भोपाल। कायाकल्प अवॉर्ड के मूल्यांकन के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम जेपी अस्पताल पहुंची. यहां टीम ने अस्पताल में साफ-सफाई सहित कई व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया. इस दौरान टीम के अधिकारियों ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए.
जिला अस्पताल का निरीक्षण
कायाकल्प अवॉर्ड मूल्यांकन के लिए टीम सुबह 10 बजे जेपी अस्पताल पहुंची, जहां साफ-सफाई से लेकर अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम में NHM (National Health Mission) के एडिशनल डायरेक्टर पंकज शुक्ला , NHM के कंसल्टेंट डॉ. विवेक मिश्रा और AIIMS (All India Institute Of Medical Science) के डॉ. सागर शामिल थे. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में अव्यवस्थाएं देखी गईं, जिसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने नाराजगी जताई. स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण के दौरान डॉ. ने नर्स को तीन से चार बार बुलाया लेकिन अस्पताल की नर्स समय पर उपस्थित नहीं हुई. इस पर अधिकारियों ने नाराजगी जताई.
मेरा अस्पताल पोर्टल पर मिले 36 फीडबैक
टीम ने जब जेपी अस्पताल के मेरा अस्पताल पोर्टल को चेक किया, तो उसमें सिर्फ 36 फीडबैक मिले. जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कहा इतने कम फीडबैक क्यों हैं? जबकि 15 फीडबैक प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया है. बावजूद इसके जिला अस्पताल में सिर्फ 36 फीडबैक, विभाग ने पोर्टल में गड़बड़ियों की जानकारी भी अस्पताल से मांगी हैं.
पढ़ेंः भोपाल में NHM कर्मचारियों का प्रदर्शन
मार्च के पहले सप्ताह में आएगा परिणाम
साल 2016 से मध्य प्रदेश में सभी जिला अस्पतालों के लिए हर साल कायाकल्प अवॉर्ड का आयोजन किया जाता है, जिसमें उन अस्पतालों को चिन्हित किया जाता है, जहां इलाज की सुविधाएं, साफ-सफाई प्रबंधन समेत कई सभी गतिविधियां बेहतर हों. हर साल इस अवॉर्ड के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पतालों का निरीक्षण करती हैं. इसमें पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर आने वाले अस्पतालों को 50, 20 और 10 लाख रुपए तक का पुरस्कार दिया जाता है. वहीं 70 फीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले अस्पतालों को 3 लाख रुपए तक का सांत्वना पुरस्कार दिया जाता है. डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि आज तमाम व्यवस्थाओं को लेकर टीम ने निरीक्षण किया है. इसके परिणाम मार्च के पहले सप्ताह में घोषित किए जाएंगे.