भोपाल। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा भोपाल में कोरोना वायरस से बचने के लिए शुरुआती तौर पर मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी गई है. वहीं कुछ क्षेत्रों में यह पाया गया है कि इनके विक्रेता उचित मूल्य से ज्यादा दाम पर ग्राहकों को उत्पाद बेच रहे हैं, जिसे देखते हुए नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर उत्पादकों और विक्रेता संगठनों के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश दिए हैं कि ग्राहकों को उचित दाम पर ही उत्पाद उपलब्ध कराए जाए.
भोपाल में आयोजित बैठक में उत्पाद विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि एक व्यक्ति को एक साथ अधिक मात्रा में मास्क और सैनिटाइजर का विक्रय ना किया जाए. आम जनता को मास्क और सैनिटाइजर उचित मूल्य पर आसानी से मिल सके. इसके लिए बड़े स्तर पर प्रबंध किए जा रहे हैं. उत्पादन के पदाधिकारियों ने राज्य शासन को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.
स्वास्थ्य सचिव पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि हमने सभी दवा मास्क और हैंड सैनिटाइजर विक्रेताओं के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए हैं कि जरूरत से ज्यादा दवाओं और जरूरी उत्पादों का भंडारण ना किया जाए.
स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉरपोरेशन ने इस बात की पूरी तरह जांच कर ली है कि प्रदेश में केंद्र वार दवाइयों की जो उपलब्धता वह है या नहीं. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 7 मार्च 2020 तक पूरी दुनिया में 98,192 केस, कोरोना वायरस के दर्ज किए गए हैं. जिनमें 3 हजार 380 की मृत्यु हुई है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए ठोस कदम
इस बीमारी से निपटने के लिए राज्य शासन द्वारा निगरानी और नियंत्रण के उपाय कर रहा है. मध्यप्रदेश में 20 संभावित मामलों के सैंपल जांच के लिए एनआईबी पुणे भेजे गए थे और 18 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इंदौर,भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर एयरपोर्ट पर प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रदेश में दो लैब एम्स भोपाल और एनआईआरटीएच जबलपुर को कोविड 2019 की जांच के लिए चिन्ह अंकित किया गया है हालांकि प्रदेश में अभी तक कोई भी पॉजिटिव केस दर्ज नहीं किया गया है. वहीं कल ग्वालियर में एक 15 महीने के बच्चे को कोरोना वायरस के संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया है.