ETV Bharat / state

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भेदभाव, निम्न गुणवत्ता की दी जा रहीं पीपीई किट

कोरोना योद्धा के रूप में दिन रात काम कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों से भेदभाव बरता जा रहा है. कर्मचारियों को डॉक्टरों की अपेक्षा निम्न क्वालिटी की पीपीई किट दी जा रही है. इसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. पढ़िए पूरी खबर...

author img

By

Published : Jul 7, 2020, 3:16 PM IST

bhopal
bhopal

भोपाल। कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. कोरोना योद्धा के रूप में दिन रात काम कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों से साथ भेदभाव किया जा रहा है. डॉक्टर्स को जहां उच्च गुणवत्ता की पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही है तो वहीं निचले स्तर के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए निम्न गुणवत्ता की पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव

इसके कारण कई बार स्वास्थ्य कर्मचारी बेहोश होने और अन्य तकलीफों का सामना कर रहे हैं. इस मामले में कर्मचारी संगठन तो लगातार आवाज उठा ही रहा है. अब विपक्ष भी सरकार पर कोरोना योद्धाओं की जान से खिलवाड़ का आरोप लगा रहा है. इस मामले में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी कल्याण समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि कुछ जिलों के कर्मचारियों ने हमें अवगत कराया है कि जो पीपीई किट दी जा रही हैं, वो उचित क्वालिटी की नहीं है. इस कारण कई बार कर्मचारी अचेत अवस्था में चले जाते हैं, उनकी सांस बढ़ जाती है और उन्हें कई प्रकार की तकलीफ हो जाती है. भोपाल के हमीदिया अस्पताल का उदाहरण देखें तो अमानक स्तर की किट उपलब्ध कराई थीं, जिसके कारण स्टाफ नर्सेज और कई कर्मचारी अचेत अवस्था में पहुंच रहे थे. ऐसा ही मामला विदिशा और इंदौर में आया है.

लक्ष्मीनारायण शर्मा ने लगाए ये आरोप

लक्ष्मी नारायण शर्मा ने कहा कि हमारा मानना है कि सभी लोगों को समान किट उपलब्ध कराई जाएं. किट की क्वालिटी इतनी बेहतर हो, जिसके कारण कर्मचारी को कोई परेशानी ना हो, क्योंकि सुबह से लेकर शाम तक किट पहनकर काम करना वैसे ही मुश्किल काम होता है. उस पर अगर अच्छी क्वालिटी नहीं होती है, तो कर्मचारियों की कई तरह की तकलीफ बढ़ जाती है. इसलिए उनको उच्च गुणवत्ता की किट दी जाए, ताकि बेहतर ढंग से काम हो सके.

दूरदराज के इलाकों में हालात और भी बदतर

इसी तरह का आरोप मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संतोष गौतम ने लगाया है. उन्होंने कहा है कि अमानक पीपीई किट को पहनने से उत्पन्न घुटन के कारण नर्सों और कर्मचारियों के बेहोश होने की घटनाएं सामने आ रही है, जो बेहद चिंताजनक हैं. कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित इंदौर जिले में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े एम वाय अस्पताल में जब लापरवाही, भ्रष्टाचार , भेदभाव और संवेदनशीलता का यह आलम है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के छोटे जिलों और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार और लापरवाही का क्या हाल होगा.

कोरोना योद्धाओं का जीवन दांव पर

कोरोना महामारी से निपटने के लिए मिले करोड़ों रुपए के फंड और जन सहयोग से प्राप्त बड़ी राशि के बाद भी यदि प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ऐसी घटिया पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही हैं तो यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि राहत राशि के रूप में बड़े पैमाने पर बंदरबांट चल रहा है और भ्रष्टाचारियों ने अपने स्वास्थ्य के लिए कोरोना योद्धाओं का जीवन दाव पर लगा दिया है.

भोपाल। कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. कोरोना योद्धा के रूप में दिन रात काम कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों से साथ भेदभाव किया जा रहा है. डॉक्टर्स को जहां उच्च गुणवत्ता की पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही है तो वहीं निचले स्तर के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए निम्न गुणवत्ता की पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव

इसके कारण कई बार स्वास्थ्य कर्मचारी बेहोश होने और अन्य तकलीफों का सामना कर रहे हैं. इस मामले में कर्मचारी संगठन तो लगातार आवाज उठा ही रहा है. अब विपक्ष भी सरकार पर कोरोना योद्धाओं की जान से खिलवाड़ का आरोप लगा रहा है. इस मामले में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी कल्याण समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि कुछ जिलों के कर्मचारियों ने हमें अवगत कराया है कि जो पीपीई किट दी जा रही हैं, वो उचित क्वालिटी की नहीं है. इस कारण कई बार कर्मचारी अचेत अवस्था में चले जाते हैं, उनकी सांस बढ़ जाती है और उन्हें कई प्रकार की तकलीफ हो जाती है. भोपाल के हमीदिया अस्पताल का उदाहरण देखें तो अमानक स्तर की किट उपलब्ध कराई थीं, जिसके कारण स्टाफ नर्सेज और कई कर्मचारी अचेत अवस्था में पहुंच रहे थे. ऐसा ही मामला विदिशा और इंदौर में आया है.

लक्ष्मीनारायण शर्मा ने लगाए ये आरोप

लक्ष्मी नारायण शर्मा ने कहा कि हमारा मानना है कि सभी लोगों को समान किट उपलब्ध कराई जाएं. किट की क्वालिटी इतनी बेहतर हो, जिसके कारण कर्मचारी को कोई परेशानी ना हो, क्योंकि सुबह से लेकर शाम तक किट पहनकर काम करना वैसे ही मुश्किल काम होता है. उस पर अगर अच्छी क्वालिटी नहीं होती है, तो कर्मचारियों की कई तरह की तकलीफ बढ़ जाती है. इसलिए उनको उच्च गुणवत्ता की किट दी जाए, ताकि बेहतर ढंग से काम हो सके.

दूरदराज के इलाकों में हालात और भी बदतर

इसी तरह का आरोप मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संतोष गौतम ने लगाया है. उन्होंने कहा है कि अमानक पीपीई किट को पहनने से उत्पन्न घुटन के कारण नर्सों और कर्मचारियों के बेहोश होने की घटनाएं सामने आ रही है, जो बेहद चिंताजनक हैं. कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित इंदौर जिले में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े एम वाय अस्पताल में जब लापरवाही, भ्रष्टाचार , भेदभाव और संवेदनशीलता का यह आलम है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के छोटे जिलों और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार और लापरवाही का क्या हाल होगा.

कोरोना योद्धाओं का जीवन दांव पर

कोरोना महामारी से निपटने के लिए मिले करोड़ों रुपए के फंड और जन सहयोग से प्राप्त बड़ी राशि के बाद भी यदि प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ऐसी घटिया पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही हैं तो यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि राहत राशि के रूप में बड़े पैमाने पर बंदरबांट चल रहा है और भ्रष्टाचारियों ने अपने स्वास्थ्य के लिए कोरोना योद्धाओं का जीवन दाव पर लगा दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.