भोपाल। राजधानी का हमीदिया अस्पताल हमेशा ही अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में बना रहता है, कोरोना काल के दौरान भी हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई खास सुधार नहीं हो पाया है. राज्य सरकार के द्वारा हमीदिया अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए विशेष तौर पर कोविड वार्ड बनाया गया है, जहां पर कई कोरोना संक्रमित मरीज एडमिट हैं, हमीदिया अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बार-बार कोरोना संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज किए जाने का दावा किया गया है, लेकिन देर शाम अस्पताल के उन दावों की पोल तब खुल गई जब अस्पताल में एडमिट कई संक्रमित मरीजों के परिजनों ने अस्पताल के द्वारा की जा रही लापरवाही को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया. कोविड वार्ड में एडमिट संक्रमित मरीजों के परिजन, पिछले 5 दिनों से लगातार परेशान हो रहे थे, लेकिन जब उनका सब्र का बांध टूट गया, तो उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर अपना विरोध जताया है.
हमीदिया अस्पताल में बड़ी लापरवाही
दरअसल, हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड में कई संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स और सहयोगी स्टाफ के द्वारा पेशेंट को सही सुविधा नहीं दी जा रही है. जिसकी शिकायत स्वयं पेशेंट के द्वारा अपने परिजनों से की गई है. इसके बाद ही यह पूरा मामला उजागर हो पाया है. हंगामा कर रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों का आरोप है कि, हमीदिया अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को एडमिट तो किया जा रहा है, लेकिन उन पर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. एक युवक ने बताया कि उनकी मां इस अस्पताल में एडमिट हैं, लेकिन उन्हें गरम पानी का पिछले 24 घंटे से इंतजार करना पड़ रहा है, जब उन्होंने इसकी सूचना उन्हें फोन पर दी, तो मजबूरी में उन्हें गरम पानी लाकर देना पड़ा है, जबकि यह काम अस्पताल के द्वारा किया जाना चाहिए, क्योंकि परिजनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं है.
इसके अलावा शिकायत के लिए हमीदिया अस्पताल में जो मोबाइल नंबर दिए गए हैं, वे ज्यादातर बंद आ रहे हैं. इसके अलावा जिस नंबर पर बात की गई है, तो उन्होंने भी सही जवाब नहीं दिया. युवक ने कहा कि, ऐसी स्थिति में हम चाहते हैं कि, हमें पीपीई किट दे दी जाए, ताकि हम अपने मरीज की सही ढंग से सेवा कर सके, नहीं तो हमारे मरीज को तत्काल डिस्चार्ज कर दिया जाए, हम अपने मरीज को अपने घर ले जाएंगे और वहीं पर उनका उपचार करेंगे, क्योंकि हमीदिया अस्पताल में जितने भी संक्रमित मरीज आ रहे हैं. उसमें से ज्यादातर की मौत हो रही है और उसका कारण भी यही है कि, यहां पर मरीजों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है और पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है.
मरीज से नहीं करने दी जा रही बात
वहीं कुछ परेशान महिलाओं का कहना है कि, उनके परिजनों से ना तो मिलने दिया जा रहा है और ना ही फोन पर बातचीत करवाई जा रही है. हमें तो यह भी नहीं मालूम कि हमारा मरीज जिंदा है या मर गया है, क्योंकि अस्पताल के द्वारा किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है. बातचीत करने पर उन्हें बार-बार बाहर भगा दिया जाता है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से करेंगे मामले की शिकायत
परिजनों के द्वारा किए जा रहे हंगामे के बाद वहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने पहले तो परिजनों को डराने की कोशिश की, इस दौरान कुछ लोगों के द्वारा इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया जा रहा था, जिसे सिक्योरिटी गार्ड के द्वारा रोकने का प्रयास भी किया गया. लेकिन परिजनों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए कुछ देर बाद वो भी वहां से चला गया. परिजनों ने बताया है कि, वो हमीदिया अस्पताल में की जा रही लापरवाही की शिकायत जल्द ही प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से करेंगे, ताकि जो अव्यवस्था इस समय हमीदिया अस्पताल में की जा रही है, उसे रोका जाए वरना यहां आने वाले ज्यादातर मरीजों की मौत केवल लापरवाही की वजह से ही हो जाएगी.