साथ ही पंजीकृत निजी अस्पतालों के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है. विभाग के अधिकारियों को 31 अक्टूबर तक लिस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा हाई रिस्क ग्रुप में जो लोग शामिल हैं, जिनमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, बीपी,शुगर की बीमारी के मरीज को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा.
यह संभावना जताई जा रही है, कि साल 2021 के शुरुआती 3 महीनों में भारत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. भारत में इस वक्त कोरोना वायरस की 4 वैक्सीन पर काम किया जा रहा है. और भारत बायोटेक के साथ आईसीएमआर द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन शामिल है.